Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ग़ज़ल सुनाइए Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ग़ज़ल सुनाइए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ग़ज़ल सुनाइए.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Afzal Sultanpuri

बात उलझी हो तो और उलझाइए नहीं, दिल लगाना चाहे भी तो लगाइए नहीं, بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں दु #Shayari #Hopeless

read more
बात उलझी  हो तो और  उलझाइए नहीं,
दिल  लगाना  चाहे भी  तो  लगाइए नहीं,
بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں 
دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں 

दुश्मनी हैं  तो क्यूं  है दावत  का इंतजाम 
मैं फिर से कह  रहा हूं उन्हें  बुलाइए नहीं,
دشمنی ہیں  تو کیوں ہی دعوت کا انتظام 
میں فر سے کہ رہا ہوں انھ بلائے نہیں 

ले आए  हैं क़ब्र  की  जानिब  तो लिटा दें
मिट्टी की  दुआ पढ़े  ग़ज़ल  सुनाइए नहीं,
لے ای ہیں تو قبر کی ذنب تو لٹا  دیں 
متی کی دوا پڑھیں غزل سنائے نہیں 

ज़िंदा थे  जब तक  हमारा हाल नहीं पूछा
अब मेरे मरने  के बाद आसूं गिराइए नहीं,
زندہ تھے جب تک ہمرا حال نہیں پوچھ 
اب میرے مرنے کے بعد آنسوں گرائے نہیں 

हम ज़िंदा थे तो  कभी ईद मनाया नहीं गया
हम मर चुके हैं तो  झूठे मातम मनाइए नहीं,
ہم زندہ تھے تو کبھی عید منایا نہیں گیا 
ہم مر چکے ہیں تو جھوٹھے ماتم منائے  نہیں 

ज़िंदा रहते बदन को  कपड़े नसीब ना हुए
अब गुल,चादरों से मेरी क़ब्र सजाइए नहीं,
زندہ رہتے بدن کو کپڑے نصیب نہ ہوئے 
اب گل ، چادروں سے میری قبر سجائے نہیں 

किसने पढ़े दुरूद, किसने  कराई बख्शिश
अफ़ज़ल हर एक को आप समझाइए नहीं,
کسنے پڑھے درود ، کسنے کرای بخشش 
افضل ہر ایک کو آپ سمجھائے نہیں  

चिताएं जल रही हैं रात को दफनाया जा रहा
लखनऊ तेजी से जल रहा है मुस्कुराइए नहीं

چتایں جل رہی ہیں رات کو دفنایا جا رہا 
لکھنؤ تیجی سے جل رہا ہی مسکرائے نہیں

©Afzal Sultanpuri बात उलझी  हो तो और  उलझाइए नहीं,
दिल  लगाना  चाहे भी  तो  लगाइए नहीं,
بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں 
دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں 

दु

Afzal Sultanpuri

बात उलझी हो तो और उलझाइए नहीं, दिल लगाना चाहे भी तो लगाइए नहीं, بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں दु #Shayari #Hopeless

read more
बात उलझी  हो तो और  उलझाइए नहीं,
दिल  लगाना  चाहे भी  तो  लगाइए नहीं,
بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں 
دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں 

दुश्मनी हैं  तो क्यूं  है दावत  का इंतजाम 
मैं फिर से कह  रहा हूं उन्हें  बुलाइए नहीं,
دشمنی ہیں  تو کیوں ہی دعوت کا انتظام 
میں فر سے کہ رہا ہوں انھ بلائے نہیں 

ले आए  हैं क़ब्र  की  जानिब  तो लिटा दें
मिट्टी की  दुआ पढ़े  ग़ज़ल  सुनाइए नहीं,
لے ای ہیں تو قبر کی ذنب تو لٹا  دیں 
متی کی دوا پڑھیں غزل سنائے نہیں 

ज़िंदा थे  जब तक  हमारा हाल नहीं पूछा
अब मेरे मरने  के बाद आसूं गिराइए नहीं,
زندہ تھے جب تک ہمرا حال نہیں پوچھ 
اب میرے مرنے کے بعد آنسوں گرائے نہیں 

हम ज़िंदा थे तो  कभी ईद मनाया नहीं गया
हम मर चुके हैं तो  झूठे मातम मनाइए नहीं,
ہم زندہ تھے تو کبھی عید منایا نہیں گیا 
ہم مر چکے ہیں تو جھوٹھے ماتم منائے  نہیں 

ज़िंदा रहते बदन को  कपड़े नसीब ना हुए
अब गुल,चादरों से मेरी क़ब्र सजाइए नहीं,
زندہ رہتے بدن کو کپڑے نصیب نہ ہوئے 
اب گل ، چادروں سے میری قبر سجائے نہیں 

किसने पढ़े दुरूद, किसने  कराई बख्शिश
अफ़ज़ल हर एक को आप समझाइए नहीं,
کسنے پڑھے درود ، کسنے کرای بخشش 
افضل ہر ایک کو آپ سمجھائے نہیں  

चिताएं जल रही हैं रात को दफनाया जा रहा
लखनऊ तेजी से जल रहा है मुस्कुराइए नहीं

چتایں جل رہی ہیں رات کو دفنایا جا رہا 
لکھنؤ تیجی سے جل رہا ہی مسکرائے نہیں

©Afzal Sultanpuri
  बात उलझी  हो तो और  उलझाइए नहीं,
दिल  लगाना  चाहे भी  तो  लगाइए नहीं,
بات الجھی ہو تو اور الجھائے نہیں 
دل لگانا چاہے بھی تو لگائے نہیں 

दु

Deep bawara

YourQuoteAndMine शेर शायरी गज़ल ग़ज़ल

read more
तुम्हारी चूत के वलवले हो रहें है
हम भी कितने सरफिरे हो रहें है
चलो चल के करे चुदाई
तुम्हारे चूत के द्वार खुल रहे है

©Deep bawara #Nojoto #YourQuoteAndMine #शेर #शायरी #गज़ल #ग़ज़ल

Kushal - कुशल

#खामोश ग़ज़ल मैं तुमको सुनाऊं कैसे... #gazal #Shayari #SAD

read more
mute video

Ali sir (A+A)

ग़ज़ल

read more
mute video

Veena Khandelwal

ग़ज़ल

read more
#ग़ज़ल

मुहब्बत जब करें आँखे , इबारत ही नहीं होती।
दिखावे की ज़ताने की,लियाकत ही नहीं होती।

सफीने दिल लिखी मेरे ,इबारत तुम ज़रा पढ़ लो।
उसे इज़हार करने की  , ज़रूरत ही नहीं होती।

नज़ाकत है अदाओं में,नज़ारत से भरा चेहरा।
इशारों से अगर छेड़ूं  , शरारत ही नहीं होती  ।

इबादत इश्क को समझे,शिकायत हो ना इक दूजे।
मुहब्बत में वहां यारों  , सियासत ही नहीं होती।

जहाँ दो प्यार करते दिल,दो तन  इक जान हो जाये 
खुदा जाने बड़ी इससे , इनायत ही नहीं होती।

करी माँ बाप की सेवा, खुशी दामन भरे उनके।
बड़ी इससे कभी कोई  , इबादत ही नहीं होती।

हया आँखों में थोड़ी हो,जरा हो चाल गजनी सी।
लबों मुस्कान हो ऐसी नज़ाकत ही नहीं होती।

मुहब्बत पास इतनी हो,मगर कुछ बंदिशें भी हो।
सम्हाले किस तरह दिल को,हिफ़ाज़त ही नहीं होती।

बिखर जाये मुहब्बत जब,बसा घर भी बिखर जाये।
तमन्ना हो ना जीने की ,कयामत ही नहीं होती।


नज़ारत=ताजगी
लियाकत=योग्यता,शालिनता ग़ज़ल

के_मीनू_तोष

............. #ग़ज़ल

Azhar Ali Imroz

ग़ज़ल

read more
ग़ज़ल
आँखे क्यों नम है
सब है तो हम है
हम में भी ग़म है
दुनिया क्यों‌ कम है 
धरती   पे  रन  है 
पीने  को   रम  है
जाती  तेरी  जो 
सब के सब सम है
छाती  में  ले कर 
चलते क्यों बम है
 तेरी जाँ ,जाँ  है
   तूँहीं   रूपम  है
         तुझ में भी क्या है?
       चींटी का दम  है
        जग में परिवर्तन   
       तूँ कैसा लम है
        जो जल,जम जाए 
      तूँ वैसा जम है 
       फिर इस धरती पे
         क्यों  होता धम है

    अज़हर अली इमरोज़
मतलब
रन ----युद्ध/युद्ध का मैदान
रम---विलायती शराब
रूपम___सौंदर्य/सुन्दर /गुनकारी ग़ज़ल

दुर्गेश निर्झर

मतला, मकता, काफ़िया या रदीफ;
मैं तो तुझे ही अश आर लिखता हूँ॥ 
मैं ग़ज़ल नहीं तेरा प्यार लिखता हूँ॥
      
               ©दुर्गेश पण्डित #ग़ज़ल

Irfan Abid

ग़ज़ल
غزل
आपको बा-शऊर होना था
दिल तो शीशा है चूर होना था
آپ کو با۔شعور ہونا تھا۔
دل تو شیشہ ہے چور ہونا تھا۔ 
हम मुहब्बत से क्या गिला करते
तुमको मिलना था दूर होना था
ہم محبت سے کیا گلہ کرتے۔
تم کو ملنا تھا دور ہونا تھا۔ 
सारी दुनिया से मुझे फर्क़ नही
तुमको मेरा ज़ुरुर होना था
ساری دنیا سے مجھے فرق نہیں۔
تم کو میرا ضرور ہونا تھا۔
मानता ही नही दिले-नादां
अहले-दिल थे फ़ुतूर होना था
مانتا ہی نہیں دل۔ناداں۔
اہل دل تھے فتور ہونا تھا۔
वो ख़ुदा तो नही ख़ुदा की क़सम
पर हसीं है गुरुर होना था
وہ خدا تو نہیں خدا کی قسم۔
پر حسینی ہیں غرور ہونا تھا۔
क्यूं सज़ा पा रहा है तू आबिद
तुझको तो बे-क़सूर होना था
کیوں سزا پا رہا ہے تو عبد۔
تجھ کو تو بے قصور ہونا تھا۔
عرفان عابد
इरफ़ान आबिद #ग़ज़ल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile