Find the Latest Status about दोषी ka english from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दोषी ka english.
Drjagriti
कभी "दूसरों" को तो, कभी "हालात" को दोषी बताते हैं हम "खुद" से ही खुद की "गलतियां" छुपाते हैं! ©Drjagriti # दोषी
Pooja Bist
दोषों से घिरा मेरा कल लेकिन दोषी मै नही, मेरा है आने वाला कल। जान जाओगे तुम भी कल को, जिओ पहले आज को। दोषी तुम भी नही, यहाँ हम भी नही, करामात के खेल हम कहा पहचान पाते है, इसिलिए दोषी तुम भी नही हम भी नही, दोषी है आने वाला कल। #दोषी
Anvesh Mishra Mukul
किसी भी घटना के लिए खुद को दोष न दें क्योंकि ऐसा करने से आप खुद को अंदर से खोखला कर लेंगे और जब तक आपको पता चलेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। Never blame yourself for any incident because by doing this you will hollow yourself from inside and by the time you come to know, it is too late. #guilt #दोषी
duggu_durgesh
मत बेवजह दोष दे इस दिल को तू यूँ ही नही ये तेरे से दूर होना चाहता है तेरी यादों की बंदिशो में बेबस है ये बस अब आज़ाद बन उड़ना चाहता है। चल न देंगे अपने इश्क़ को बेवफ़ा का नाम कसूर तेरा या मेरा नही वो तो हालात थे जिनने दूर किया था वरना ये दिल तो अब भी तेरी मोहब्बत का ही मोहताज़ होना चाहता है। दोषी दिल😇
Monika Garg
बाय, मम्मी!बाय, आज भी अंशुल जोर जोर से अपनी माँ को स्कूल जाता हुआ बाय बाय कर रहा था।ये इत्तेफाक ही था कि इधर मीना चाय पी रही होती और उधर अंशुल स्कूल जा रहा होता था।वह दौड़ कर छज्जे पर आ जाती और उसको स्कूल जाते हुए देखती।थोड़ी देर वह भूल जाती कि उसे पति के लिए नाशता भी बनाना है ।बस उसके मासूम चहेरे को देखती रहती और अपनी माँ न बन पाने की कमी को उसे देख कर पूरा करती रहती। अंशुल था ही इतना मासूम।कई बार वह उसे भी 'बाय 'बोल कर जाता था।जिस दिन बोल कर जाता उस दिन तो निहाल सी हो जाती थी मीना । दोनों में कही पिछ्ले जन्म का रिश्ता था शायद।कभी कभार वह उसके घर आ जाता था खेलने तो मीना उसकी जेबे भर देती थी खाने की चीजों से ।कई बार अंशुल की माँ कहती,"मीना बहन तुम बिगाड़ दो गी अंशुल को।"वह हंस कर रह जाती । उस दिन भी अंशुल हर बार की तरह जोर जोर से 'बाय 'बोल रहा था।मीना भाग कर छज्जे पर गई।उस दिन अंशुल ने उपर देखते हुए मीना को भी हाथ हिला कर 'बाय बोला।मीना के मन को आज कुछ अजीब सा लग रहा था ।पता नही क्यो ।लेकिन वह अपने विचारों को झटक कर काम मे लग गयी। थोड़ी सी देर बाद, बस उसने अजय का टिफ़िन ही तैयार किया था आफिस के लिए ।इतने मे अंशुल के घर से उसकी माँ की जोर जोर से रोने की आवाज सुनाई दी ।मीना को झटका सा लगा ।अनहोनी की आशंका से वह दौडी दौडी उसके घर गयी तो पता चला अंशुल को किसी ने स्कूल के बाथरूम में चाकू से बुरी तरह घायल कर दिया है और उसकी हालत सीरियस है ।उसे शहर के बड़े अस्पताल ले गये है।अंशुल की माँ बार-बार अचेत हो रही थी।मीना उसे सम्हालने मे लगी हुई थी आखों में आंसू और यही सोच रही थी कि उस नन्ही सी जान की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती थी जो उसे कोई चाकू से मारे गा। थोड़ी देर बाद अस्पताल से फोन आया अंशुल के पापा का कि अंशुल नही रहा।मीना तो एक दम गिरते-गिरते बची ।अंशुल की माँ तो नीम बेहोशी की हालत मे चली गयी।पानी के छींटे मारने पर जरा सा होश आता तो "मेरा बाबू ,आज मुझे बाय बोल कर गया था ।बहन उस ने तुम्हे भी बोला था।कहाँ चला गया मेरा बाबू।"ये कहती और बेहोश हो जाती।अंशुल की माँ की हालत गंभीर हो गयी थी।मीना का ही रो रो कर बुरा हाल था ।बस यही सोचकर कलेजा मुंह को आ रहा था कि उस बच्चे की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है । लाश का पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि गर्दन पर चाकू के वार से सांस की नली कटने से अंशुल की मौत हुई थी ।लाश घर आ गयी माँ तो नीम बेहोशी में थी पिता ने और पास पड़ोस वालों ने नन्हे अंशुल को नम आँखों से अन्तिम विदाई दी।दाह संस्कार करा के सब लोग अपने घरों को चले गये।मीना भी घर आ गयी।बार-बार उसके आगे नन्हे अंशुल का चेहरा घुम रहा था।मन मे तरह-तरह के विचार आ रहे थे।कभी सोचती ,हो सकता है उसने किसी को गलत परिस्थिति में देख लिया हो। या उसके साथ ही कोई गलत हरकत कर रहा हो जब अंशुल ने उस का विरोध किया हो तो उसने उस पर चाकू का वार किया हो।कभी कुछ कभी कुछ ।बस मीना पागलों की तरह सोचें जा रही थी।अगले दिन मीडिया का जमावड़ा लगा गया ।जितने मुँह उतनी बातें ।कभी अंशुल की माँ की हालत दिखा रहें थे कभी पिता से पूछ रहे थे।मीना को बड़ा गुस्सा आ रहा था ।अगर ये लोग इन की हालत को दिखाने के बजाये उस कातिल को पकड़ने में पुलिस की सहायता करे तो कितना अच्छा होता ।स्कूल भी शहर का जाना माना था।अपनी साख बचाने के लिए उन्होंने बस ड्राईवर को पुलिस के हवाले कर दिया कि नशे की हालत मे उस से ये गलती हो गयी है ।पर थोड़े दिनों बाद ही सच सामने आ गया कि स्कूल वालो ने पैसे खिला कर ड्राइवर से गुनाह कबूल करवाया था । अब दोषी कौन है यही रहस्य बना हुआ था ।आखिर कार अंशुल के पापा मम्मी के मीडिया में यह बोलने के कारण कि इसकी सी बी आई जांच होनी चाहिए ।जांच पूरी होने के बाद जो सच सामने आया तो वो रौंगटे खड़े कर देने वाला था । अंशुल को चाकू उसी के स्कूल के एक बडी कक्षा के बच्चे ने मारा था। कारण और भी भयावह था। वो बड़ी क्लास का लड़का पढाई में कमज़ोर था।अंशुल की मौत से दो दिन बाद टीचर पैरंट्स मीटिंग होनी थी।उस बच्चे के कक्षा में सबसे कम अंक थे।टीचर से तो वो पीट चुका था ।लेकिन माँ बाप का डर उसे सता रहा था।वह अपने दोस्तो को कह कर गया था कि अब की बार ऐसा धमाका करूँ गा।कि ये टीचर पैरंट्स मीटिंग होगी ही नही।तुम कल देख लेना। हे भगवान!मीना सोचती ही रह गयी कि दोषी कौन है।स्कूल मे बच्चो पर ज्यादा पढ़ाई का दबाव बनाने वाले अध्यापक, या जो वे ख़ुद नही कर सके वो इच्छाए अपने बच्चो के जरिए पूरी करने वाले माँ बाप ,या हर रोज टेलीविजन पर दिखाये जाने वाले हिंसात्मक प्रोग्राम ।बस मीना का सर घूमने लगा और वह सिर पकड़ कर बैठ गयी।..............?????????? ©Monika Garg दोषी कौन? #dilemma
Anjali Jain
विपरीत दिशा अब तो अपने कर्म और भाग्य को दोष देना सबने छोड़ दिया है, कुछ भी हानि हो चाहे प्राकृतिक रूप से या कृत्रिम रूप से हर बात के लिए सरकार दोषी है!! ©अंजलि जैन दोषी 23.03.21 #WForWriters