मिट्टी के टुकडो की खातिर , तुम कितना लहू बहाओगे ,
मानव हो तुम मानव जग में , मानव कब कहलाओगे
जिसें मानते धरती माता , अब उसके लाल मिटाओगे
म #कविता#WritersSpecial
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Ravindra Gehlot
#shabd जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान मोल करो तलवार का पड़ा जाति न पूछो #कविता