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sejal
माता aur पिता खता क्या है मेरी, सज़ा क्या है मेरी, ये तो बता दो आप दोनों, थक गई हूं मैं इन रोज रोज के किस्सों से अब बट जाती हूं मैं रोज़ कर्ई हिस्सों में, नहीं चाहिए आप दोनों से मुझे कुछ, बस अपने हिस्से का प्यार मांगती हूं, ज़िन्दगी के इस मुश्किल सफ़र में, बस आप दोनों का साथ और आशीर्वाद मांगती हूं, गर जो ना दे सको इन में से कुछ, तो बस जहर मांगती हूं, आप दोनों से बस अब मौत मांगती हूं मैं आप दोनों की गोद में सिर रखकर बस एक लम्बी नींद मांगती हूं, आज फ़िर से दोनों की हाथों की सिरहन मांगती हूं।। नवी वर्मा. खाता क्या है मेरी.....
sunny pal
What have you done to my heart Don't feel anywhere without you When you're together day and night don't know I do not spend a single moment without you ©sunny pal क्या किया है
अजय 'निलय'
...किसी के सपनों की दुनियाँ में,आग लगाई जाती है क्या... ...सदियों से जो चली आ रही,प्रीत भुलाई जाती है क्या... ...प्रीत भुलाई जाती है क्या...
Chitra
जिसके साए में हम .... बिना डर के बड़े हो जाते हैं अक्सर उन्हीं से कहते है कि किया ही क्या हैं ......तुमने....!!! chitra "writer"✍️ ©Chitra किया ही क्या है ।
अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
कभी कभी हवा क्या -क्या कहती है , मिलकर आती है तुझसे और मेरे दिल को छु जाती है। तेरा अहसास है उसमे तेरी महक आती है , दिल के बंजर मे बदली सावन की छा जाती है। कभी समझो मेरे हालात तुम और मेरे हमदम , आंख भींग जाती है जब तेरी याद आती है । हवा के जैसे तुझमे घुल जाने की तमन्ना है बस तुम हो सामने और नये छंद बनाने के लिए कलम चल जाती है हवा कभी कभी क्या क्या कह जाती है
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी जलियाँ वाला हत्याकांड गोरो के अत्याचारो का स्मारक है खूनी खेल खेलना ही हुकूमतों की ताकत है जब जब बैशाखी आती है छाती भारतीयों की धधक जाती है राजगुरु अशफाक भगत सिंह की ललकार जलियाँ बाग हत्याकांड की बगावत थी गोरो को विदा किया लेकिन उसके मानस पुत्र आज भी गुलामी बोते है उनके ही कानूनो से जुल्मो की फसल बोते है चौगुनी लगानो से किसान गरीबी ढोते है इतने वर्षों की आजादी मगर हक नही मिल पाता है धरतीपुत्र सड़को पर संग्राम करे तब तब कुचला जाता है जाति धर्म भाषा मे देश बाँटा जाता है दंगो की विसात बिछाकर कौमो को डराया जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" छाती भारतीय धधक जाती है