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vishnu prabhakar singh

ॐ दुर्गा देव्यै नमः। माँ दुर्गे एकाकी शक्ति आदि शक्ति ,गुणवती धर्म रक्षिका ,भवानी प्रधान प्रकृति, साध्वी जन शाक्त पूजें जया शीशनमित,मांगे #yqbaba #yqdidi #नवरात्रि #Durgapuja #miscellaneous #aami #विप्रणु

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माँ दुर्गे एकाकी शक्ति
आदि शक्ति ,गुणवती
धर्म  रक्षिका ,भवानी
प्रधान प्रकृति, साध्वी

जन शाक्त  पूजें जया
शीशनमित,मांगे दया
नमूद कर, तार  माते
बुद्धि तत्व,कुल सजा
 
माँ दुर्गे  विकार रहित
सती,  साध्वी, आध्या
भवमोचनी, भवप्रीता
केवल  देवी आराध्या

जय मातादी जयकार
ख्याति देवी अपरंपार
देवी कवच,सूक्त दात्री
माँ  पूरंजनी मोक्ष द्वार

माँ दुर्गे  गुणवती माया
आर्या पाटला,बलप्रदा
सत्यास्वरूपी  अनन्ता
ब्राह्मी ही  भजो सर्वदा
 ॐ दुर्गा देव्यै नमः।

माँ दुर्गे एकाकी शक्ति
आदि शक्ति ,गुणवती
धर्म  रक्षिका ,भवानी
प्रधान प्रकृति, साध्वी
जन शाक्त  पूजें जया
शीशनमित,मांगे

Ajeet Kumar

तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है, देख तुम्हें, धड़कन में कभी त्वरण तो कभी मंदन है, तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हा

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तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है,
देख तुम्हें, धड़कन में
कभी त्वरण तो कभी मंदन है,
तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती
प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हारा अकिंचन है,

तुमसे ही ये प्रेमरूपी खेल भी है
जहाँ जुदाई और अपना मेल भी है
एक पल भावपूूर्ण तिरस्कार, फिर अभिनंदन भी है तुमसे प्रिय, ये मधुर स्नेह-स्पंदन है,
देख तुम्हें, धड़कन में
कभी त्वरण तो कभी मंदन है,
तुम अप्सरा ठहरी, देवी गुणवती
प्रेम बिना, प्रेमी तुम्हा

Vikas Sharma Shivaaya'

ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश को ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मान जाता है। क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश का कोई पिता नहीं है? वेदों में लिखा है कि जो ज #समाज

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ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश को ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मान जाता है। क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश का कोई पिता नहीं है? वेदों में लिखा है कि जो जन्मा या प्रकट है वह ईश्‍वर नहीं हो सकता। ईश्‍वर अजन्मा, अप्रकट और निराकार है।
शिवपुराण के अनुसार उस अविनाशी परब्रह्म (काल) ने कुछ काल के बाद द्वितीय की इच्छा प्रकट की। उसके भीतर एक से अनेक होने का संकल्प उदित हुआ। तब उस निराकार परमात्मा ने अपनी लीला शक्ति से आकार की कल्पना की, जो मूर्तिरहित परम ब्रह्म है। परम ब्रह्म अर्थात एकाक्षर ब्रह्म। परम अक्षर ब्रह्म। वह परम ब्रह्म भगवान सदाशिव है। एकांकी रहकर स्वेच्छा से सभी ओर विहार करने वाले उस सदाशिव ने अपने विग्रह (शरीर) से शक्ति की सृष्टि की, जो उनके अपने श्रीअंग से कभी अलग होने वाली नहीं थी। सदाशिव की उस पराशक्ति को प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धि तत्व की जननी तथा विकाररहित बताया गया है।
 
वह शक्ति अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) कही गई है। उसको प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेव जननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सदाशिव द्वारा प्रकट की गई उस शक्ति की 8 भुजाएं हैं।

पराशक्ति जगतजननी वह देवी नाना प्रकार की गतियों से संपन्न है और अनेक प्रकार के अस्त्र शक्ति धारण करती है। एकांकिनी होने पर भी वह माया शक्ति संयोगवशात अनेक हो जाती है। उस कालरूप सदाशिव की अर्द्धांगिनी हैं जिसे जगदम्बा भी कहते हैं। 

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 323 से 334 नाम 
 
323 अपां-निधिः जिसमे अप (जल) एकत्रित रहता है वो सागर हैं
324 अधिष्ठानम् जिनमे सब भूत स्थित हैं
325 अप्रमत्तः कर्मानुसार फल देते हुए कभी चूकते नहीं हैं
326 प्रतिष्ठितः जो अपनी महिमा में स्थित हैं
327 स्कन्दः स्कंदन करने वाले हैं
328 स्कन्दधरः स्कन्द अर्थात धर्ममार्ग को धारण करने वाले हैं
329 धूर्यः समस्त भूतों के जन्मादिरूप धुर (बोझे) को धारण करने वाले हैं
330 वरदः इच्छित वर देने वाले हैं
331 वायुवाहनः आवह आदि सात वायुओं को चलाने वाले हैं
332 वासुदेवः जो वासु हैं और देव भी हैं
333 बृहद्भानुः अति बृहत् किरणों से संसार को प्रकाशित करने वाले
334 आदिदेवः सबके आदि हैं और देव भी हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश को ही सर्वोत्तम और स्वयंभू मान जाता है। क्या ब्रह्मा, विष्णु और महेश का कोई पिता नहीं है? वेदों में लिखा है कि जो ज

ajay kumar kawde

गुणवंत सरकार #समाज

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Utkarsh Jain

गुजरती थी

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हर श्याम गुजरती थी उनकी ही यादों में,
हर रात गुजारती थी उनके ही खयालों में,
गुजरता था हर दिन उनकी जुल्फों के सायों में,
अब बस में हूं और मय है प्यालों में,
अटक कर रह गया हूं जहां के सवालों में।
दुनिया तोल रही है मुझको अलग अलग पैमानों में,
बांट दी मेरी मोहब्बत ज़माने ने खानदानों में। गुजरती थी

Abhishek Kumar

गुजरती यादें #कविता

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कार्तिक बिता parv त्योहार me, अगहन moti chun पौष ki kapkapi har kapae, nye sal nya junoon

©Abhishek Kumar गुजरती यादें
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