जो दिखता है वो बिकता है।।
जो दिखता है वो बिकता,
सच कहाँ कब टिकता है।
जीवन का एक एक पन्ना,
बिखरा बिखरा मिलता है।
ढोंग हुआ एक रोग बुरा, #Poetry#Truth#kavita
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Arsh
यह भूखंड मुझे देश लगता हीं नहीं... कबीला लगता है कबीला। हर दृष्टिकोण से...बात चाहे सत्ता के हस्तानांतरण की हो., सामाजिक न्याय की या फिर आर्थ #Article#Pakistan#पाकिस्तान#Arsh#भाग_1#मारखोर
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Swatantra Yadav
तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना,
सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा
13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल
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स्वतन्त्र यादव
तुमने देखा ही नहीं, पेड़ से पत्तों का गिरना,
सम्भल,ये पतझड़ तुझे भी काट कर गुजरेगा
13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल
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vasundhara pandey
प्रवर्त्तमान श्री ब्रह्मा के द्वितीय परार्द्ध में
श्री श्वेतवाराह कल्प, वैवस्वत मन्वन्तर के अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम चरण में, जम्बूद्वीप