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Dr. Vishal Singh Vatslya
अक्सर आइने झूठ बोला करते है पर उनकी खासियत है कि, ये किसी का ना दिल तोड़ा करते है .... इंसा तो सच का नकाब औड लिया करता है, शीशे से भी नाजुक दिल तोड़ दिया करता है ...... अब विश्वास करू किस पर शीशे पर या इंसा पर.... यह अब दिल समझना चाहता है... अब हर किसी को कसौटी पर परखना चाहता हैं बहुत हो गया अब नहीं सहा जाता, ये वेवफाइयो का दौर क्यों नहीं चला जाता कि नाजुक दिल है मेरा क्यों इसे तुम तोड़ देते हो ..... क्यो तुम पर शीशा नहीं बना जाता .... क्यो तुम पर शीशा नहीं बना जाता... मैरा आइना #आईना
vishnu thore
तसा प्रत्येक शब्द असतो पाऊस मनाच्या मातीवर त्याला कोसळण्याची हौस.. - विष्णू तसा प्रत्येक शब्द.....
Mukesh Poonia
शब्द से खुशी, शब्द से गम शब्द से पीड़ा, शब्द ही महरम...!! . ©Mukesh Poonia #KhulaAasman #शब्द से #खुशी, शब्द से #गम शब्द से #पीड़ा, शब्द ही #महरम...!!
Hasanand Chhatwani
*शब्द से खुशी, शब्द से गम* *शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* *शब्द से खुशी, शब्द से गम* *शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* #paper
Ratan Singh Champawat
सामना सच से कराता आईना आग से रिश्ता निभाता आईना सामना सच से कराता आईना आग से रिश्ता निभाता आईना #dilkideharise
abhisri095
लबो पे लब,अच्छे नही लगते हमे तेरे जैसे सब,अच्छे नही लगते और आइना जो चमकाया मुझपर तूने तब से खुद-ही-खुद को अच्छे नही लगते।। #NojotoQuote मैं,वो और आईना।। आईने का असर
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कागज तो होता बस बेजान सा , जान तो उसमें शब्द डालते हैं , शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू , यादों की , वादों की , अहसासों की , पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं , आँखों के सामने एक अहसास सा , शब्दों से बनती जाती रचनाएं , हर एक के मन की उथल - पुथल की , वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ , पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए , भावों को वय्क्त करते शब्द , कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द । ©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति #शब्द
दीपंकर
आज रूठे रूठे से शब्द क्यों हैं , वही जो कागज़ से लिपट के तेरे गीत गाते थे , वही जो तुम्हारे दिल को छू कर आ जाते थे , वही जो तुम्हे हसाते और गुदगुदाते थे , पर आज वही शब्द बेजान क्यों हैं ? तुमसे ही आज अनजान क्यों हैं? क्यों मौन पड़ी है कविताई , क्यों गीत भी हो चली पराई, छन्दों से शब्दों की कैसी ये जुदाई खुद से टूटे टूटे से शब्द क्यों हैं ???? रूठे से शब्द
Prashant Mishra
हैं वो सुन्दर मग़र मुकरते हैं लोग बस तेरी बात करते आपको देख लिए हैं जबसे आईना देखने से डरते हैं --प्रशान्त मिश्रा आईना देखने से डरते हैं