Find the Latest Status about भारतेन्दु हरिश्चंद्र के नाटक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, भारतेन्दु हरिश्चंद्र के नाटक.
कमलेश
आ जाए न दिल आप का भी और किसी पर देखो मिरी जाँ आँख लड़ाना नहीं अच्छा ©कमलेश #भारतेन्दु हरिशंचंद्र
Alok tripathi
मुंह जब लागै तब नहिं छूटै जाति मान धन सब कुछ लूटै। पागल करि मोहि करै खराब क्यों सखि साजन नहिं सखि सराब। ©आलोक त्रिपाठी भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की कविता #BlownWish
Chintoo Choubey
जग के नाटक देखे ऐसे, ऐसे- ऐसे,जैसे-तैसे, हर पल देखे भिन्न-भिन्न से, कुछ नखराले कुछ निराले, पर हर एक मुखौटा ऐसा ऐसा - ऐसा, जैसा तैसा, कुछ की भूलभुलैया बातें, कुछ की गोलमोल सी बातें, कुछ पर ऐसा ढोंग धतूरा, कुछ पर खाली नीम-करेला, जग के नाटक देखे ऐसे, ऐसे-ऐसे, जैसे-जैसे, ढोंग का माखौल चढ़ा है, उस पर शहद का लेप चढ़ा है, प्यार प्रेम की बात नहीं है, बेईमानों की सरकार बड़ी है, उस पर करते तमाशा ऐसा, ऐसा-ऐसा जैसा-तैसा, एक और बात,जरा ध्यान से सुनना, ये जो करते अपनापन, नहीं है उसमें जरा भी दम, खूब रोते गाते आएंगे, अपनी अपनी ही गाएंगे, सावधान! बचना ऐसे लोगों से, कैसे लोगों से? ऐसे-ऐसे लोगों से, जैसे-तैसे लोगों से, धन्यवाद! जग के नाटक
Mangal Pratap Chauhan
हिंदी के कुलदीपक.... भारतेंदु गिरिधर गोपालदास की छत्रछाया में पले-बढ़े थे, अल्पायु में ही दीखलाया चतुर्दिशा का हर एक बिंदु। हिंदी, हिंदू ,हिंदुस्तान का उद्घोष किया, कहलाये आधुनिक हिंदी के पितामह भारतेंदु।। हिंदी भाषा की नींव रखी, रीतिकालीन गलियारों से। मातृभाषा की सेवा में लगे, तन-मन-धन हृदय विकारों से।। हिन्द के हिंदी कुलदीपक थे, निज भाषा के अनमोल उद्घोषक थे। अल्पायु में ही अमर हो गए, ऐसे हिन्द के अमर हिंदी संयोजक थे।। रचनाकार~ मंगल प्रताप चौहान हिंदी के कुलदीपक.... भारतेंदु
Vrishali G
जीवनाच्या नाटकात सहभाग सगळ्यांचा असतो पण आपली भुमिका नाही वठली तर सारा तमाशा होऊन जातो नाटक