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Mokshada mishra

अर्थ का अनर्थ #Morning #विचार

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mohabbat ki ahat ko
aur ishq ki likhawat ko
badal pana aasan nahi hai ae dost

ज़रा सी समझ की फेर में
अर्थ का अनर्थ कर देती हैं ।

कलम 
with mishraji

©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ

#Morning

Ghumnam Gautam

कुछ न कह पाने की पीर से प्यार है
आँखों में नीर है, नीर से प्यार है

मर्म-थल वेधकर जिसने घायल किया
मस्त नज़रों के उस तीर प्यार है

©Ghumnam Gautam #पीर #तीर #मस्त #घायल #मर्म #नीर 
#ghumnamgautam

Rudra ashwani arya

❤️ इस ह्रदय के पीर का नीर 😭 #Quote

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----------+----------
ये प्रभात लालिमा की होती
जो खिला देती मियान का समसीर 
फिर ये संध्या ले आती
इस ह्रदय के पीर का नीर
-----------+----------
ये उत्साह खुशी की होती
जो बदल देती माथे का तकदीर
फिर ये मायूसी ले आती
इस ह्रदय के पीर का नीर
------------+------------
ये पंखुड़ी गुलाब की होती
जो मेहका देती मनुष्य का शरीर
फिर ये पतझड़ ले आती
इस ह्रदय के पीर का नीर
---------+---------
ये संयोग प्रेम की होती
जो मिला देती भावनाओं का तीर
फिर ये वियोग ले आती
इस ह्रदय के पीर का नीर
------+------+------ ❤️ इस ह्रदय के पीर का नीर 😭

KAKE KA RADIO

हीर और पीर

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मिली न कभी कोई हीर मुझे,
मिली सदा ही पीर मुझे ।
घुपे पीठ में इतने खंज़र,
हुई गहरी बहुत ही चीर मुझे ।
 #NojotoQuote हीर और पीर

Tarakeshwar Dubey

धीर वीर #gaon #कविता

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धीर वीर
............

हौसले जो हों बुलंद, हर मुश्किल हल कर सकते हैं।
दुनिया क्या रोके उसे? जो लिखी भाग्य मोड़ सकते हैं।
मुसीबतों की तू बात न कर, यह तो है आनी जानी।
मझधार फंसी कश्ती को भी, साहिल पर धर सकते है।
लक्ष्मण रेखा के दास यूं ही, बहाने गढ़ते रहते हैं।
सागर में पतवार लिए बस, मतवाले जा सकते हैं।

पुरवईया की उमस में, तन तार-तार हो जाता है।
विचलित नहीं होता वह मन, जो पर्वत से टकराता है।
सूरज की तपिस क्या? सागर शुन्य कर सकती है।
पर्वत की ऊँचाई क्या? गगन शीश चुम सकती है।
मन में ठान लिए जो नर, वह सब हासिल कर सकते हैं।
सागर में पतवार लिए बस, मतवाले जा सकते हैं।

विहग उड़ते उन्मुक्त गगन में, पर उनकी भी सीमा होती।
अर्णब होत है गहरा पर, उसकी भी परिसीमा होती।
बुझदिल साहिल के भोगी, बस बैठे ही रह जाते हैं।
सागर की गर्त से धीर वीर, मोती चुन ले आते हैं।
जुनून की बुनियाद पर, हर बाजी जीत सकते हैं।
सागर में पतवार लिए बस, मतवाले जा सकते हैं।

©Tarakeshwar Dubey धीर वीर

#gaon

Rahul Shastri worldcitizens2121

सत्संग का अर्थ

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Safar                                 July 10,2019

सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। 
ओशो सत्संग का अर्थ
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