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chandan
हॉसला इतना दे बैठा मैं उसे, वह मुझे ही झोड़कर जीनेलगी , ©chandan हॉसला इतना दे बैठा मैं उसे, वह मुझे ही झोड़कर जीनेलगी ,
Humdard Yaaro Kaa
🔥MR.S में तेरी खुशी में अपनी खुशी ढूंढ लूंगा । तुझे किसी होर का होते देखने से पहले में अपनी सास झोड दूंगा . ©M.R RITIK SINGH just read 🔥MR.S में तेरी खुशी में अपनी खुशी ढूंढ लूंगा । तुझे किसी होर का होते देखने से पहले में अपनी सास झोड दूंगा #Nojoto
shakeel amaan
pk Arun Kumare Daware
रो रो कबीरा पुकारे। राम बुलावे आवे । हरी जन्म भूल जय। रो रो कर कबीरा । फिर जगाते । मिला अनमोल जन्म धारण । जप जप खोज पुकारे । रंपा जोगी बहता पानी। जिसने प्यार से रोका ऊषी को हो जानी। कर कबीरा मिल जाएंगे। अकेले आए अकेले ही जायेगे । राम राम कर रो रो कर पुकारे कबीरा। अब बंधन झोड़ जाओ। कब तक रुकी फरीद कबीरा । हमे खूब सिखलाओ। अरु की हर बात कोई मानता नही। रामराम के रूप अनेक कर कबीरा हर एक। © pk Arun Kumare Daware #wait रो रो कबीरा पुकारे। राम बुलावे आवे । हरी जन्म भूल जय। रो रो कर कबीरा । फिर जगाते । मिला अनमोल जन्म धारण । जप जप खोज पुकारे । रंपा ज
Shree
ख़ामोशी खामखां गाती है, लय, सुर, ताल अबोले इसके निरी बदहवास बहती है, अस्तित्व को झंक-झोड़ती है जहरीले डंक सी दुखती है। ख़ामोशी खुद को खाती है, बेतरतीब बेवक्त आती है, शब्दों के झंझावात लेकर तूफान पूर्व जैसी चिरनिंद्रा अखंड ठहराव लाती है। ख़ामोशी खामोश होती हैं खामोशी जितनी स्थिर होती है उतना ही उद्विग्न करती है लहर सी आती है और प्रहर सी बीत जाती है। Thank you Bhai for the beautiful topic 😊🙋♀️ For better read: ख़ामोशी खामखां गाती है, लय, सुर, ताल अबोले इसके निरी बदहवास बहती है, अस्तित्
yogesh atmaram ambawale
लहानपणी बाप म्हणून वागले होते, तर तरुणपणी मित्र म्हणून वागू लागले होते. तुला हे घेईल ते घेईल म्हणत सर्वकाही दिले होते, बाबा,तुम्ही प्रत्येक शब्दाला जागले होते. चुकलो असता कुठे,चांगलेच झोडले होते, क्षणार्धात आई बनून मायेने ही कवटाळले होते. बाबा,तुम्ही मला घडवले,वाईट सवयी पासून आडवले. बाबा,तुम्ही होतात म्हणून,मी मला नेहमीच सावरले. शुभ प्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आज फादर्स डे म्हणजेच पितृदिन आहे. याची सुरुवात अमेरिकेत १९ जून १९१० या दिवशी झाली. मुलांना चांगले शिक्
sandy
जानव्यात अडकलेला चंद्र काही सुटता सुटेनाबारामतीच्या दादाचंकुणाशी पटता पटेना कोकणातल्या आंब्याचं लोणचं अजून कुठं मुरलं नाही.नारायणाचं मन कधीच
GURJASPAL SINGH
कहानी सोचते है हम कुछ और होता है कुछ चले थे एक नए सफर पर जवानी के सारे मज़े झोड़ कर पकड़ ली थी मेहनत की डोर... पकड़ ली थी मेहनत की डोर... सोचा थ
Anamika Nautiyal
अनुशीर्षक में पढ़ें भारत के हर हिस्से में मनाए जाने वाली होली खास है मथुरा वृंदावन की प्रेम होली का अपना अंदाज है राधा जी के गाँव बरसाने की लठमार होली एक दूसरे