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Amir 'Ek Anjaan Shayar'
अब उसी के काम आना है जो हमारे काम आए। निःशुल्क सेवाए तत्काल प्रभाव से बंद करदी हमने।। ©Amir 'Ek Anjaan Shayar' #नि: शुल्क सेवाएं
Deepansh Mittal
इस मुल्क के कुट्टा-ए-मुल्क एक और मुल्क है, "जहाँ पानी का ही नहीं, हवाओं का भी शुल्क है" सोचता हूँ वहाँ ली हुई, हर साँस.., कितनी कीमती लगती होगी।। कुट्टा-ए-मुल्क means adjoining or closeby इस मुल्क के कुट्टा-ए-मुल्क एक और मुल्क है जहाँ पानी का ही नहीं हवाओं का भी शुल्क है सोचता हूँ वह
Ayush kumar gautam
खाना खाते वक्त गर उंगलियां न चांटी तुमने तो असली हिंदुस्तानी न रहे धोखे से खुल भी गयी अस्मत गर औरत की तुमने नजरें नापाक कर लीं अब तो हम तुम्हे हिंदुस्तानी हरगिज न कहें शायर आयुष कुमार गौतम खाना खाते वक्त...........
Ajay Lokhande
सुना है अब वो आंखे और किसी को रो रही है. मेरे चश्मों से कोई और पानी भर रहा है. बहुत मजबूर हो कर में तेरी आंखो से निकला। ख़ुशी से कौन अपने मुल्क से बाहर रहा हैं. मुल्क
जिद्दी 'अली
वो मुझमे अदाकारी ढूंढ रहा है गद्दार है जो वो गद्दारी ढूढं रहा है मुझे कहने वाले देश के दुश्मन सुन वफ़ादार हूं तु मुझमे व्यापारी ढूढं रहा है जान,मान,सम्मान,पहचान,भूल बैठा हूं अभी भी मुझमे तू शिकारी ढूंढ रहा है मुल्क से बेपनाह है मुहब्बत तुझसे ज्यादा तिरंगे मे भी तु तो कलाकारी ढूंढ रहा है बुजुर्गो ने बहा दिया खू वतन के आजादी मे क्रांतिकारी हूं तु मुझमे मक्कारी ढूंढ रहा है अली मुल्क
Naushad Sadar Khan
इस मुल्क में अमनो अमान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , जब भी बोला है वो नफ़रत के बीज बोए हैं ना बन जाए कहीं जद्दाल ये हैवान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , मुझे अज़ीज़ हैं श्रीराम और रामायण भी मंदिर में आरती और मस्जिद में अज़ान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , वो छीन लेगा मेरे हिस्से का आसमान भी मेरे मौला मेरे सिर पर आसमान रहने दे , ऐ ख़ुदा बातिल को ज़ुबान ना दे बेज़ुबान रहने दे , मुल्क
siddharth vaidya
गर वतन की राहों पर नौजवां शहीद हो। आवाज दो हम एक है।। सिद्धार्थ वैद्य #मुल्क
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
अच्छा किसि लगता है मुल्क छोड़ कर बाहर कमाने मे ये मजबुरिया मां बाप भाई बहेन अपनो को छुड़ा देति है ©سید انوار حسین मुल्क