Find the Latest Status about वजाहत हबीबुल्लाह from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वजाहत हबीबुल्लाह.
Navonmeshi_Raaj
आबिदा रही बस इबादत किया तेरी फ़िक्र में ख़ुद को आहत किया ख़ुदा गवाह सिवा तेरे कुछ न चाहा तूने न पहचान क्या वजाहत किया ✍-राजकुमारी आबिदा--भक्त(स्त्रीलिंग रुप) वजाहत--सम्मान * #nojoto #nojotohindi #quotes
ENGLISH POET SADDAM KALAMKAR
लफ्ज़ों कि वज़ाहत हमको आती नहीं... सीधी सी बात है,बहुत अच्छी लगती हो. तशरीह, दलालत,वजाहत कहां आती है , तुझे देखकर जुबां खामोश हो जाती है ,
Tj_diaries
"इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की इल्तिज़ा करते हैं।" "इजा (अचानक), वजाहत (मुख मंडल की आभा) माज़िरत(माफ़ी), ज़हमत (कष्ट) वज़ाहत (स्पष्टीकरण) रफ़िक़(दोस्त) रफ़ाक़त(दोस्ती) इल्तिज़ा (प्रार्थना) ©Tejasvi Sidhu "इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
मेरी खातिर बस इतनी सी इनायत करना अपने बदले हुए लहज़े की हिफाजत करना//१ तुम तो इंसाफ के मुंसिफ हुआ करते थे,किससे सीखा है ये,अमानत में खयानत करना //२ हम जलील_खार बने सबकी निगाहों में, अब तुम्ही कह दो,गुनाह है क्या उल्फत करना// तेरे हिज्र में ये चश्म अभी तक नम है,कभी आना सुर्खे चश्मो की जियारत करना//४ शमा याद आए तो,बस इतनी सी जहमत करना इस मुहब्बतत में,ना अब कोई वजाहत करना//५ शमीम अख्तर/शमाwrites ✍️ ©shama write मेरी खातिर बस इतनी सी *इनायत करना,अपने बदले हुए लहज़े की*हिफाजत करना/१/कृपा,मेहरबानी तुम तो*इंसाफ के*मुंसिफ हुआ करते थे,किससे सीखा है,ये अम
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१ यकीनन हम सोचा नही करते कभी अंजाम अपना, तो फिर आज हमे जल्लाद की*कयादत क्यूं है//२ ये महसूस तो करे के,रब रहता है हरदम करीब*रगे गूलू तो फिरआज हमे दर बदर भटकने की ज़रूरत क्यूं है//३ हम अपनी नाफरमानी,नादानी के खुद ही है*बाइस, तो फिर आज हमे खामखां औरो से शिकायत क्यूं है//४ जिस मिल्लत का*हामी हो अल्लाह और कूरान,तो फिर आज इस मिल्लत के हिस्से मे*ज़लालत कयू है//५ कुछ् संगदिलो के सीने मे है,उल्फत,तो फिर आज हम*बशर को बशर से इतनी नफरत क्यू है//६ बेशक हमको मयस्सर है बेशुमार तदादे कुव्वते बाजू,तो फिर आज हमे अबाबीलों के लश्कर की ज़रूरत क्यूं है//७ यकीनन देगा खुदा*फतेह,तू बस*इतेहाद से रह,जललाद खुद होगा खाक,फिर आज तेरे दिल मे *हताहत क्यूं है//८ ऐ मुसलमा न डर,तू*बातिले कसरत से,तेरी की थौ जंगे-बदर मे मदद वो खूदा आज भी है,फिर आज तू उस जात से*गफलत्त मे क्यू है//८* शमा की है उसी खुदा से दुआ,के दुश्मने इस्लाम को कर दाखिल, मजहबे इस्लाम् मे,तो फिर आज हमे इस जंग की*वजाहत क्यू है//९ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lonely चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१*अत्याचारी*भय यकीनन हम सोचा नही क