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Swati Pandey

मंदिरों

मंदिरों

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Sholankey

वो मैं और गुरुद्वारा 
#NojotoVoice

वो मैं और गुरुद्वारा Voice #Nojotovoice

30 Views

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Sholankey

वो मैं और गुरुद्वारा - 2
#NojotoVoice

वो मैं और गुरुद्वारा - 2 Voice #Nojotovoice

33 Views

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pradeep

हे माँ माता जी ! मंदिरों में इतना चढ़ावा मंदिरों में इतना चढ़ावा

मंदिरों में इतना चढ़ावा

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DR. LAVKESH GANDHI

मंदिर

 इन मंदिरों की शोभा क्या चार चांँद लगाती है
आसमान को छूने की क्या होड़ लगाती है
अद्भुत शान्ति मिलती है इन मंदिरों में
तब तो भीड़ आती है इन मंदिरों में

©DR. LAVKESH GANDHI
  #GuzartiZindagi #
# मंदिरों की शोभा #

GuzartiZindagi # # मंदिरों की शोभा #

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Robin Singh Khalsa

हमे गुरुद्वारे कियू जाना चाहिऐ..🙏🙏

हमे गुरुद्वारे कियू जाना चाहिऐ..🙏🙏 #Motivational

1,140 Views

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Juhi Grover

मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर,
सब जगह भगवान को हमेशा खोजा।
जिस इन्सान की मेंने कभी कद्र न की, 
उस इन्सान के अन्दर तो नहीं खोजा।

पत्थर को ही भगवान समझ इन्सान, 
भगवान के विचारों से बस दूर ही रहा।
खुद को सबसे बड़ा धार्मिक बता कर, 
ढोंग रचा कर इन्सानों को लूटता ही रहा। #मन्दिर 
#मस्जिद 
#गुरुद्वारा 
#गिरिजाघर 
#भगवान 
#धार्मिक 
#yqhindi 
#bestyqhindiquotes
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Akhilesh Mishra

मंदिरों में कौन है, सुनिएगा,

मंदिरों में कौन है, सुनिएगा, #शायरी

27 Views

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Dhamaka Food and Travel

गुरुद्वारा गुरु का बाग, पटना
#patna #guruji #travel #dft

गुरुद्वारा गुरु का बाग, पटना #patna #guruji #Travel #dft

47 Views

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Shreya Levy

मंदिर-मस्जिद हो या हो गुरुद्वारा, मेरा सर अदब से झुक जाता है। धर्म जो भी हो, मेरा देश मुझे एकता सिखाता है। #Quotes

मंदिर-मस्जिद हो या हो गुरुद्वारा, मेरा सर अदब से झुक जाता है। धर्म जो भी हो, मेरा देश मुझे एकता सिखाता है। #Quotes

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Ansh Rajora

विचार भी,अहम भी,कल्पना भी,हकीकत भी
तेरे सामने सब निराधार सब शून्य

वे कहते हैं की ३३ करोड़ हैं
मैं तो जँहा सिर झुकाता हूँ
केवल तू नज़र आता है💗 क्या मंदिर क्या मस्जिद क्या गुरुद्वारा क्या चर्च🙏 बस तू ही तू बस तू ही तू 💗
#yqdidi #fakeera_series
#yqbaba
#spiritual
#Devine
#soulful

क्या मंदिर क्या मस्जिद क्या गुरुद्वारा क्या चर्च🙏 बस तू ही तू बस तू ही तू 💗 #yqdidi #fakeera_series #yqbaba #spiritual #devine #soulful

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Ajay Amitabh Suman

#ईश्वर #मंदिर #शैतान #God #Temple #Shaitan 

हम ऐसी अनेक कहानियाँ पढ़ते हैं कि पुराने जमाने मे कोई व्यक्ति मंदिर, मस्जिद , गुरुद्वारा या चर्च

#ईश्वर #मंदिर #शैतान #God #temple #shaitan हम ऐसी अनेक कहानियाँ पढ़ते हैं कि पुराने जमाने मे कोई व्यक्ति मंदिर, मस्जिद , गुरुद्वारा या चर्च #कहानी #nojotovideo

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khadiya naga bhaihani

हिंदु मंदिर में नारियल क्यो फोड़ा जाता है??इसके बारे में यह ऐतिहासिक जानकारी होना जरूरी है.......

मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में चक्रवर्ति सम्राट अशोक के वंशज मोर्य वंश के बौद्ध सम्राट राजा बृहद्रथ मोर्य की हत्या उसी के सेनापति ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने धोखे से की थी और खुद को मगध का राजा घोषित कर लिया था ।
उसने राजा बनने पर पाटलिपुत्र से श्यालकोट तक सभी बौद्ध विहारों को ध्वस्त करवा दिया था तथा अनेक बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम किया था।पुष्यमित्र शुंग, बौद्धों पर बहुत अत्याचार करता था और ताकत के बल पर उनसे ब्राह्मणों द्वारा रचित मनुस्मृति अनुसार वर्ण (हिन्दू) धर्म कबूल करवाता था।
*इसके बाद ब्राह्मण* *पुष्यमित्र शुंग ने अपने समर्थको के साथ मिलकर पाटलिपुत्र और श्यालकोट के मध्य क्षेत्र पर अधिकार किया और अपनी राजधानी साकेत को बनाया।
पुष्यमित्र शुंग ने इसका नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। अयोध्या अर्थात-बिना युद्ध के बनायीं गयी राजधानी*…
*राजधानी बनाने के बाद पुष्यमित्र शुंग ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति, भगवाधारी बौद्ध भिक्षु का सर(सिर) काट कर लायेगा, उसे 100 सोने की मुद्राएँ इनाम में दी जायेंगी।

*इस तरह सोने के सिक्कों के लालच में पूरे देश में बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम हुआ।

राजधानी में बौद्ध भिक्षुओ के सर आने लगे ।

इसके बाद कुछ चालक व्यक्ति अपने लाये सर को चुरा लेते थे और उसी सर को दुबारा राजा को दिखाकर स्वर्ण मुद्राए ले लेते थे। राजा को पता चला कि लोग ऐसा धोखा भी कर रहे है तो राजा ने एक बड़ा पत्थर रखवाया और राजा ,बौद्ध भिक्षु का सर देखकर उस पत्थर पर मरवाकर उसका चेहरा बिगाड़ देता था* । इसके बाद बौद्ध भिक्षु के सर को घाघरा नदी में फेंकवा दता था*।
*राजधानी अयोध्या में बौद्ध भिक्षुओ के इतने सर आ गये कि कटे हुये सरों से युक्त नदी का नाम सरयुक्त अर्थात “सरयू” हो गया*।
*इसी “सरयू” नदी के तट पर पुष्यमित्र शुंग के राजकवि वाल्मीकि ने “रामायण” लिखी थी।* *जिसमें राम के रूप में पुष्यमित्र शुंग और रावण के रूप में मौर्य सम्राट का वर्णन करते हुए उसकी राजधानी अयोध्या का गुणगान किया था और राजा से बहुत अधिक पुरस्कार पाया था।
*इतना ही नहीं, रामायण, महाभारत, स्मृतियां आदि बहुत से काल्पनिक ब्राह्मण धर्मग्रन्थों की रचना भी पुष्यमित्र शुंग की इसी अयोध्या में “सरयू” नदी के किनारे हुई।
*बौद्ध भिक्षुओ के कत्लेआम के कारण सारे बौद्ध विहार खाली हो गए।तब आर्य ब्राह्मणों ने सोचा’ कि इन बौद्ध विहारों का क्या करे की आने वाली पीढ़ियों को कभी पता ही नही लगे कि बीते वर्षो में यह क्या थे* ?*
*तब उन्होंने इन सब बौद्ध विहारों को मन्दिरो में बदल दिया और इसमे अपने पूर्वजो व काल्पनिक पात्रो को भगवान बनाकर स्थापित कर दिया और पूजा के नाम पर यह दुकाने खोल दी*।
*ध्यान रहे उक्त ब्रह्दथ मोर्य की हत्या से पूर्व भारत में मन्दिर शब्द ही नही था ना ही इस तरह की संस्क्रति थी।वर्तमान में ब्राह्मण धर्म में पत्थर पर मारकर नारियल फोड़ने की परंपरा है ये परम्परा पुष्यमित्र शुंग के बौद्ध भिक्षु के सर को पत्थर पर मारने का प्रतीक है*।
*पेरियार रामास्वामी नायकर ने भी ” सच्ची रामायण” पुस्तक लिखी जिसका इलाहबाद हाई कोर्ट केस नम्बर* *412/1970 में वर्ष 1970-1971 व् सुप्रीम कोर्ट 1971 -1976 के बिच में केस अपील नम्बर 291/1971 चला* ।
*जिसमे सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस पी एन भगवती जस्टिस वी आर कृषणा अय्यर, जस्टिस मुतजा फाजिल अली ने दिनाक 16.9.1976 को निर्णय दिया !
की सच्ची रामायण पुस्तक सही है और इसके सारे तथ्य वेध है*।
*सच्ची रामायण पुस्तक यह सिद्ध करती है!
कि ” रामायण नामक देश में जितने भी ग्रन्थ है वे सभी काल्पनिक है और इनका पुरातातविक कोई आधार नही है*।
*अथार्त् फर्जी है*। हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं

हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं #कहानी

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khadiya naga bhaihani

हिंदु मंदिर में नारियल क्यो फोड़ा जाता है??इसके बारे में यह ऐतिहासिक जानकारी होना जरूरी है.......

मगध की राजधानी पाटलिपुत्र में चक्रवर्ति सम्राट अशोक के वंशज मोर्य वंश के बौद्ध सम्राट राजा बृहद्रथ मोर्य की हत्या उसी के सेनापति ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने धोखे से की थी और खुद को मगध का राजा घोषित कर लिया था ।
उसने राजा बनने पर पाटलिपुत्र से श्यालकोट तक सभी बौद्ध विहारों को ध्वस्त करवा दिया था तथा अनेक बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम किया था।पुष्यमित्र शुंग, बौद्धों पर बहुत अत्याचार करता था और ताकत के बल पर उनसे ब्राह्मणों द्वारा रचित मनुस्मृति अनुसार वर्ण (हिन्दू) धर्म कबूल करवाता था।
*इसके बाद ब्राह्मण* *पुष्यमित्र शुंग ने अपने समर्थको के साथ मिलकर पाटलिपुत्र और श्यालकोट के मध्य क्षेत्र पर अधिकार किया और अपनी राजधानी साकेत को बनाया।
पुष्यमित्र शुंग ने इसका नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। अयोध्या अर्थात-बिना युद्ध के बनायीं गयी राजधानी*…
*राजधानी बनाने के बाद पुष्यमित्र शुंग ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति, भगवाधारी बौद्ध भिक्षु का सर(सिर) काट कर लायेगा, उसे 100 सोने की मुद्राएँ इनाम में दी जायेंगी।

*इस तरह सोने के सिक्कों के लालच में पूरे देश में बौद्ध भिक्षुओ का कत्लेआम हुआ।

राजधानी में बौद्ध भिक्षुओ के सर आने लगे ।

इसके बाद कुछ चालक व्यक्ति अपने लाये सर को चुरा लेते थे और उसी सर को दुबारा राजा को दिखाकर स्वर्ण मुद्राए ले लेते थे। राजा को पता चला कि लोग ऐसा धोखा भी कर रहे है तो राजा ने एक बड़ा पत्थर रखवाया और राजा ,बौद्ध भिक्षु का सर देखकर उस पत्थर पर मरवाकर उसका चेहरा बिगाड़ देता था* । इसके बाद बौद्ध भिक्षु के सर को घाघरा नदी में फेंकवा दता था*।
*राजधानी अयोध्या में बौद्ध भिक्षुओ के इतने सर आ गये कि कटे हुये सरों से युक्त नदी का नाम सरयुक्त अर्थात “सरयू” हो गया*।
*इसी “सरयू” नदी के तट पर पुष्यमित्र शुंग के राजकवि वाल्मीकि ने “रामायण” लिखी थी।* *जिसमें राम के रूप में पुष्यमित्र शुंग और रावण के रूप में मौर्य सम्राट का वर्णन करते हुए उसकी राजधानी अयोध्या का गुणगान किया था और राजा से बहुत अधिक पुरस्कार पाया था।
*इतना ही नहीं, रामायण, महाभारत, स्मृतियां आदि बहुत से काल्पनिक ब्राह्मण धर्मग्रन्थों की रचना भी पुष्यमित्र शुंग की इसी अयोध्या में “सरयू” नदी के किनारे हुई।
*बौद्ध भिक्षुओ के कत्लेआम के कारण सारे बौद्ध विहार खाली हो गए।तब आर्य ब्राह्मणों ने सोचा’ कि इन बौद्ध विहारों का क्या करे की आने वाली पीढ़ियों को कभी पता ही नही लगे कि बीते वर्षो में यह क्या थे* ?*
*तब उन्होंने इन सब बौद्ध विहारों को मन्दिरो में बदल दिया और इसमे अपने पूर्वजो व काल्पनिक पात्रो को भगवान बनाकर स्थापित कर दिया और पूजा के नाम पर यह दुकाने खोल दी*।
*ध्यान रहे उक्त ब्रह्दथ मोर्य की हत्या से पूर्व भारत में मन्दिर शब्द ही नही था ना ही इस तरह की संस्क्रति थी।वर्तमान में ब्राह्मण धर्म में पत्थर पर मारकर नारियल फोड़ने की परंपरा है ये परम्परा पुष्यमित्र शुंग के बौद्ध भिक्षु के सर को पत्थर पर मारने का प्रतीक है*।
*पेरियार रामास्वामी नायकर ने भी ” सच्ची रामायण” पुस्तक लिखी जिसका इलाहबाद हाई कोर्ट केस नम्बर* *412/1970 में वर्ष 1970-1971 व् सुप्रीम कोर्ट 1971 -1976 के बिच में केस अपील नम्बर 291/1971 चला* ।
*जिसमे सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस पी एन भगवती जस्टिस वी आर कृषणा अय्यर, जस्टिस मुतजा फाजिल अली ने दिनाक 16.9.1976 को निर्णय दिया !
की सच्ची रामायण पुस्तक सही है और इसके सारे तथ्य वेध है*।
*सच्ची रामायण पुस्तक यह सिद्ध करती है!
कि ” रामायण नामक देश में जितने भी ग्रन्थ है वे सभी काल्पनिक है और इनका पुरातातविक कोई आधार नही है*।
*अथार्त् फर्जी है*। # हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं

# हिंदू मंदिरों में नारियल क्यों तोड़े जाते हैं #विचार

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Manish पंडित

मंदिर,  मस्जिद,  गुरुद्वारे,  गिरजाघर,  सब  जगह  जाती  है,
एक  इश्क़  ही  हैं  जिसका  कोई  मज़हब  नहीं  होता. मंदिर,  मस्जिद,  गुरुद्वारे,  गिरजाघर,  सब  जगह  जाती  है,
एक  इश्क़  ही  हैं  जिसका  कोई  मज़हब  नहीं  होता.
 Soniya Kumari Sarika Srivastava

मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरजाघर, सब जगह जाती है, एक इश्क़ ही हैं जिसका कोई मज़हब नहीं होता. Soniya Kumari Sarika Srivastava #कविता

5 Love

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Ek villain

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एच एसजीपीसी के लिए हरियाणा विधान सभा द्वारा प्रेरित कानून को चुनौती देने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त करना हरियाणा के सिखों की ही नहीं बल्कि यहां के सभी वर्ग की जीत है हरियाणा में कुल 72 गुरुद्वारे हैं हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तो काम कर ही रही थी लेकिन उसके पास मात्र 5 गुरुद्वारों का प्रबंधन है था शेष का प्रबंधन सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पास था हरियाणा सिख गुरु गोविंद प्रबंधक कमेटी चाहती थी कि हरियाणा के समस्त गुरुद्वारों का प्रबंधन उसे मिले उनका तर्क न्याय संगत था जब बिहार के गुरुद्वारों का प्रबंधन व हाकी श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करती है दिल्ली के गुरुद्वारों का प्रबंधक वही कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी करती है तो हरियाणा के गुरुद्वारा का प्रबंधक कोई दूसरा क्यों करें वास्तव में 1966 से पूर्व हरियाणा पंजाब का ही अंग था इसलिए तब तक ऐसी किसी मांग का प्रश्न ही नहीं उठता था लेकिन हरियाणा बनने के बाद से ही वहां के सिख प्रतिनिधियों के हृदय में अपनी अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आकांक्षाएं पनपने लगी जो स्वभाविक थी

©Ek villain #आखिरकार विजय मिल ही गई हरियाणा के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को

#chains

#आखिरकार विजय मिल ही गई हरियाणा के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को #chains #Society

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Sarfaraj idrishi

HappyBdayPMModi,मित्रों  कोरोना बहुत ही शरीफ है , 
वो सिर्फ मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा ही जाता है |

 कोरोना का 
दारू की दुकान पर जाने से साफ इंकार !







       #sarfarajidrishi@gmail.com #Sarfarajidrishi@gmail.com 
Sarfaraj idrishi 

कोरोना बहुत ही शरीफ है , वो सिर्फ मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा ही जाता है | कोरोना का दारू की

#Sarfarajidrishi@gmail.com Sarfaraj idrishi कोरोना बहुत ही शरीफ है , वो सिर्फ मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारा ही जाता है | कोरोना का दारू की #कॉमेडी

7 Love

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anurag saxena

मंजिलों पे डालों पर्दे ,सफ़र पे निकल चलो

टूटी फूटी पगडंडियों पे, गिरो पडो उठे चलो

क्या छूटा,क्या मिला , इसकी परवाह न करो

दुःख मिला या सुख मिला,इसकी चर्चा न करो

समय को व्यर्थ करके, जिंदगी जीते चलों

या जिंदगी को व्यर्थ करके, समय गिनते चलों

ग़लती माफी भूल सब , छोड़ दो अतीत पे

गेरबंदिशो में जीयो, सब लूटा दो प्रीत पे

आख़िर में मृत्यु ,एक प्रश्न बनकर आएगी

जिंदगी तुम्हें ,ज़बाब देकर चली जाएंगी 

                                       ---------अनुराग सक्सेना





 मंजिलों पे ---

मंजिलों पे ---

5 Love

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dinesh Rajiram gajbhiye

झोपलेत देव सगळे, मंदिरात आता  
दिसतेय जग वेगळे,मंदिरात आता...
दिसते मला ईथेही, गर्दी लुटारूंची 
आसपास उभे बगळे,मंदिरात आता...
पैशावरून ठरतो,मान हा आरतीचा
नियम का बदलले, मंदिरात आता...
दिमाखात आहे उभी ईथेच दानपेटी
कुलूप मात्र आगळे,मंदिरात आता...
बाजार का नफ्याचा,मांडला ईथे रे
पुजारी झाले नागडे, मंदिरात आता...
मांडला हैदोस यांनी ईथे कायमस्वरूपी
वाजवतात घंटी सगळे, मंदिरात आता... मंदिरात आता

मंदिरात आता #Shayari

1 Love

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Shankki Sharma

ਮੈਂ ਜਾਂਵਾਂ ਮੰਦਿਰ, ਤੇ ਤੂੰ ਜਾਂਵੇ ਗੁਰਦੁਆਰੇ,
ਮੰਨਤ ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਇਕ ਹੈ ਬਸ ਥਾਂ ਹੈ ਨਿਆਰੇ।
 मैं जाता हूँ मंदिर
तू जाती है गुरुद्वारे
मन्नत दोनों को एक है
बस जगह है न्यारी।

न्यारी- अलग

#yqbaba #yqdidi #yqpaaji #punjabi #love #poetr

मैं जाता हूँ मंदिर तू जाती है गुरुद्वारे मन्नत दोनों को एक है बस जगह है न्यारी। न्यारी- अलग #yqbaba #yqdidi #YQPaaji #Punjabi love poetr #bestyqpunjabiquotes

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Raj Sabri

बात सिर्फ नियत की होती है कोई मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे से खाली हाथ लौट जाता है कोई घर में ही आंखें बंद करके सब कुछ पा लेता
#sitarmusic

बात सिर्फ नियत की होती है कोई मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे से खाली हाथ लौट जाता है कोई घर में ही आंखें बंद करके सब कुछ पा लेता #sitarmusic

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Raktmitr Vicky Singh Khalsa

गुरुद्वारा श्री सीशीश गंज साहिब दिल्ली 

#gurudwara #sikh #army #nojohindi #Nojoto #Tranding #Yatra

गुरुद्वारा श्री सीशीश गंज साहिब दिल्ली #gurudwara #sikh #army #nojohindi #Tranding #Yatra #Motivational

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Shahzad

गुरुद्वारे में पढ़ी गई नमाज, भाईचारे की खूबसूरत तस्वीर आई सामने 

◆ वीडियो Indore के गुरुद्वारे का है, जहां दूसरे शहरों से आई 30 लड़कियों की

गुरुद्वारे में पढ़ी गई नमाज, भाईचारे की खूबसूरत तस्वीर आई सामने ◆ वीडियो Indore के गुरुद्वारे का है, जहां दूसरे शहरों से आई 30 लड़कियों की #समाज

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Mahendra Tiwari

हमारे देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है बृहदेश्वर मंदिर। बृहदेश्वर मंदिर दक्षिण भारत में स्थित प्राचीन वास्तुकला का एक नायाब नमूना है। य

हमारे देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है बृहदेश्वर मंदिर। बृहदेश्वर मंदिर दक्षिण भारत में स्थित प्राचीन वास्तुकला का एक नायाब नमूना है। य #समाज

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Saurabh Dubey

पसीने से लथपथ, है वो अपने काम में रत,
सर पर ईंटे वो जब ढोता है तब जाकर बनती है छत।।
बड़ी बड़ी इमारतों का भार उठाता है मजदूर का कन्धा,
उसकी लाचारी पर अब भी जग बन बैठा है क्यों अन्धा।
सिसकी उसकी कौन सुने और घाव किसे वो दिखलाये,
जो तपते भट्ठों में है बैठा अपने  हाथों को  जलाये।।
उनके भावों और मेहनत को चंद नोटों से तोलो मत,
सर पर ईंटे वो जब ढोता है तब जाकर बनती है छत।।
हैं ये कलाशिल्पी और सभ्यताओं के उद्धारक,
विद्रोह किया है जब भी तो बन जाते असमता के संहारक।
खड़े किये जो हाथ इन्होंने तो हम रह न जायेंगे किसी लायक
ये ही तो है जग में केवल सृजन के सच्चे युग नायक।।
करता हूँ मैं सृजन के देवों को प्रणाम होकर दण्डवत,
सर पर ईंटे वो जब ढोता है तब जाकर बनती है छत।।
                   -सौरभ दुबे"संकल्प"

©Saurabh Dubey मजदूरों को समर्पित

मजदूरों को समर्पित

12 Love

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रमता जोगी.

चाँद का कसूर चांद का कसूर कहां?
चकोर की गलती कैसी?
मोहब्बत है जनाब,
बंदिशों की परवाह यहां नहीं... #बंदिशों की परवाह

#बंदिशों की परवाह

4 Love

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Lakhan Singh Chouhan

#Labour_Day सर से उनके छत उठ गई
रोजी छीन गई हाथों की,
ना रहा खाने को दाना
नींद उड़ गई रातों की।

पुलिस ने उनको मारे डंडे
और खदेड़ा सड़कों से,
सरकारों को क्या करना है
गांव के ऐसे कड़को से। 

उनकी गलती ,जो थे आए
भरने पेट वो शहरों में,
सिर पे ढोते बोझा देखो
जेठ की भरी दोपहरों में।

जूते चप्पल नहीं मिले तो
बांध ली बोतल पाओं में,
लक्ष्य एक है, कैसे भी वो
पहुंचे अपने गाँवो में।

तुमने भेजे उड़न खटोले
उन्हें बुलाया देशों में,
जो स्वार्थ के कारण भागे
भारत छोड़ विदेशों में।

मजदूरों का दर्द ना समझा
जाने क्यों सरकारों ने,
जमा रुपए भी लूट लिए
बीच में कुछ गद्दारों ने।

धन्य जिन्होंने पानी पूछा,
और दी रोटी खाने को,
पैदल ही थे निकल पड़े 
जो अपने घर जाने को। 

ठा. लाखन सिंह चौहान मजदूरों की व्यथा।

मजदूरों की व्यथा। #कविता #Labour_Day

7 Love

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रमता जोगी.

मैं वक़्त के उस किनारे पर खड़ी हूं, जहां से मुझे तुम तक पहुंचने का कोई रास्ता नज़र नहीं आता...
और ये आग का दरिया नहीं बंदिशों का सागर है
डूब कर उस पार जाने की भी सोचू तो भी अपने रूठने लगते है... # बंदिशों का सागर...

# बंदिशों का सागर...

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