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Vishal Singh Rajput
सबसे अधिक वो प्रेम असफ़ल हुआ जो एकनिष्ठ रहा सबसे अधिक वो भावनाएँ छली गईं जो निष्ठापूर्ण रहीं सबसे अधिक वो आँखें रोयीं जो किसी की आस में रहीं सबसे अधिक वो उम्मीदें ढहीं जो निश्छल रहीं vishalrajput_ सबसे अधिक वो प्रेम असफ़ल हुआ जो एकनिष्ठ रहा Nikita Rajput ❣Vandana sikarwar❣ KARUNESH Rajesh Kumar Neeraj Bakle (neer✍🏻)
vishnu prabhakar singh
वो जो अपना लगता है नीम का वृक्ष आंगन में जड़ नहीं,प्रगतिशील है हरा भरा है,मूलता संग परजीवी से निश्चिन्त है वृक्षता से पूर्ण निहाल बहती हवा में हंसता है वो जो अपना लगता है पूर्वजन्म का कर्म होगा असंख्य पत्तों का होना उपयोगी छाल पहनकर विधाता को फल देना है बीज दूत पहुँचा देता है वरदान का सदाबहार है मुझे गुणी कर्म करना है वो जो ,अपना लगता है प्रकृति एकनिष्ठ है,प्रकार निर्भर है।। वो जो अपना लगता है जैसे सपना लगता है। #अपनालगताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating w
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ कॉमन वेल्थ गेम्स2022 की की रेस वॉक (पुरुष) प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर देश का मानवर्धन करने वाले संदीप कुमार जी को हार्दिक बधाई...। हमें आप पर गर्व है...💪🇮🇳💪 कठोर परिश्रम एवं एकनिष्ठ ध्येय से प्राप्त यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। आपके उज्ज्वल भविष्य हेतु अनंत शुभकामनाएं! 🙏जय हिंद🇮🇳जय भारत🙏 🙏🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🙏 Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ कॉमन वेल्थ गेम्स2022 की की रेस वॉक (पुरुष) प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर देश का मानवर्धन करने वाले संदीप कुमार जी को ह
sandy
तशा तुझ्या आठवणी बेशिस्तच होत्या तुझ्यासारख्या! बोलावल्याशिवाय,वाटेल तेंव्हा आणि कधी हि येणाऱ्या अन कुणाहि समोर मला बिलगणाऱ्या तशा तुझ्या
Shivangi
जो माँ सरस्वती का वाहन कहलाता हैं, जिसकी जोड़ियों की मिसाल प्रेमी युगल देते हैं, जो सरोवर में स्वच्छंद विचरण करता हैं, जो अपनी सीमा जान खुले गगन में निर्भीक उड़ता हैं, जो विवेक, पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता हैं, जो एकनिष्ठ प्रेम सर्वोत्तम उदाहरण हैं।।।। तुम वो पंछी हो, जो माँ सरस्वती का वाहन कहलाता हैं, जिसकी जोड़ियों की मिसाल प्रेमी युगल देते हैं, जो सरोवर में स्वच्छंद विचरण करता हैं, जो अप
Dr Jayanti Pandey
प्रेम की मत कहो सखी, प्रेम जगत की आस आकर्षण की जलकुंभी ने ढक रखा आकाश (कृपया पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) प्रेम अंधा नहीं होता,आकर्षण की चमक ही तीखी है प्रेम में समर्पण है और आकर्षण सिर्फ एक चुनौती है प्रेम गुणों से होता है,आकर्षण शरीर की सीमा त
Dk Patil
Smruti Ranjan mohanty
Thanks and gratitude to dear brother Agnivesh Mahapatra for translating this poem from Odiya to Hindi. और एक बार 13 सारी स्मृतियां विस्मृत हो जाने के बाद तुम रहती हो पास पास स्मृति की प्रचुरता बनकर... सारे सूर्यों के बुझ जाने के बाद तुम रहती हो पास पास हज़ारों मशालें बनकर... सारे प्राप्तियों के निःशेष होने के बाद तुम रहती हो पास पास मेरे शून्यता में पूर्णता बनकर... साथी! जानता नहीं मैं कितना अधिकारी तुम्हारे निशर्त प्यार का तुम्हारे निर्मल प्रेम का तुम्हारे स्वच्छ सलिल हृदय का तुम्हारे अविचलित मन का... मेरा जीवन तो है तुम्हारी पूर्णता की गाथा तुम्हारा जीवन मेरी अपूर्णता की फीकी पांडुलिपि... अंजुली भर भर खुदको खाली करने के बाद अपने हृदय से बूँद-बूँद खून ढाल और किसीके जीवन को सजाने के बाद एक-एक कर सारे सपनों को सौंप देने के बाद तुम आज भी परिपूर्ण मैं ही तो तुम्हारा स्वप्न मैं ही तो तुम्हारी पूर्णता... आँखों के आगे परिपूर्ण जीवन पात्र अनेकों वसंत बीत जाने के बाद अनेक ठंडी ओस भींगी रातों में ऊष्मा भर देने के बाद आज भी विगत यौवन में तुम मेरी विदग्ध प्रेमिका और मैं तुम्हारा एकनिष्ठ प्रेमी... ©स्मृति रंजन महान्ती ©Smruti Ranjan mohanty #Flower Thanks and gratitude to dear brother Agnivesh Mahapatra for translating this poem from Odiya to Hindi. और एक बार 13 सारी स्मृतियां