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Poonam Suyal
इच्छा शक्ति (अनुशीर्षक में पढ़ें) इच्छा शक्ति ना रही कोई भी उम्मीद बाकी मन उदासी से है भर गया ज़िंदगी ने जो दिया हमें अच्छा या बुरा सब कुछ हमने अपना लिया दुनिया के भां
Jyotshna Rani Sahoo
अथक दौड़ // In caption// उसे जीतना था खुद से वो भागता गया भागता गया मैदान में अकेला कौन भागता तब हारा जब अकेला खेला। वो आया मैदान पर दौड़ा सबके साथ वो लोग आगे
Ravendra
साहस
इस्लाम की आलोचना कैसे करे! 👶👤READ IN BELOW CAPTION👤👶 👇✍️ 🙏 👉 👇 👉 👇 👉 👇 👇 👇 👇 👇 👇 👇 👇👇👇👇 👇 👉 👉 👇 👇 👉 👉👇👉👇 #yourquotebaba#yourquotedidi#yourquotefamily#PC ◆ इस्लाम की आलोचना कैसे करें? --------------------------------------------- सौ साल पहले, 1
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
हैप्पी बालिका दिवस शक्ति का प्रतीक है भक्ति का गीत है नारी बड़ी निर्भीक है क्यों कहते इसे अबला, निर्जीव करती,सजीव है नव जीवन देती नित है कभी मां,कभी बहन, बनाती जीवन पुनीत है नारी बड़ी निर्भीक है निराश-हताश जीवन मे, ये आशा की उम्मीद है ये हार को बनाती जीत है अनेक रिश्तों को सजाती, ये हर रिश्ते की नींव है पाषण बने जीवन मे, जिंदगी को देती प्रीत है नारी बड़ी निर्भीक है जो करते नारी आदर, वो पाते खुशी नीर है जो करते नारी निरादर, वो पाते गम के नीर है नारी प्रकृति का रूप है, जीवन बनाती रमणीक है नारी बड़ी निर्भीक है जहां इसे सम्मान मिलता, स्वर्ग-तुल्य बनती तस्वीर है नारी बिना,ये जीवन साखी, बिना आंनद की जंजीर है नारी ही सिर्फ समझती है, दूसरों लोगो की पीर है नारी बड़ी निर्भीक है इसे मत समझो कमजोर ये मां अम्बे की शमशीर है पर आज नारी खो बैठी, खुद की लोह तस्वीर है वो यूँही बैठी गम्भीर है उसके पास लक्ष्मीबाई का, अंग्रेजो को मारनेवाला तीर है मौत के मुँह से बाहर लाती, ये मां सावित्री का चीर है नारी मिटाती तिमिर है ज्योति-पुंज गम्भीर है पति को देती सीस निशानी, खोलते हुए लहूं की हीर है नारी बड़ी निर्भीक है भक्ति की अमिट मीराबाई की पीर है अग्नि जोहर करनेवाली, मां पद्मिनी की समीर है खुद्दारी के लिये, कभी न बेचती जमीर है याद रखो हिंद नारी, स्वाभिमान का गीत है दिल से विजय नारी बडी निर्भीक
Bhamu Ji official
रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। बताया जाता है कि सिर पर तलवार के वार से शहीद हुई थी लक्ष्मीबाई। जन्म की तारीख और जगह: 19 नवंबर 1828, वाराणसी मृत्यु की जगह और तारीख: 18 जून 1858, ग्वालियर पूरा नाम: मणिकर्णिका पति: राजा गंगाधर राव नेवलकर (विवा. 1842–1853) बच्चे: दामोदर राव, आनंद राव माता-पिता: मोरोपन्त तांबे, भागीरथी सपरे ©Bhamu Ji official झाँसी की निर्भीक रानी लक्ष्मीबाई को नमन #letter