Nojoto: Largest Storytelling Platform

New करती थीं Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about करती थीं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, करती थीं.

aditya vikram

#तुम सच में हकीकत बयाँ करती थीं #krishna_flute

read more
mute video

Royal Writer

"दिन आखें बन्द कर लेता.....था....शामें मुजरा करती थीं" "रात का हाथ पकड़कर जब तुम सीढ़ियाँ उतरा करती थीं" #Shayari #nojotophoto

read more
 "दिन आखें बन्द कर लेता.....था....शामें मुजरा करती थीं"

"रात का हाथ पकड़कर जब तुम सीढ़ियाँ उतरा करती थीं"

Mahesh Yogi

बचपन मे जब कभी भी चलती थीं गमों की आँधीया, माँ मुझे अपनी ममता के आंचल में छुपा लिया करती थीं...!! #शायरी

read more
बचपन मे जब कभी भी चलती थीं गमों की आँधीया,
माँ मुझे अपनी ममता के आंचल में छुपा लिया करती थीं...!!

©Mahesh Yogi बचपन मे जब कभी भी चलती थीं गमों की आँधीया,
माँ मुझे अपनी ममता के आंचल में छुपा लिया करती थीं...!!

VEER NIRVEL

चल अब उठ सर को उठा "अरे हा तू वही है ना, जो कहा करती थीं के मोहब्बत तो मेरी जूती के नीचे.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 #Shayari

read more
चल अब उठ सर को उठा "अरे हा तू वही है ना,
जो कहा करती थीं के मोहब्बत तो मेरी जूती के नीचे..
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

©VEER NIRVEL चल अब उठ सर को उठा "अरे हा तू वही है ना,
जो कहा करती थीं के मोहब्बत तो मेरी जूती के नीचे..
#𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛

~anshul

#मेरी हर बात पर हस दिया करती थीं..... पता नही पागल थी या मुझे समझती थी! Anjana Ratna ( kavya Obray) saheli Ayushi Mishra Kaju Gautam NIDHI

read more
मेरी हर बात पर हस दिया करती थीं.....
पता नही पागल थी या मुझे समझती थी!

@nshul #मेरी हर बात पर हस दिया करती थीं.....
पता नही पागल थी या मुझे समझती थी! Anjana Ratna ( kavya Obray) saheli Ayushi Mishra  Kaju Gautam  NIDHI

REETA LAKRA

हमारी नानी, दादी, माँ, सूप में चावल चुना करती थीं। उंगलियों से, आंखों से के संयुक्त प्रयास से। हमें भी चुना गया है। यह कविता उन्हें समर्पित

read more
एक जौहरी, एक स्वर्णकार, एक मणिकार- रत्न कार, एक पारखी। 
हो गए हैं कलकतिया, रखते हैं हम सब से आत्मीयता। हैं मस्त मौला, हैं कद्रदान, अपनी अपनी डफली बजाती कृत्रिम अंग्रेजों की भीड़ में, यह रहे अपना राग अलाप, नाम है इनका त्रिलोकनाथ। 
यह नाथ है भाषा सेवक, प्रसिद्धि पाना इन की तमन्ना नहीं, पर पा गए हैं तो नामंजूर नहीं। 
ज्ञान बाँटना, हमें मंच प्रदान करना, मातृभाषा की सेवा करना, और कोई धर्म इन्हें मंजूर नहीं।। तन के ही नहीं, मन और कर्म के जोगी। रखते विषय विकार नहीं, भारतीयता को सार्थकता प्रदान करता इनका जीवन। 
हिंदी भाषा की लौ बुझे नहीं। 
मातृभाषा विचार को वर्तमान समय में एक दिशा दिखाते यह कर्मशील, इनकी आत्मीयता से  अपनी अंतरात्मा भीग जाती, रचनाओं की नई फसल लहलहाती। 
हम अनजानों को एक मंच पर लाया, उत्साह और लग्न की बाढ़ ले आया, 
ऐसा एक यह बना परिवार, त्रिलोकनाथ जिसके सरदार। निष्ठावान एकाग्र आत्मविश्वास की उनमें भरमार। 
🙏 प्रार्थना करते हम करतार - अविचलित रहें, अटल रहें, बाधाओं से न डरें, 
कभी न मानें हार  कभी न मानें हार।। 
 ०३/३६५@२०२१  हमारी नानी, दादी, माँ, सूप में चावल चुना करती थीं। उंगलियों से, आंखों से के संयुक्त प्रयास से। हमें भी चुना गया है। यह कविता उन्हें समर्पित

Prateek Srivastava

नींद तो बचपन मे आया करती थीं अब तो बस थक कर सो जाया करते हैं। सपने तो बचपन में आते थे अब तो तेरे ख्वाबों में खो जाया करते हैं।। nojoto wri

read more
नींद तो बचपन मे आया करती थीं
अब तो बस थक कर सो जाया करते हैं।
सपने तो बचपन में आते थे
अब तो तेरे ख्वाबों में खो जाया करते हैं।। नींद तो बचपन मे आया करती थीं
अब तो बस थक कर सो जाया करते हैं।
सपने तो बचपन में आते थे
अब तो तेरे ख्वाबों में खो जाया करते हैं।।
#nojoto #wri

~anshul

किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से बड़ी हसरत से तकती हैं महीनों अब मुलाकातें नहीं होती जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं अब अक्सर #गुलज़ार #Shayari #जन्मदिन_मुबारक #लेखनी✍️ #लेखनी✍️Sethi

read more
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर गुज़र जाती है कम्प्यूटर के पर्दों पर
बड़ी बेचैन रहती हैं क़िताबें..!!

#गुलज़ार 
#जन्मदिन_मुबारक 💐 #लेखनी✍️

©~anshul किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर

Sarfaraj idrishi

RIPRahatIndori उन से गज़लें भी प्यार करती थीं ऐसी चाहत कहां से लायेंगे अब भी मुशायरे होंगे लेकिन हम वो राहत कहां से लायेंगे मिस आप रहट साहब

read more
मैं जब मर जाऊं तो 
मेरी अलग पहचान लिख देना , 
लहू से मेरी पेशानी पे 
हिन्दुस्तान लिख देना !













 अलविदा राहत इंदौरी साहब #RIPRahatIndori उन से गज़लें भी प्यार करती थीं ऐसी चाहत कहां से लायेंगे अब भी मुशायरे होंगे लेकिन हम वो राहत कहां से लायेंगे मिस आप रहट साहब
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile