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New ज्योति धर्मराज Quotes, Status, Photo, Video

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राज कुमार सरोज Raj

चला दो धर्मराज धर्मराज उर्फ गोविंदा

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इसका नाम है पप्पू पीलू आप कहे तो आपकी ले ले क्या सेल्फी समझ में आई हो तो लाइक शेयर जरूर नहीं करना थैंक्स वेरी मच चला दो धर्मराज धर्मराज उर्फ गोविंदा

dharmchand gurjar

धर्मराज गुर्जर कुराङी #nojotophoto #कला

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 धर्मराज गुर्जर कुराङी

Jyoti Agrahari

ज्योति

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एक ज्योति पुंज सी बन जाऊँ ये  नाम अमर अब मेरा हो ,
जग में आएँ तो कुछ करना है वो काम अमर अब मेरा हो। ज्योति

jyoti gurjar

हां हूं में, ज्योति सांवली-सांवली सी
,जरा बावली बावली सी ,

वो रंग पर बड़ा इतराती हैं,
पर हमेशा अपनी मान मर्यादा को खोकर जाती हैं।

समाज का नाम बढ़ाने की जगह,
वो कुल को ही बदनाम कर जाती हैं।

©jyoti gurjar #ज्योति

Jyoti Rajpurohit

ज्योति

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आज का ज्ञान शुभ प्रभात  🙏 ज्योति

samiksha singh

मुहब्बत की आयत धर्मराज #StoryOfHonesty #लव

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Dharmraj noniya

दस्तक फिल्म सॉन्ग धर्मराज शायरी सिंगर

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नित्यानंद गुप्ता

ज्ञान ज्योति। #Quote

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विषय और भोग को तुम विष्टा के समान समझों।
- योग वशिष्ठ महारामायण ज्ञान ज्योति।

HP

अखंड ज्योति

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💝अखंड ज्योति💝
वह मनुष्य निश्चय ही सौभाग्यवान है जिसने अपने अन्तःकरण को निर्मल बना लिया है और जिसका जीवन आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख हो रहा है। अध्यात्म जीवन का वह तत्वज्ञान है, जिसके आधार पर मनुष्य विश्व ही नहीं अखण्ड ब्रह्माण्ड के सारे ऐश्वर्य को उपलब्ध कर सकता है। अध्यात्म ज्ञान के बिना सारा वैभव—सारा ऐश्वर्य और सारी उपलब्धियाँ व्यर्थ हैं। जो भाग्यवान अपने परिश्रम, पुरुषार्थ एवं परमार्थ से थोड़ा बहुत भी अध्यात्म लाभ कर लेता है वह एक शाश्वत सुख का अधिकारी बन जाता है। व्यवहार जगत में अनेक सीखने योग्य ज्ञानों की कमी नहीं है। लोग इन्हें सीखते हैं, उन्नति करते हैं, सुख−सुविधा के अनेक साधन जुटा लेते हैं। किन्तु इस पर भी जब तक वे अध्यात्म की ओर उन्मुख नहीं होते वास्तविक सुख-शाँति नहीं पा सकते। अखंड ज्योति

Parasram Arora

शाश्वत ज्योति

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मेरी सारी  साधुता   एक ही  धारणा  
पर टिकी हैँ 
कि शरीर  के साथ सब  समाप्त नहीं हो जाता 
और जीवन का अर्थ इसी बात पर निर्भर हैँ कि 
जब शरीर  गिरता हैँ  तो कुछ बिना  गिरा भी  शेष 
रह जाता हैँ 
शरीर जब मिटता हैँ  मिटटी मे  तो सभी कुछ 
नहीं  गिरता  मिटटी मे  
कुछ मेरे भीतर कोइ  ज्योति  किसी  और  यात्रा पर  निकल  जाती हैँ अर्थात  मै  बचता  हूं  किसी अन्य  अर्थो मे शाश्वत  ज्योति
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