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डॉ. शिवानी सिंह मुस्कान

कुंडलियाँ
   😀सही पकड़े हैं क्या??🙏

निंदा करने चल पड़े, 
सज धज निंदा राम।
इससे बढ़कर देखिए,
अब इनको क्या काम।।
अब इनको क्या काम,
करें सबकी निगरानी।
बिना शिकायत हाय
पचे कब दाना-पानी।।
धरती पर ये लोग,
इसी खातिर है जिन्दा।
जो हो इनसे योग्य,
करेंगे उसकी निंदा।।

डॉ .शिवानी सिंह कुंडलियाँ

कुंडलियाँ

5 Love

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Balram Singh Thakur

कुंडलियाँ,,,,

कुंडलियाँ,,,, #कविता

57 Views

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Usha bhadula

कुंडलियाँ


कैसा ये माहौल है,नहीं किसी को शर्म। 
जेबें अपनी है भरे,समझ इसी को धर्म।। 
समझ इसी को धर्म,जुल्म वह करते जाते। 
सुनें नहीं वह एक, हुक्म वह खूब चलाते।। 
लूट भरे बाजार,गरीबों का वह पैसा। 
वर्दी धारी मौन, आचरण ये है कैसा।।

©Usha bhadula #beautifulhouse कुंडलियाँ

#beautifulhouse कुंडलियाँ #कविता

153 Views

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Usha bhadula

कुंडलियाँ

माता सीता



सीता देखे वाट है, आऍं कब श्रीराम। 
बहुत दिवस होने चले, जाना अपने धाम।। 
 जाना अपने धाम,आशीष सबका पाऊँ। 
राम लखन के साथ, अयोध्या वापस जाऊँ।। 
जपत राम का नाम,इसी में दिन है बीता। 
शगुन देखके आज,प्रफुल्लित माता सीता।।

©Usha bhadula
  #Path कुंडलियाँ

#Path कुंडलियाँ #कविता

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Usha bhadula



 खर्चे बढते जा रहे,तनिक रखो तुम ध्यान। 
 खर्चा फिजूल कम करो,नहीं घटेगी शान।। 
नहीं घटेगी शान,तनिक सब कहना  मानो। 
बजट रहेगा हाथ,जरा तुम यह तो जानो।। 
कहूँ ज्ञान की बात,नहीं फिर होगें चर्चे। 
स्वयं जरूरत देख,तभी कम होगें खर्चे।।

©Usha bhadula
  #hibiscussabdariffa कुंडलियाँ

#hibiscussabdariffa कुंडलियाँ #कविता

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डॉ. शिवानी सिंह मुस्कान

 स्वरचित कुंडलियाँ

स्वरचित कुंडलियाँ #nojotophoto

5 Love

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Usha bhadula

Shree Ram  कुंडलियाँ

 आये प्रभु श्रीराम हैं,लिए सिया को साथ। 

मिलकर सब स्वागत करें, दर्शन दें रघुनाथ।। 

दर्शन दें रघुनाथ ,विजय रावण पर पाए।

तोडे मद लंकेश  , विभीषण गले लगाये।। 

दिया विभीषण राज्य, स्वयं अभिषेक  कराये। 

बैठे पुष्पक यान ,अवध फिर रघुवर  आये।।

©Usha bhadula
  #shreeram कुंडलियाँ

#shreeram कुंडलियाँ #कविता

27 Views

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Usha bhadula


नारी भी समझे नहीं,दुष्टों की यह चाल।
फंसी फिर क्यों प्यार में,देख बुरा यह हाल।। 
देख बुरा यह हाल, अक्ल क्यूँ जाती मारी। 
भूल सभ्य संस्कार,दिखावा पड़ता भारी।। 
पढी लिखी तू नार,करे क्यूँ इनसे यारी। 
सबल बनी तू आज, नहीं वह अबला नारी।।

©Usha bhadula
  #loversday कुंडलियाँ

#loversday कुंडलियाँ #कविता

126 Views

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Usha bhadula

बंसत

रंगी दिखते बाग हैं,हरे भरे हैं खेत। 
सरसों भी है झूमती,मनभावन यह चैत।। 
मनभावन यह चैत, ह्रदय आनंद समाया। 
चहक रहे खग साथ, मास यह बंसत भाया।।
प्रकृति सलौना रूप,गूंजते हैं नित भृंगी। 
दुल्हन सी तैयार, छटा ये अनुपम रंगी।।

©Usha bhadula
  #myhappiness कुंडलियाँ

#myhappiness कुंडलियाँ #कविता

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Uma Vaishnav

कुंडलियां - छंद 
***************

पावन मन को हम करे, लेकर हरि का नाम।
सुबह शाम हरि को भजे, यही  हमारा काम।।
यही  हमारा  काम, जपना  हरि  को हमेशा। 
जहां  कृष्ण का जाप , वहां नहीं रहे क्लेशा।। 
भज मन हरि को रोज, सुखी  रहे ये जीवन।
जप कर हरि का नाम,करे हम मन को पावन।। 
*******************************************''

©Uma Vaishnav #कुंडलियां
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vinay vishwasi

              कुंडलिया छंद

मेहनत  सब खूब  करें, मिलता  न रोजगार।
करें  भी  तो क्या ये अब, पढ़े-लिखे लाचार।
पढ़े - लिखे लाचार ,वे  दर - दर ही भटकते।
बीतती क्या उनपर,अब खुद ही वे समझते। 
सो  रहे  माननीय , नहीं  हैं  उनको फुरसत।
फाँक  रही  है  धूल , युवा  वर्ग  की मेहनत।।२।। कुंडलिया छंद की दूसरी कोशिश
#विश्वासी

कुंडलिया छंद की दूसरी कोशिश #विश्वासी

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कवि प्रदीप वैरागी

कुंडलिया छंद: 
मैंने जिससे की सदा,सीधे मुँह से बात,
उससे ही मुझको मिली, सदा घात पर घात।।
सदा घात पर घात, रात दिन सता रहा है। 
कितनी है औकात, हमें भी बता रहा है।। 
वैरागी कविराय,न जाता कोई कहने।
परेशान सब लोग,तमाशा देखा मैनें।। #कुंडलिया
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कवि प्रदीप वैरागी

कुंडलिया छंद :
संकट का यह दौर है,कट जायेगा मित्र। 
लेकिन मिट सकते नहीं,उर पर ऊभरे चित्र।। 
उर पर उभरे चित्र, विचित्र कलाकारी। 
पुलिस, डॉक्टर सब डटे,रात-दिन सेवा जारी। 
सेवा रूपी  नाव  ,रोल है  केवट का। 
आये कभी न और, दौर यह संकट का।। #कुंडलिया
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Shailendra Gond kavi

कपटी कुटिल विचार #कुंडलियां #कविता  #Shailendra_Gond #poem #Trading #viral #poemvideo

कपटी कुटिल विचार कुंडलियां कविता Shailendra_Gond poem Trading viral poemvideo

21.39 Lac Views

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poetess Manisha Joshi

कुंडलिया छंद

कुंडलिया छंद

216 Views

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Uma Vaishnav

कुंडलियां - छंद 
****************
पैसा बीना #कुछ_नहीं, मतलब के सब लोग। 
बिन मतलब के  भक्त भी, नहीं लगाते भोग।। 
नहीं    लगाते   भोग , प्रभु  से  मांगते   रहते। 
 पूरा हो  हर  काम , प्रभु  से बस यही कहते।। 
जानू   ना   ये   बात ,  उमा   ये   पैसा  कैसा। 
देता   नाते   तोड़ ,  पास  जब  ना हो  पैसा।।

©Uma Vaishnav
  #कुंडलियां
#kuchnahi
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Abhishek

# कविताओ की दुनिया # महादेवी वर्मा जी की कविता #

# कविताओ की दुनिया # महादेवी वर्मा जी की कविता #

680 Views

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Nitin Kr Harit

नश्वर इस संसार में, मची पड़ी है लूट,
भ्रम की गठरी बांध के, पकड़े बैठे खूंट।
पकड़े बैठे खूंट, ये गठरी छूट न जाय,
ये डूबेगी ठौर इन्हें अब कौन बताए।
मैं क्या हूं मैं कौन? कोई बूझे तो उत्तर,
हरित शून्य है सब जगत ये सारा नश्वर। हरित की कुंडलियां #हरित_वाणी #nitinkrharit #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqhindi

हरित की कुंडलियां #हरित_वाणी #NitinKrHarit #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqhindi

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tripti agnihotri

हिंदी दिवस पर विशेष
सत्या सिंह की लिखी कुंडलियाँ
स्वर-खुशी अग्निहोत्री

हिंदी दिवस पर विशेष सत्या सिंह की लिखी कुंडलियाँ स्वर-खुशी अग्निहोत्री #Knowledge

7,706 Views

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Shravan Goud

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आभार:श्री मंदिर
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आभार:श्री मंदिर आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

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सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र

#पायो जी #मैंने गिरिधर #Ko 


#Trending #Devotional #Hindi #कविता 
#repost #poem #स्वतंत्र

पायो जी मैंने गिरिधर Ko Trending Devotional Hindi कविता repost poem स्वतंत्र

1.07 Lac Views

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Amar'Arman' Baghauli hardoi UP

कुण्डलियाँ

#Mylanguage

कुण्डलियाँ #Mylanguage #कविता

88 Views

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BASH IS HATH PRASAD

नाम तेरे गिरिधर

नाम तेरे गिरिधर #कविता

77 Views

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Shreya Mishra

यमुना तीरे गूंज उठी हैं , गिरिधर गोपाल की बंसी,
मयूर पंख से सुशोभित , राजमुकुट से अलंकृत..
मुख पर माखन चोरी का साक्ष्य लिए, तरनी किनारे रम गए हैं श्याम..
यमुना किनारे गौ की झुंड लगी हैं, करुण राग ध्वनि से धरती सहित देवलोक में प्रमोद जगी हैं..
वृंदावन की लतागृह में प्रभु के स्वर्णिम कदमों की छाप पड़ी हैं,
घर - घर अंगने गिरिधर की रास चली हैं...
सावर रंग से विभूषित,
नन्द - यशोदा के दुलारे, राधा के मनमोहक
जग के पालनहार ,मोरे तो गिरिधर श्याम,
यमुना किनारे रम गए हैं मोरे गोपाल...

^श्रेया मिश्रा_
Shreya mishra








 #मोरे गिरिधर गोपाल

#मोरे गिरिधर गोपाल

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Jitendra KumarYadav ( jitu)

 नभ से गिरि(कविता)

नभ से गिरि(कविता) #nojotophoto

7 Love

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kavi manish mann


होली के त्योहार  में, लगे  गले  मन  मीत।
क्रोध भाव को छोड़कर,करे प्रीत ही प्रीत।
करे  प्रीत  ही  प्रीत, बने  राधा  सी  गोरी।
अंग  अंग  में  रंग,  लगाए   चोरी   चोरी।
बोले ’मन’ कविराय,मिले सारे हमजोली।
पिये भंग  हैं  मग्न,झूमकर खेलें  होली।। #कुंडलियां #कुंडलियां_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन #yqdidi #होली #holi
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Veena Khandelwal

#दोहा
             मीरा ने गिरिधर मिला

मीरा को लागी #लगन, किस विधि पाऊँ श्याम।
तन मन धन अर्पित किया,सब कुछ गिरिधर नाम।

जोगन बन कर बावली, #मगन रहे नित श्याम।
महल मालिया छोड़कर    ,  रटती है हरि नाम।

पग में बांधा घुंघरू     ,    हाथ मृदंगा ताल।
मीरा ने गिरिधर मिला,मिल गया श्री गोपाल।

भाव भक्ति के #गगन में   , ऊँची प्रेम पतंग।
नित नित ऊपर उड़ रही,ज्यों जग करता तंग।

विष प्याला राणा दिया, ली मीरा ने हाथ।
चरणामृत सा पी गई ,  थे जानो यदुनाथ।

×××××××××××××××××××××××××××
मीरा सी भक्ति दो प्रभु,राधा सा दो प्रेम।
प्रेम भक्ति से तुम मिलो, ना जानू मैं नेम।
×××××××××××××××××××××××××× मीरा के गिरिधर गोपाल

मीरा के गिरिधर गोपाल #दोहा #लगन #गगन #मगन

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सांध्यगीत

कुण्डलिया छंद

विप्रोचित ना एक ही,शील और संस्कार।
दुः बुद्धि दम्भी पतित,दुःगुण के आगार।।
दुःगुण के आगार,स्वयम्भू पंडित नाम धरे।
दुर्व्यसनों से ग्रस्त,त्रस्त सज्जनों को करे।।
ऐसे  छद्मों से  मनुज,करलो दूरी क्षिप्र।
मानुष ही ये हैं नहीं,दूर की कौड़ी विप्र।।

सांध्यगीत✍🏻 #कुंडलिया #kundaliya #brahaman #brahman #ब्राह्मण 

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