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Piyush Joshi
prshna hajar- uttar ek. kathinaiya hajar-samdhan ek dev aanek -mahadev ek🕉🔱🔱🚩 सोमेश्वर महादेव ©Piyush Joshi सोमेश्वर mahadev
सोमेश्वर थुटे
कोई अगर ignor ही कर रहा तो उसके पीछे भागना मत खुद के रास्ते चल पडो वही रुकना मत सोमेश्वर थुटे
GANESH EDITZ
Ruchi Baria
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर भोले नमः शिवाय… रामेश्वराय शिव रामेश्वराय, हर हर भोले नमः शिवाय… ॐ नमः, शिवाय… हर हर भोले नमः शिवाय… गंगाधराय शिव गंगाधराय, हर हर भोले नमः शिवाय… ॐ नमः, शिवाय… हर हर बोले नमः शिवाय… जटाधराये शिव जटाधराये, हर हर भोले नमः शिवाय… ॐ नमः, शिवाय… हर हर बोले नमः शिवाय… सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय, हर हर भोले नमः शिवाया… ॐ नमः, शिवाय… हर हर बोले नमः शिवाय… विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय, हर हर भोले नमः शिवाया… ॐ नमः, शिवाय… हर हर बोले नमः शिवाय… कोटेश्वराये शिव विश्वेश्वराय, हर हर भोले नमः शिवाया… ॐ नमः, शिवाय… हर हर भोले नमः शिवाय… ©Ruchi Baria ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर भोले नमः शिवाय… रामेश्वराय शिव रामेश्वराय, हर हर भोले नमः शिवाय… ॐ नमः, शिवाय… हर हर भोले नमः शिवाय…
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सोमवार व्रत भगवान सोमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन किया किया जाता है आइये विस्तार से जानिए !! 🍏🍏 {Bolo Ji Radhey Radhey} सोमवार व्रत विधि :-🍋 सोमवार का उपवास जैसा कि ज्ञात है कि यह भगवान शिव के नाम पर मनाया जाता है। सोमवर शब्द संस्कृत के सोम शब्द से बना है जिसका अर्थ है चंद्रमा अर्थात हिंदू देवता चंद्र। साथ ही भगवान शिव को सोमेश्वर के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे अपने उलझे हुए बालों पर अर्धचंद्राकार चंद्रमा पहनते हैं। 🍋 सोमवार व्रत भगवान सोमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन किया किया जाता है, और इससे मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। भले ही यह व्रत किसी भी सोमवार को मनाया जाये लेकिन हिंदू कैलेंडर में विशेष सोमवारों का उल्लेख है, जिसमें अमावस्या के दिन सोमवार बहुत लोकप्रिय है। जी हाँ, किसी भी महीने की अमावस्या के बाद पहला सोमवार बहुत लोकप्रिय है। 🍋 यह महीना शिवरात्रि पर्व के लिए जाना जाता है। जब कोई चंद्र दिवस या अमावस्या सोमवार को नहीं पड़ती है, तो सोमवार व्रत करना बहुत सही माना जाता है। इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है। 🍋 इसके अलावा इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है परसाद चढ़ाई जाती है। इस व्रत के दिन भक्त भगवान शिव को भस्म (विभूति) और बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं क्योंकि ये भगवान के पसंदीदा माने जाते हैं। इस दिन नैवेद्य या विशेष भोजन का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। जबकि शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने का भी बहुत महत्व है। 🍋 भक्त सुबह के सामान्य अनुष्ठान और प्रार्थना करने के बाद अगले दिन अपना उपवास समाप्त करते हैं। फिर प्रसाद को अन्य भक्तों में बांटते है। आमतौर पर सोमवार व्रत करने वाले भक्त सुबह और शाम के समय किसी भी भगवान शिव के मंदिर जाते हैं। यदि फिर भी, यह संभव नहीं है, तो उनके घर पर ही प्रार्थना की जा सकती है। ये है सोमवार व्रत के लाभ :- 🍋 वैसे तो सोमवार व्रत से हर किसी को लाभ होते है लेकिन कुछ अलग भी है जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। बता दें कि युवा अविवाहित लड़कियां अच्छे पति पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। जबकि विवाहित जोड़े भी व्रत का पालन करते हैं और शिव और पार्वती के दिव्य जोड़े की प्रार्थना करते हैं और शांतिपूर्ण पारिवारिक जीवन की मांग करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सोमवर व्रत के पालनकर्ता को दुनिया के सभी सुखों का आनंद लेने के लिए आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत से घर में हमेशा शांति बनी रहती है और सुख रहता है। ॐ नमः शिवाय जी।। ©N S Yadav GoldMine #phool {Bolo Ji Radhey Radhey} सोमवार व्रत भगवान सोमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन किया किया जाता है आइये विस्तार से जानिए !! 🍏🍏
JALAJ KUMAR RATHOUR
12 वी शताब्दी के उत्तरार्ध में गुजरात के पाटण में चालुक्यो के महल में जन्मे सोमेश्वर चौहांन और कर्पूर देवी के पुत्र, अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वी राज चौहान का जन्म में 19 मई 1164 इस्वी में हुआ था, इनकी शिक्षा सरस्वती विद्या पीठ जो आज का आढाई दिन का झोपड़ा है में हुई थी जब इनके पिता अजमेर आ गए थे।जयचंद की पुत्री संयोगिता से प्रेम कर, प्रेम के लिए युद्ध करने वाले और मात्र पंद्रह वर्ष की आयु में दिल्ली की सत्ता सम्भालने वाले इस वीर योद्धा ने 28 वर्ष की अल्पकालिक आयु में 27 युद्ध लडे।17 बार मुहम्मद गौरी को हराने वाले और उसको छोड़ने वाले इस वीर योद्धा और उनके साथी चंदर बरदाई को धोखे से 1192 के तराईन द्वितीय के युद्ध में छल से पकड कर बंदी बना लिया, और धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़नाए दी, जब उन्होंने कुबूल नही किया तो उन्हे अंधा कर दिया,। छ: भाषाओं का ज्ञान और शब्दभेदी बान विद्या में पारंगत इस वीर योद्धा ने चंदर बरदाई के शब्दो "चार बांस चौबीस गज, अङ्गुल अष्ट प्रमान। ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान॥" के हिसाब से गौरी को मौत के घाट उतार दिया। भारत का ये वीर योद्धा ,११/१/१२४९ भारतीयपञ्चाङ्ग के अनुसार11 मार्च 1192 (उम्र 28) आङ्ग्लपञ्चाङ्ग के अनुसार अजमेर राजस्थान में पंचतत्व में विलीन हो गया। .... #जलज कुमार 12 वी शताब्दी के उत्तरार्ध में गुजरात के पाटण में चालुक्यो के महल में जन्मे सोमेश्वर चौहांन और कर्पूर देवी के पुत्र, अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्
Divyanshu Pathak
व्याकरण व्याकरण की उत्पत्ति वेदों के साथ ही मानी जाती है ! प्रचलन में पाणिनि ऋषि की व्याकरण को मान्यता प्राप्त है ! पाणिनी से पूर्व अनेक व्याकरण आचार्य हो चुके थे! इनके ग्रंथों का आश्रय लेकर पाणिनि ने अष्टाध्याई की रचना की है ! इसीलिए व्याकरण को तीन भागों में विभाजित किया गया है ! 1.--पूर्व पाणिनी व्याकरण 2.--पाणिनी व्याकरण 3.--उत्तर पाणिनि व्याकरण प्राचीन ग्रंथों में पाणिनि से पहले लगभग 85 व्याकरण आचार्यों के नाम हमें प्राप्त हुए हैं उनमें से 10 का जिक्र आचार्य पाणिनि ने अपनी अष्टाध्याई में किया है ! आपिशलि,गार्ग्य,गालव,चक्रवर्मन,भारद्वाज, शाकटायन, शाकल्य,सनक, स्फोटायन, आदि । 🍹🍬🎂🎂🍟🌺🍫😜👍🏵😛🍔😝🏵🏵🙄🤗🙃😨😮😦😧😣😣🌞🤓🙉🙈🙀😸😻🙏👉👇 पाणिनी से पूर्व प्राचीन ग्रंथों में 15 आचार्यों का जिक्र आता है जिनमें से शिव या महेश्वर बृहस्पति इंद्र