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Maheswar Pradhan

मेरो आफ्नै कविता

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Ghanshyam Mishra

मलाई आफ्नै जीवनको छटपटी मनपर्छ... #myvoice #विचार

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Sajan Thegim

आफ्नो गन्तव्य।

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लक्ष्यबिना एकलास् यात्रा गरू म कसरी? सम्भव छैन हिक्का लुकाई हाँसु म कसरी? आफ्नो गन्तव्य।

Ramesh Chy

बच्पन मा अरुको कहानी सुनेर निदाउने मान्छे आज भोलि आफ्नै कहानी सम्झिदा रत भरी निर्दै लाग्दैन #विचार

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Narayan Prasad

"धेरै भेटिएलान आफन्त भन्नेहरू तर,आफ्नो कोही भेटिने छैन" !!

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 "धेरै भेटिएलान आफन्त भन्नेहरू तर,आफ्नो कोही भेटिने छैन" !!

Rbs Daralee

धेरै ❤️ थाकिसके 😢आफ्नो जिन्दगी सित #Love

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Kumar.vikash18

चंचल ( "चंचल" ) मन भंवर मन मोर , मन चंचल चितचोर ! मन गोरा मन काला , मन हंस मतवाला ! मन पवन मन हिलोर , मन उङता चहुँ ओर !

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( "चंचल" )
मन भंवर मन मोर ,
मन चंचल चितचोर !
मन गोरा मन काला ,
मन हंस मतवाला !
मन पवन मन हिलोर ,
मन उङता चहुँ ओर !
मन चंदन मन निर्मल ,
मन अमृत का प्याला !
मन मुरली मन तान ,
मन राधा का श्याम ! चंचल 
( "चंचल" )
मन भंवर मन मोर ,
मन चंचल चितचोर !
मन गोरा मन काला ,
मन हंस मतवाला !
मन पवन मन हिलोर ,
मन उङता चहुँ ओर !

(तरूण तरंग)तरूण.कोली.विष्ट

मन #मन #Motivation

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मन बना लिया जिसने
वो बन गया समझो फिर
©®तरूण मन #मन #motivation

Anupam Mishra

#मन #बावला मन

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किसी पिंजरे में कैद पंछी की तरह
जैसे हमारा मन भी कैद हो गया है,
सामने खुली चांदनी नजर आती है
पर चार दिवारियों के बाहर नहीं निकल पाती,
कुछ रस्मों की दीवारें हैं
कुछ मर्यादाओं की रेखाएं हैं
और कुछ ऊसूलों की सलाखें हैं
जिनको तोड़कर जाने की उम्मीद नहीं
बस देखकर सुकून मिले अब वही सही,
ऐसा नहीं कि भीतर जोश या हिम्मत नहीं
पर यह सोचकर हूं मन को बांध लेती
कि जब इस पंछी का अंत निश्चित है ही
फिर क्यूं इसे खुले में छोड़ना कभी,
येे बावला तो देख लेता है कभी भी कुछ भी
और चाहता है कि सब मिल जाए उसे यहीं,
बेहतर है कि ये पिंजरे में बंद रहे यूं ही
पता नहीं फट पड़े कब कौन सी ज्वालामुखी।
©अनुपम मिश्र #मन  #बावला मन
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