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shashank dubey
chalak bander ©shashank dubey @एक चालक बंदर की कहानी
jitendra koli
.बंदर का मज़ाक #Funny Stories in Hindi Funny stories in Hindi एक बार एक बड़े गड्ढे में एक शेर गिर गया। तभी गड्ढे के पास वाले पेड़ पर बैठा बंदर उसका मजाक बनाने लगा। बंदर- क्यों शेर तू तो बड़ा राजा बना फिरता है अब आ गयी अक्ल ठिकाने। ये बोल कर बंदर जोर जोर से हँसने लगा तभी जिस डाल पर वो बैठा था बह टूट गयी और बंदर गड्ढे में जा गिरा। और गिरते ही बोला- मां कसम….माफी मांगने के लिए कूदा हूँ। ©Dev #बंदर और शेर की कहानी #IFPWriting
Dia
बंद किताब सी जिंदगी क्यों है तुम्हारी, इनके पन्नों को मैं आजाद करना चाहती हूं, कुछ स्याही पुरानी सी चढ़ी है, नई स्याही से कुछ खूबसूरत पल लिखना चाहती हूं, मैं तुमको समझना चाहती हूं तुम गुम हुए लगते हो हर दफा मुझे मैं तुम्हें तुमसे मिलवाना चाहती हूं, कुछ तो बताओ मुझे इस बंद किताब के बारे में, इनमें बंद पन्नों के कुछ किस्सों के बारे में कुछ रंग बिरंगी यादों के बारे में, कुछ तो होगा बताने की खातिर, क्या इन पन्नों पर कभी कोई कहानी लिखी नहीं गई, इतनी खूबसूरत किताब को बंद क्यों किया है तुमने, क्या कोई कहानी अधूरी सी है, जो इन पन्नों में कहीं दबी सी है, जिंदगी की किताब के बहुत से पन्ने, नई स्याही से कुछ पल लिखने की इंतजार में बैठे हैं क्या तुम इस किताब के कुछ और पन्नों पर कुछ नया लिखना नहीं चाहते, क्या तुम उस अधूरी कहानी को अब भुलाना बुलाना नहीं चाहते, या अब भी इंतजार में हो उस अधूरी कहानी को पूरा करने के लिए, या अपनी जिंदगी की इस किताब को यूं ही बंद करके रखना चाहते हो, बताओ मुझे कैसी है तुम्हारी जिंदगी की यह किताब, मैं जानना चाहती हूं , अगर तुम कहीं खो गए हो, तो तुम्हें तुमसे मिलवाना चाहती हूं.... ©Dia #बंद किताब की कहानी #Nojoto
Anuj gurjar101
चलो आज सुनाऊं कहानी एक बैचेन परिंदे की, कलयुगी दौर में सीधे साधे एक नादान बंदे की, मिडिल क्लास वो लड़का शायद इस दुनिया को पहचान नहीं पाया कमबख्त फरेबी चेहरों ने बेवजह भी उसे बहुत सताया, हजारों मुस्किलों से जूझते हुए भी वह अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहा था, कटिली राहों पर मानों जैसे वह नगें पांव चल रहा था, एक समय ऐसा था मां बापू बीमार थे ना घर में एक पैसा था, तीन भाई बहनों में वो सबसे बड़ा जिम्मेदारियां कंधे पर आ गई , 10वीं क्लास का वो दौर था मायुशी आंखों में छा गई, अब मानों सब कुछ खत्म था चारों तरफ अंधेरा नजर आने लगा, फिर पढ़ाई के साथ साथ वो खेतों में भी कमाने लगा धीरे धीरे बस दुखों का ये दौर फिर बीतने लगा पढ़ाई को साथ लेकर वो आगे बढ़ना सीखने लगा, मां बापू भी अब उसके ठीक हो गए थे,छोटे भाई बहन भी अब सब कुछ समझं गए थे, अब तक मुस्किल परिस्थितियों के बावजूद वो लड़का ग्रेजुएशन कर चुका था, चूंकि अब परिवार भी उसका ठीक था,फिर सरकारी नौकरी का सपना उसकी आंखों में जग चुका था, बस सब कुछ भुलाकर फिर वो तैयारी में लग गया, बुलंदियों को छूने का उसकी आंखों में सपना जग गया, मुश्किलों के दौर से निकलकर अब मानों वो अपनी मंजिल के बहुत करीब था,लेकिन ग्रहण एक बार जिंदगी में फिर लगा बेचारा नसीब से आज भी गरीब था, एक लड़की ने अब यहां जिंदगी में दस्तक दे दी बर्बादी का दौर फिर से शुरू हो गया, देखा था जो सपना बुलंदियों को छूने का सब कुछ भूलकर उसके ख्वाबों में खो गया, जिस्मानी मोहब्बत के दौर में वो आज भी रूह से मोहब्बत कर रहा था, काश उसे मालूम होता कि वो एक बेवफ़ा के लिए जिंदगी बर्बाद कर रहा था, अब इस कहानी में, मैं शब्द आना भी जरूरी हैं क्योंकि ये कहानी मेरी ही हैं जो अभी अधूरी हैं, वो बेवफा थी मेरा दिल आज भी गवाही नहीं देता, मुझे छोड़ जाना शायद उसकी मजबूरी थी काश कोई उसकी मजबूरी समझ लेता, अब मुझे बताना भी उसने लाजमी नहीं समझा और उसकी सगाई हो गई, तब मैंने आखिरी बार कॉल किया उसे दुखों का पहाड़ टूट गया जब उसने कहा कि मैं पराई हो गई, जिंदगी की अनमोल चार साल यूंही गूजर गई , उसने शादी कर ली वो सारे वादों से मुकर गई, कैसे भूलू उसे में, मैं आज भी उसके लिए ताने सुनता हूं, आहत होकर ही दर्द को कहानी में बुनता हूं, अब फिर से अपने सपने की नई शुरूआत कर रहा हूं कभी मंजिल जो बहुत पास थी आज फिर उसके लिए संघर्ष कर रहा हूं आज फिर उसके लिए संघर्ष कर रहा हूं.........! ©Anuj gurjar101 #hills कहानी एक नादान बंदे की