अब रुक नही पाता दरियों में बह जाता है,
वो आँखों का काजल जो कभी इतराया करता था। अब रुक नही पाता वो दरियों में बह जाता है,
वो आँखों का काजल जो कभी इतराया करता था #काजल #आँख
अब रुक नही पाता वो दरियों में बह जाता है,
वो आँखों का काजल जो कभी इतराया करता था #काजल#आँख