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Dr Jayanti Pandey
जागो ग्राहक जागो.... लोकतंत्र में लगे हैं चोर दिखा कर सपने कुछ झूठे कुछ आधे लेकर अपनी छान पगहिया जो भाग सको तो जल्दी भागो जागो ग्राहक जागो.... (पूरी कविता कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें).. बौने नेताओं की पर्वत सी आकांक्षाएं लोकतंत्र पर बोझ हैं जनता आपस में लड़े, भिड़े कट मर जाए बस नेताओं को करनी मौज है कहते हैं -ज्यादा चीखो
vibrant.writer
{32} सुनो, पते की बात बतलाता हूं..... जोश और गुस्सा दो अलग अलग बाते है, जोश सकारात्मक है, गुस्सा नकारात्मक है। गुस्से में तुम ख़ुद को भूल जाते हो, और ख़ुद का नुकसान किए जाते हो। वर्तमान के पलो को खोए जाते हो, और भूतकाल के लिए लड़े जाते हो। © Vibrant_writer जो मिला है उसे अनदेखा करके, अपने भविष्य के लिए लड़े जाते हो। पियक्कड़ की तरह सबसे भिड़े जाते हो, खुद में नकारात्मक ऊर्जा भरे जाते हो। गुस्सा नकारात्मक ऊर्जा का सर्वोच्च शिखर है, इसे सकारात्मक ऊर्जा से काटना शुरू करो। #patekibaat 👈 touch on this and scroll up... ☺️ {32} #गुस्सा #nagative_energy सुनो, पते की बात बतलाता हूं..... जोश और गुस्सा दो अलग अलग बा
Sangeeta Patidar
दुनिया में हर तरफ़ फ़ैला हुआ है कितना डर, ऐ ख़ुदा! कर दो ना, अब तो चमत्कार कोई।। इंसान ने बंद कर दिए, तेरे भी तो दर जहाँ में, तू ठहरा रहमदिल, दे रहमत का आधार कोई।। चला अपना ज़ोर, बड़ा ख़ुश होता था इन्सान, सिखा दिया न सबक, भिड़ेगा न बेकार कोई।। सफ़ाई में लगता वक़्त वहाँ, रहता इंसान जहाँ, कुछ कर, तेरे सिवा बाकी रही न दरकार कोई।। -संगीता पाटीदार दुनिया में हर तरफ़ फ़ैला हुआ है कितना डर, ऐ ख़ुदा! कर दो ना, अब तो चमत्कार कोई।। इंसान ने बंद कर दिए, तेरे भी तो दर जहाँ में, तू ठहरा रहमद
Madan Mohan
एक और निर्भया मारी जाने आगे किसकी बारी दुष्टों का बोल बाला है चारों तरफ हल्ला जारी है फैली रेप की बीमारी है धरने पर बैठे नेता लोग सबकी समझ पर भारी है।। निर्भयाओ का मरना जारी है जाने आगे किसकी बारी है धिक्कार है ऐसे समाज को जहाँ, पुलिस पंचायत दुष्टों का बचाना बचना जारी है जज को बहकाना जारी है पुलिस, प्रशासन, मीडिया भिड़े कोन किस से कितना भारी है यही दिखावा जारी है।। हथियार नशा रेप बढ़ रहे समाज का गिरना जारी है ताकत निर्बल पर् भारी है पैसा ताकत पर भारी है राजनिति की कितनी लाचारी है एक और निर्भया मारी जाने आगे किसकी बारी है।। परमपरा ही मिटा डाली रातों रात चिता जला डाली पुलिस, प्रशासन् की लाचारी है असुरों की ये दुराचारी है एक और निर्भया मारी जाने आगे किसकी बारी है।। Madan Mohan ©Madan Mohan एक और निर्भया मारी जाने आगे किसकी बारी दुष्टों का बोल बाला है चारों तरफ हल्ला जारी है
Jyotshna Rani Sahoo
किस्से हैवानियत की (अनुशीर्षक में पढ़े) ###किस्से हैबानियत की### कांप उठती वो हर लड़की सुन किस्से हैवानियत की क्या बस वो एक सामान है लोगों के नज़रों में, खेल कर कुचल देने की।
Jai Singh
सब शांत है निःशब्द सन्नाटा हवाओं का भी शोर नहीं सांसो की भी सरगोशी नहीं सोंचने की आवाज नहीं देह से निकल कर रूह मेरी कब कहां गई मालूम नहीं कैसे हो का जवाब था कभी के जिंदा हूं, अब जिंदगी नहीं दर्द का एहसास नहीं, दर्द नहीं सब शांत है मगर ये मरघट नहीं झुलसी ज़मी पर दूब का तिनका सा जेठ की धूप मे सूरज से लड़ता सा ओस की प्यास है मगर ओस नहीं भूख नहीं प्यास नहीं प्यास की भी आस नहीं देखने सुनने कहने की कोई चाह नहीं ये क्या है क्यूँ है कैसे हुआ क्या पता पता लगे ना लगे जवाब मुझे दरकार नहीं महज कुछ दिनों की बात है शायद फिर सब वैसा ही होगा जैसा था फिर वही हंसी खुशी होगी फिर होंगी महफिलें भी ठहाके भी अच्छा लगे शायद या और बेहतर भी या ना भी हो, यूँ ही रहे परवाह नहीं मैं जय हूं अजेय भी विजय भी होगी रेगिस्तानी फूल सा, तूफान मे दिए सा घनघोर अंधेरे मे जुगनू की तरह अपने goliath से भिड़े नन्हें डेविड सा नहीँ नहीं नहीं नहीं नहीं की रट से उभर के आऊंगा मैं जीकर दिखाऊंगा था कभी ऐसा,उल्लास की बुलंदियां पर अब गैर सा लगता हूँ खुद को बेज़ान सा मज़लूम सा मुझमे अब वो जय नहीं उसमे जरा भी मैं नहीं सब शांत है निःशब्द सन्नाटा हवाओं का भी शोर नहीं सांसो की भी सरगोशी नहीं सोंचने की आवाज नहीं देह से निकल कर रूह मेरी कब कहां गई मालूम नहीं
KP EDUCATION HD
KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same ©KP NEWS HD इन तीन अधिकारियों की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और हर कोई आतंकियों और उनके समर्थक पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहा है. इन स