Find the Latest Status about तरंगिणी के गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तरंगिणी के गीत.
Aaradhana Anand
"कीमती है सिक्के, ईमान सस्ता है.. यहां रिश्तों का मतलब ही मतलब का रिश्ता है...!!! चित् तरंगिणी पत्रिका
Aaradhana Anand
चित् तरंगिणी पत्रिका दिव्य शब्द संग्रह खाली है सडक लेकिन ,मोड बहुत है । दिखती है साफ सुथरी लेकिन , जोड बहुत है ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
Aaradhana Anand
हे मेरे हृदय इतना भी न दोष दो। दे सको तो दिल का अपने आगोश दो।। #love_at_first_sight चित् तरंगिणी
Aaradhana Anand
“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” यानी भारत की दो प्रतिष्ठायें हैं पहली संस्कृत व दूसरी संस्कृति..... “संस्कृताश्रिता संस्कृति:” यानि भारत की संस्कृति संस्कृतभाषा पर ही आश्रित है। चित् तरंगिणी पत्रिका
Aaradhana Anand
करके साधु की हत्या , मिला कौन सा मान । कुकर्मो से मानव न सुधरे , कैसे बसा ये अभिमान ।। नमन करो तो ज्ञान मिले , मिले धर्म का ध्यान । साधु की हत्या करे जो, न हो कभी कल्याण ।। मानव की बुद्धि भ्रष्ट हुई , यहां पापी बने महान । दुनिया मे हाहाकार मचा , ये ही कर्मो का परिणाम ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
CK JOHNY
बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। बेरंग हो चुकी इस ज़िंदगी में आज हम तिरंगा इक रंग जायेंगे। कुर्बानी का रंग कुछ रंग अमन का हरा भरा रंग भर देंगे अपने चमन का। हर तरफ खुशियों के फूल खिल जायेंगे। बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। गरीबों कुचलों के आँसू पोंचे हाथ थाम उनका कुछ सोचें। हर हाथ को काम दें पैरों पर उन्हें खड़ा करें। अपने हिंदुस्तानी होने का हक अदा करें। देखो कैसे फिर सबके दिल मिल जायेंगे। बहुत हो चुका बर्बादी का रोना आज गीत आज़ादी के गायेंगे। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 15.08.2020 आज़ादी के गीत
Harish
मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कभी टूटी आसों में, धुंधलाती विश्वासों में, नवजीवन की अहसास जगाऊं। मन होता है आज, एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ रिश्तों की गांठों को, दिल में आयी बांटो को फ़िर से एक बार सुलझाऊं, मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। कुछ अधूरी लकीरों को, द्वार पर खड़े फकीरों को, उनके मंज़िल तक पहुचाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। उन हाथों की छुअन को, ममता की तपन को, फ़िर एक बार अपने पास लाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत में दबे गहरे, व्यतीत हुए बहुत ही सुनहरे, उन खूबसूरत पन्नों को फ़िर आज वापस पाऊं। मन होता है आज एक गीत गुनगुनाऊं। अतीत के गीत