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Rivanshi Agrahari
मेरी धोती का एक छोर, लिपटा हुआ रहता है। कभी सिरताज बनकर, तो कभी मेरी लाज बनकर। बड़ी किस्मत वाली है मेरी धोती.... जिसे सौभाग्य प्राप्त है मुझे ढकने का, मुझे सजाने का। मैं तरह तरह से सजती हूं, संवरती हूं उसकी कारीगरी से। मैं खिलखिला कर हंसती हूं, घूंघट में मुखड़ा छुपा कर के। ये घूंघट की आड़, और .... हर औरत का सोलह श्रृंगार, सजाए रखती है, अपना घर परिवार।। बहुत गहरा नाता है, मेरा मेरी धोती से, कभी मां का आंचल, तो कभी पिता का साया बन जाती है। मेरी धोती, हर फर्ज बखूबी निभाती है। कभी मुस्कान बनकर, तो कभी सम्मान बनकर, मेरे संग रह जाती है, ये धोती है साहब... बहुत से दर्द, बहुत शिकायते छिपा जाती है। ©Rivanshi Agrahari धोती #Women_Special
Rajesh Khanna
क्या कहूं अब तेरे बारे में जानी हाथ धोकर तो कुत्ता भी पीछे पड़ जाता है ©Rajesh Khanna #addiction हाथ धोकर
malkeet singh jeet
#पूरी_धोती उसके मन के सारे दुःख ढकने को शायद छोटी है उसके तन पे देखी मैंने फिर इक पूरी धोती है आखों के सब आंसू पी उसने हसना सीखा होगा तुम क्या जानो दिल ही दिल में दिन भर कितना रोती है उसके तन पे देखी मैंने ................. उसकी आँखों के दो आंसू मुझको सूरज लगते है भूंखे बच्चों की खातिर ,जो सर पर ईंटे ढोती है उसके तन पे देखी मैंने ................. कैसे रोकूँ आंसू अपने मुझको ये बतलाओ "जीत" जिस पर हस्ते थे हम सारे अपनी ही वो बेटी है उसके तन पे देखी मैंने ................. उस की इस लाचारी की क्या कीमत मांगी दुनिया ने तन को ढकने की खातिर वो तन को बेंच के लौटी है उसके तन पे देखी मैंने फिर इक पूरी धोती है उसके तन पे देखी मैंने फिर इक पूरी धोती है ©Malkeet jeet पूरी धोती
Puja Choudhary
धोती और पैंट में हुई एक बार लड़ाई दोनों इस जिद्द पे अड़े कि किसकी हो बड़ाई... दोनों बोले बने तो हैं हम एक ही धागे से बस तुम खुलते हो पीछे से और मैं खुलता हूँ आगे से ...😂😂 धोती और पैंट😁
Monika jayesh Shah
क्या रिश्ता क्या महक जिंदगी है..मेरी सहज तूफान को आना हैं! लौटकर थम जाना है! गुजर जाने वाले है..वो लम्हें बीत जाने वाली हैं..बातें! रहेगी बस हमारी यादे! जब तक चल रही हमारी सासें! ©Monika Shah सासें
r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla
मै जानती हूँ , हर राह तुम हो। धूप के बाद की छाव तुम हो। काली रातों के बाद की सुबह तुम हो, बेचैन सी सुबह का धुन तुम हो।। हाँ सुकून तुम हो।। तुम से ही राग है । तुमपे ही विश्वास है, तुमसे ही आश है चल पड़ते है बिन सोचे ही किसी राह पे क्योंकि मुझे पता है,, मेरा सावरां हमेशा मेरे साथ है। ©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla #DearKanha मेरा सावरां
Shubhada
सूर जुळतात गाठी बांधल्या जातात मंडप हसत असतो काहीतरी मात्र धुमसत असतं आतल्या आत विस्कटत असतं चुडा किंचित थरथरत असतो क्षणांच हळवं शहाणपण जपतो जुनं जपणारी आणि नवीन जोडणारी नात्याची खूणगाठ हिच असावी किती काही चालावं आतल्या आत जबाबदारी सांगणारी निर्मळ वाट नकळत पाणावणारी डोळ्यांची पात शुभदा सासरी जाताना