Find the Latest Status about ढाल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ढाल.
USM Blogs
फ़िक़री निज़ाम छोड़ कर फ़िरक़ों में मस्त है साहिल का ना क़ुसूर ना दरया गया गलत है गलत आमाल फिर तसव्वारात है गलत और इस मुआशरे को है ढाला गया गलत। fiqri nizam chorker firqo me mast hai sahil ka na qusoor na darya gaya galat hai galat amaal fir tasawwrat hai galat aur is muashre ko hai dhala gaya galat -U S Mohammad Initiative #ढाला_गया_गलत फ़िरक़ा Mean बिखराव, अलगाव
VivekG poetry
मुझे एक ढाल न बनाया जाय। मैं जीता,जागता हु महज एक खाल न बनाया जाय। मेरी नजरो में ही झलकता है चेहरा तेरा, ये तुम्हे देखे तो सवाल न बनाया जाय। खुद ही फ़ँस चुका हूं तेरी रेशमी जुल्फों में, मुझे फ़साने के लिए कोई जाल न बनाया जाय। ©Actor vivek poetry #ढाल #खाल
Sneh Sharma
तृप्ति, आशा,और विश्वास हो मन में जिसके वहां कहां आक्रोश है। संतोष और त्याग संग हो गर तुम्हारे तो कहां आक्रोश है। ईर्ष्या और बदले की भावना, लेकर चलो तो आक्रोश इक जाल है। दुश्मनों के सामने जब हो तो यही आक्रोश ढाल तलवार बन जता है। स्नेह शर्मा ©Sneh Sharma ढाल तलवार #chhathpuja
Praveen Jain "पल्लव"
sunset nature पल्लव की डायरी दायरे में ढालकर ,साबित कुछ कीजिये संघर्ष करके जीत हासिल कीजिये हो ना कभी लक्ष्मण रेखा पार प्रलोभन से कद ऊंचा ना कीजिये अवसरवादी नाव सुख की खे सकते है मगर कसौटी अंतरात्मा की चैन नही लेने देती है झूठ जुमले ठगी ही तो है दूसरो को मिटाकर,खुद की राह बनाना मूल्यो और नीतियों का हनन होता है भेष बदलकर कुछ भी हरण करना धर्म राजा का नही होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunsetnature दायरे में ढालकर, साबित कुछ केजिये #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
sunset nature पल्लव की डायरी समापन है रात्रि का अंधकार मुँह छिपाकर भागेगा उदय हो रहा है सूरज जन जीवन अब सरपट भागेगा दिन और रात्रि का स्वागत करते करते जीवन चक्र अवसान की ओर भागेगा तिल तिल कर के समय उम्र के पड़ाव और शरीर को ढालेगा जन्म मरण के फेर कितने लगा लिये मगर सूरज चाँद वही ड्यूटी अपनी अनादि काल से निभा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunsetnature तिल तिल करके समय,शरीर और उम्र को ढालेगा #nojotohindi
Shravan Goud
समय के अनुसार सत्य के रूप में भी बदलाव आता है। समय के अनुसार अपने आपको ढालना चाहिए
Ek villain
आवंटित प्रदेश का राजा अपने पड़ोसी राज्य से सदैव भयभीत रहता था उसे हमेशा इस बात का डर लगा रहता था कि कहीं उस राज्य का शासक उसके राज्य पर अतिक्रमण ना कर ले कभी भी परस्त कर देगा वह इस चिंता से अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करता रहता है इसके विपरीत पड़ोसी राष्ट्र का शासक निश्चित रहता है कि वह जब भी चाहेगा तब अपने पड़ोसी राज्य पर हमला कर उसे प्राप्त कर देगा ©Ek villain #Valley जीवन की ढाल