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im प्रेम

वैरी सेड #कामुकता

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Deep Shikha

#वैरी साथिया

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है न ये जानना जरूरी 
क्यूँ हुई ये दूरी हमारे साथ 
कभी ताउम्र संग रहने के वादे जो किए थे 
अब तो बता दो ,
क्यूँ न रही वो हाथों में हाथ #वैरी साथिया

Vivek singh

वैरी स्पेशल डे

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आज पता है क्या है 
आज गाँधी जयंती है वैरी स्पेशल डे

sona

साजनवा वैरी हो

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Datta Dhondiram Daware

वैरी संजना #InspireThroughWriting #thought

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संगत तुझीच असावी जन्मभर,
    जगण्याला नसावे कसलेच भान...!
नाव तुझेच धडधडत्या हृदयात, 
   वैरी नाही मी तुझा असू दे जाण...! 
भर रक्ताने माझ्या मळवट तुझा,
    वचन दे मला मोडू नकोस ही आण...!

*सम्राट दत्ता डावरे*
९७३००३७०५३ वैरी

संजना

#InspireThroughWriting

Akash Kumbhar

भावाना दुखवनारे आपलेच😑

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कस वाटव जेव्हा दुःखवतात भावना
ज्यात सहभाग असतो सहजनाचा
मग काय म्हणुन प्रतिकार करु...........
काय म्हणून रागवू😡
मग अश्रु नाहि समजूत घालवी
लागते.😔
बोलयचं कोणाला...?
भावाना दुखवनारे जवळचे होते😑 भावाना दुखवनारे आपलेच😑

Ashif Bhai

आई एम वैरी हैप्पी #संगीत

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दोस्तों की दुआ अब के सावन में ये शरारत हमारे साथ हुई
अब के सावन में ये शरारत हमारे साथ हुई
सारा शहर छोड़ कर मेरे ही घर बरसात हुई आई एम वैरी हैप्पी

Gopal Lal Bunker

वैरी
~~~~

वैरी अपने पाँच हैं, वृत्ति बनाएं पाँच।
काम क्रोध मद लोभ हैं, बसे मोह मन ढाँच।।

मन पर हो आरूढ़ जब, माया चलती साथ।
आते अवगुण साथ में, निज गुण रहे न हाथ।।

फाँस मोह की फाँसती, भरकर भाव लगाव।
भूल राम को सब मरें, हृदय मोह जड़ भाव।। 

बिठा हृदय में काम रति, दिया मदन उलझाय।
उलझ मनुज घर नेह में, उलझ सुलझ हरसाय।।

मनुज मरा जब लोभ में, मरी धर्म की रीत।
नर ही नर को खा रहा, रही प्रयोजन प्रीत।।

जर जोरू व जमीन का, करता नर अभिमान।
मद में इनके सब लड़े, लेने देने जान।। #दोहा #दोहावली #वैरी #rztask405 #rzलेखकसमूह #glal #yqdidi #restzone

Gopal Lal Bunker

वैरी
~~~~

वैरी अपने पाँच हैं, वृत्ति बनाएं पाँच।
काम क्रोध मद लोभ हैं, बसे मोह मन ढाँच।।

मन पर हो आरूढ़ जब, माया चलती साथ।
आते अवगुण साथ में, निज गुण रहे न हाथ।।

फाँस मोह की फाँसती, भरकर भाव लगाव।
भूल राम को सब मरें, मोह हृदय जड़ भाव।। 

बिठा हृदय में काम रति, दिया मदन उलझाय।
उलझ मनुज घर नेह में, उलझ सुलझ हरसाय।।

मनुज मरा जब लोभ में, मरी धर्म की रीत।
नर ही नर को खा रहा, रही प्रयोजन प्रीत।।

जर जोरू व जमीन का, करता नर अभिमान।
मद में इनके सब लड़े, लेने देने जान।।

पाल शील संयम सभी, बनो सतोगुण खान।
कि तमोगुण ठहरे नहीं, ठहरे छवि भगवान।।

@ गोपाल 'सौम्य सरल'
 #दोहा #दोहावली #दोहे #वैरी #glal #yqdidi #restzone #rzलेखकसमूह
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