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Pradeep Phandan

वर्ण व्यवस्था

वर्ण व्यवस्था #Mythology

72 Views

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maharaj sumit mishra

वेदों में सोलह माताओं के वर्णन

वेदों में सोलह माताओं के वर्णन

47 Views

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shubh Mohan suman

हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

©shubh Mohan suman हिन्दू समाज की सबसे 
अव्यवस्थित व्यवस्था
"वर्ण व्यवस्था" है.

-शुभ मोहन सुमन.

हिन्दू समाज की सबसे अव्यवस्थित व्यवस्था "वर्ण व्यवस्था" है. -शुभ मोहन सुमन.

9 Love

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Amit Saini

History and Culture   सत्य का प्रमाण 
कर लो जीवन की 
यहां से शुरुआत #History#वेदों में

89 Love

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Amit Saini

दुनिया की सबसे प्राचीन साइकिल #वेदों में विज्ञान

#वेदों में विज्ञान #thought

85 Love

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bkhari mohan

गीता और वेदों के अनुसार वर्ण व्यवस्था क्या है उसे जाने , Video को रोक रोककर पढ़ें और समझें फिर उसे माने उसके बाद जीवन में उसे अपनाएं

गीता और वेदों के अनुसार वर्ण व्यवस्था क्या है उसे जाने , Video को रोक रोककर पढ़ें और समझें फिर उसे माने उसके बाद जीवन में उसे अपनाएं

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Ek villain

1 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन कार्यक्रम में 100000000 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के दसवीं किस्त के तहत ₹200000000 जारी करते हुए कहा कि बीता हुआ वर्ष आरती कृति स्वास्थ्य एवं रक्षा सहित विभिन्न सुधार और उपलब्धियों के लिए याद किया जाएगा साथ ही अब वर्ष 2022 में करो ना महामारी का पूरा सतर्क से मुकाबला करते हुए देश के विकास की गति में तेजी लाई जाए निसंदेह नए वर्ष में बेहतर आर्थिक संभावनाएं दिख रही हैं प्रसिद्ध ब्रिटेन काउंसलिंग सब्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में दुनिया की अर्थव्यवस्था पहली बार 10 बिलियन डॉलर को भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर बहुत जाएगी रिजर्व बैंक के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष 2021 में 95% से अधिक होगी और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने भी अनुमान लगाया है कि जहां वित्त वर्ष 2021 और 22 के विकास दर 9.5 प्रतिशत होगी वही 2523 में करीब 8 पॉइंट 5% होगी गौरतलब यह है कि इस वर्ष बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी विनिर्माण का सेवा क्षेत्र में बड़ा सुधार कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी विदेशी व्यापार बढ़ाना और राजकोषीय नीति रीती संग्रह बिजली खपत और माल ढुलाई में उछाल के पर दिखाई दे रहे हैं एसपी का प्रतिमा को सत्संग है $140 और $450 मुल्ले का रिकॉर्ड नहीं है संभव है देश का विदेशी मुद्रा डॉलर $708 से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच सकता है घरेलू निवेशकों के दम पर भारतीय को शेयर बाजार तेजी से नई उड़ान भरेगी और शत-शत 70000 की ऊंचाई छूते हुए दिखाई दे सकता है

©Ek villain # इस वर्ष बेहतर होगी आर्थिक व्यवस्था

#fog

# इस वर्ष बेहतर होगी आर्थिक व्यवस्था #fog #Motivational

10 Love

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Anand Mishra

समय की धारा में ,हर पहलू पर विचार करना चाहिए,
गर उम्र हो ही जाए खुद की,तो स्वीकार करना चाहिए,
इस महामारी में कितनी भी बंदिशें क्यूं न हो,पर
अपने कलम की स्वतंत्रता का आगाज करना चाहिए।

यह देश कई पीढ़ियों की गुलामी का रसीद लिए है,
अब छोटी-ठिठुरी बंदिशों को इनकार करना चाहिए,
हर कदम सावधानी का हाथ, साथ रहे अपने,
पर अपने भगत की आवाज को आज़ाद रखना चाहिए।

क्यूँ रोते हो,हंसते भी नही,जरा विचार करो!,
जिन्होंने स्वतंत्रता की आहुति दी,उन्हें तो स्वीकार करो,
अब इस भयानक परतंत्रता के हवाले नही सोना चाहिये,
गर समस्या है,तो इसका हल और समाधान होना चाहिए।

कोरोना का अर्थ ,कुछ भी नही,सिर्फ लापरवाही है,
जिन्होंने सावधानी नही रखी,अपनी जान गंवायी है,
ऐसे विषाणु की जंजीरों का सम्मान करना चाहिए,
और अपने कवियों की लेखनी का विकास करना चाहिए।

-Anand Mishra अव्यवस्था में स्वतंत्रता।।

अव्यवस्था में स्वतंत्रता।।

12 Love

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सतीश तिवारी 'सरस'

डॉ. प्रकाश जी डोंगरे की पंक्तियाँ

जलती सड़कों पर
जो एक
अकेला आदमी
गुलमोहर की तलाश में
नंगे पाँव जा रहा है
व्यवस्था का सूरज
सबसे अधिक
उससे ही घबरा रहा है।

''बूढ़ा पिता और आम का पेड़'' काव्य संग्रह से साभार

©सतीश तिवारी 'सरस' 
  #व्यवस्था
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Ek villain

विश्व का पुलिस मैन बनने वाला अमेरिका इन दिनों जमीनी योद्धा कम और वाघबिल लंबी चौड़ी बातें करने वाला ज्यादा सिद्ध हो रहा है यूक्रेन मामले को लेकर यह बात और पुष्टि हो रही है कि यदि भी पूरे इतिहास भी यही कहता है कि इन दिनों रूस ने यूक्रेन की घेराबंदी कर ली है उसके सवा लाख के करीब सैनिकों के दिन की सीमा पर यह गीत मौजूद है ताजी खबरों के अनुसार उसके द्वारा महार रक्त बैंक से दूर किया जा रहा है ताकि युद्ध के नौ बताएं और संभावित घायलों को भेज दिया जा सके इधर लगाया था कि अमेरिका अपने सहयोगी नाटो देशों की मदद में रूस का सैन्य प्रतिरोधी करेगा किंतु वह सभी वाहनों की बारी से सिद्ध हो रहा है जब रूस यूक्रेन के बीच युद्ध के बादल हो रहे हैं तब खबर आ रही है कि अमेरिका ब्रिटेन जर्मनी फ्रांस आदि युद्ध में नहीं खो देंगे और तकनीकी सहायता करेंगे अब ऐसे में कभी रूस का ही टुकड़ा रहे यूक्रेन अपने बलबूते विश्व की भारी-भरकम से कैसे मुकाबला करेगा यह देखने लायक होगा अमेरिका ने कभी वेदना में भी दिया था लेकिन कुछ ही दिनों में उसे अपनी जमीन स्थिति का अंदाजा हो गया वह वापस आ गया उत्तर और कोरिया दक्षिण कोरिया में अमेरिकी दक्षिण कोरिया का समर्थक है जो शक्तिशाली उत्तर कोरिया से डरता ही रहता है

©Ek villain #विश्व व्यवस्था में अमेरिका की भूमिका

#roseday

#विश्व व्यवस्था में अमेरिका की भूमिका #roseday #Society

9 Love

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Author Harsh Ranjan

दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

व्यवस्था

0 Love

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Author Harsh Ranjan

दुनिया के कानूनों ने
मुझे ये सिखाया है कि 
घोड़ा और गधा एक है,
व्यवस्था की नजर में!
या कहें कि घोड़ापन अथवा है।
दुनिया का गधों के लिए यही जज्बा है।
सर्वत्र संसार में अकाल व्याप्त है!
भूख और भूख का डर 
जल और वायु से भी पर्याप्त है।
कमाने वालों को कम खाने के गुण
बताए जा रहे हैं और लोग
उनकी रसोई के आटे-दाल से
भंडारे करवाये जा रहे हैं।
किसी ने मेरे कानों में धीमे से कहा है,
एक किसान दो फसल काटकर भी
आयु में उतना कमाता है कि
उसके तीन पुश्त एक भी रात
भूखे न गुजारें! 
पर ये गांव वालों को कैसे समझाएं
कि बेरोजगारी के दिन-रात
बिस्तर पर न गुजारें!
अगर धरती पर पड़ा होना ही अस्तित्व है
तो ये व्यवस्था मानव से ज्यादा
मवेशियों के निमित्त है। व्यवस्था

व्यवस्था

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somnath gawade

प्रचलित व्यवस्थेविषयी
'व्यवस्थित' बोलले नाहीतर
 'व्यवस्था' आपल्याला
व्यवस्थित जागी पोहचविते.
      🤣😂 #व्यवस्था
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lokesh sharma

साम दाम दण्ड भेद सूत्र मेरे नाम ।गंगा मा का लाडला में खा म खा बदनाम ।कोर्वो से होकर भी कोई कर्ण को ना भूलेगा जाना जिसने दुख मेरा वो कर्ण कर्

साम दाम दण्ड भेद सूत्र मेरे नाम ।गंगा मा का लाडला में खा म खा बदनाम ।कोर्वो से होकर भी कोई कर्ण को ना भूलेगा जाना जिसने दुख मेरा वो कर्ण कर् #Navratra2021

325 Views

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BANA LAL

वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं

वेदों में प्रमाण है कबीर साहिब भगवान हैं #समाज

126 Views

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Ek villain

उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने तो बहुत ही नियोजित प्रश्न उठाया उपराष्ट्रपति का यह कथन स्वार्थ उचित है कि स्वर समिति से पारित संविधान संशोधन कानून सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद उस पर संसद में जरा भी बहस क्यों नहीं हुई संसद को उसे दोबारा पास करके पुनर्विचार याचिका के तौर पर सुप्रीम कोर्ट भेजना चाहिए था कॉलेजियम व्यवस्था सिर्फ भारत में ही क्यों है इसी के इस खामियों का और अपारदर्शी होने का पता चलता है वैसे भी सुप्रीम कोर्ट अनेक बार ऐसी टिप्पणियां कर चुका है और फैसले दे चुका है जो उसके स्तर में नहीं है

©Ek villain #writer कोलेजियम व्यवस्था में सुधार हो सुप्रीम कोर्ट

#writer कोलेजियम व्यवस्था में सुधार हो सुप्रीम कोर्ट #Society

6 Love

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गीता गुप्ता 'मन'

 वर्ष छंद
वर्णिक छंद-9 वर्ण
मात्राभार-222221121

#छंदज्ञान
#मन_इक_एहसास

वर्ष छंद वर्णिक छंद-9 वर्ण मात्राभार-222221121 #छंदज्ञान #मन_इक_एहसास #nojotophoto

5 Love

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Mahesh Kumar

जब तक देश के गद्दारों को कानून का डर नहीं होगा । 
तब तक देश की समस्याओं का कोई भी हल नहीं होगा ।  कानून व्यवस्था

कानून व्यवस्था #विचार

13 Love

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Satendra gupta

शिक्षा  मे  इतनी  बदहाली  क्यों  है,
पद  गुरु  का  सारा खाली  क्यों  है?

एक  -  एक  कर   टूट  रहे   है  हम,
शिक्षा  के  नाम  पर  थाली  क्यों है?

योजनायें  जो भी निकलती  है अब,
सारी   की   सारी   जाली   क्यों  है?

गर  पूछ  लो  अधिकारी   से   बात,
तो  निकलता मुँह से गाली क्यों  है?

इस बार  हो  जायेगी सबकी  भर्ती,
कह - कह   कर  टाली   क्यों    है?

  सतेन्द्र गुप्ता शिक्षा व्यवस्था

शिक्षा व्यवस्था

2 Love

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Deepa Didi Prajapati

खुशनसीब होगी
 उस रोज धरा,
वास्तविक खुशी से 
खिलखिलाएगी।
कानून व्यवस्था कर सके ऐसी,
सरकार कभी गर मिल पाएगी।

©Deepa Didi Prajapati
  # कानून व्यवस्था

# कानून व्यवस्था #कविता

126 Views

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Suresh Kumar Kushwaha

न्याय व्यवस्था

न्याय व्यवस्था

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Ek villain

पिछले कुछ महीने में जिस तरह से हत्या दुष्कर्म नरसिंह और और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए उसे लेकर बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बड़े सवाल खड़े हो गए हैं ऐसा लग रहा है पुलिस प्रशासन पर आम लोग ही नहीं बल्कि हाईकोर्ट और राज्यपाल तक पर भरोसा नहीं है इसके सबसे बड़ा प्रमाण पिछले एक माह में कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा सत्ता मामले में द्वारा सीबीआई जांच का आदेश बीते गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल को लोकतंत्र का गैस चैंबर बताया उन्होंने कहा था कि राज्य में पूरी तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है हमें ऐसे राज्य नहीं चलाते जो केवल हिंसा के परीक्षा को जहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों की राजनीति और संविधान की अवहेलना होती है बालीगंज विधानसभा और लोकसभा सीटों के उपचुनाव जीत दर्ज कर लिया परंतु हाई कोर्ट के आदेश और राज्यपाल के बयान में कहा कि पिछले महीने एक ही दिन अलग-अलग जिले का गांव में हत्या के बाद मुस्लिम संप्रदाय के लोगों को जिंदा जला दिया लोगों की मौत हो गई और 2 जख्मी हो गए इस समय मोदी सरकार का नेता

©Ek villain #कानून एवं व्यवस्था को लेकर गिरी में ममता

#City

#कानून एवं व्यवस्था को लेकर गिरी में ममता #City #Society

8 Love

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kumar vishesh

तू साया बनकर जब जब मेरे साथ रहेगा
मां कसम तुझे मेरा हर एक वादा याद रहे
मोहब्बत कर कर देख लेना
दिल क्या जान भी दे देंगे तुम्हें

©kavi kumar vishesh तेरे वादों में क्या है

#Love

तेरे वादों में क्या है #Love #शायरी

7 Love

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Prakash Jakhar

हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में वेदों के नाम शामिल हैं:

1. ऋग्वेद (Rigveda)
2. यजुर्वेद (Yajurveda)
3. सामवेद (Samaveda)
4. अथर्ववेद (Atharvaveda)

ये चार वेद हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ हैं और उन्हें श्रुति ग्रंथ माना जाता है।

©Prakash Jakhar
  हिंदू ग्रंथो में वेदों के नाम।
#prakashjakhar #hindu #Hindi #Jakhar

हिंदू ग्रंथो में वेदों के नाम। #prakashjakhar #Hindu #Hindi #Jakhar #पौराणिककथा

108 Views

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maher singaniya

नदी का पानी " मीठा " होता है क्योंकि
वो पानी देती रहती हैं...
सागर का पानी " खारा " होता है क्योंकि
वो हमेशा लेता रहता हैं...
नाले का पानी हमेशा " दुर्गध " होता है क्योंकि
वो रुका हुआ होता हैं...

यही " जिंदगी " हैं........

देते रहोंगे तो सबको " मीठे " लगोगे
लेते रहोंगे तो " खारे " लगोगे और
अगर रुक गये तो सबको " बेकार " लगोगे...!!!

©maher singaniya वेदों का ज्ञान...

वेदों का ज्ञान...

18 Love

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Ek villain

आपने लोगों को यह शिकायत करते हुए अक्सर सुना होगा की व्यवस्था कुछ अधिक ही है और उसके चलते तमाम कारण निलंबित पड़े हैं वास्तव में ऐसे जीवन व्यस्त नहीं आपूर्ति अस्त व्यस्त होता है सफलता की कुंजी समय प्रबंधन में ही छिपी है समय के प्रबंधन का विरोधाभास देखिए लगभग समान कद काठी शिक्षा स्वास्थ्य और परिवार पृष्ठभूमि के दो व्यक्तियों में से एक कारोबारी वह पूर्ण विश्वास और उत्साह से कई उधम संचालित करता है उसी के एक कंपनी में कार्यरत दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम अतुल्य एक निर्धारित कार्य नहीं संभाला पहला एक अन्य कंपनी खोली जा रही है कई जानकारियां प्राप्त करने को ऐसे व्यक्ति अपनी व्यवस्था देने में से एक समय निकालेंगे कोई इतना व्यस्त नहीं होता कि इस कार्य के लिए समय ही ना मिले मनुष्य में नेताओं के चलते उसे एक विशेष भूमिका निभाने की अपेक्षा होती है जिसे यह ज्ञान होगा कि वह एक क्षण व्यर्थ नहीं जाएगा ऐसा व्यक्ति कार्य को बोझ नहीं समझता बल्कि कार्य में व्यवस्था से आंदोलित एवं श्रेष्ठ रहता है कार्य में चित्र लगाने वाला ना तो कार्य से कार्यरत और ना ही उसे लड़का आएगा मन और शरीर की संरचना ऐसी है कि उसे व्यस्त नहीं रखेगा तो विभिन्न अंग प्रतियों की कार्य क्षमता क्षीण होती जाएगी अकारणीय व्यक्ति देश समुदाय राष्ट्रीय और स्वयं अपने लिए बोल होता है जीवन में वित्तीय प्रभाव बनाए रखने के लिए मन मंदिर में एक स्पष्ट सार्थक परियोजना प्रतिशत करना होगा प्रयोजन यदि ईश्वरीय विधान के अनुपालन में रहे तो हितकारी होगा क्योंकि मनुष्य ईश्वर की अनुकृति केवल दिखावे के लिए व्यस्त रहने के कोई मायने नहीं है

©Ek villain #सार्थक व्यवस्था

#writing

#सार्थक व्यवस्था #writing #Society

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