Find the Latest Status about इश्क कोई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, इश्क कोई.
Shubham Bhardwaj
इश्क़ है,मोहब्बत है,तुम कोई भी नाम दे दो। दो जिस्म एक जान हैं, बस इतना पैगाम दे दो।। ©Shubham Bhardwaj #इश्क #कोई #दे
Parasram Arora
अब आइने भी . हमसे सवाल करने लगे उसके फिज़ूल सवाल सुनकर अपना मुँह हम छुपाने लगे इश्क कोई मर्ज़ नही वरदान है यारों प्यार है तो दुश्मन भी दोस्त बनने लगे. ज़ो कल तक रहते थे गुमसुम आज वो भी शायरी कविता लिखने लगे जिनका ग़ुस्सा नाक पर रखा रहता था आज वो भी ठहाके मार कर.हंसने लगे ©Parasram Arora इश्क कोई मर्ज़ नही......
binaymaurya
इश्क कोई घर नहीं जो भर जाएगा आजकल का रिवाज है साहब हीर के बगैर रांझा मर जाएगा ©binaymaurya इश्क कोई घाव नही
miya ji
ये कोरोना तो चंद दिनों का है.. इश्क़ तो सदियों से लाइलाज़ है.. इश्क कोई इलाज नहीं 😉
Md Ghulam
• दिल में तड़प है ,पर कोई दर्द नहीं । रातो को उठ-उठ कर रोता हूं,पर कोई गम नहीं । हा उसके सिवा कोई और दिखता नहीं, उसके सिवा और कुछ सोचता ही नहीं, मुझे मालूम ही नहीं अब तक, ये मुहब्बत है मेरा या इश्क कोई । । शाम को देखा था उसे, रात को निन्द नहीं आई । दिन इधर-उधर भटक के गुजार लिया, रात को फिर निन्द नहीं आई । बेचैन यूँ ही उनकी खयालो में बैठा रहा कई दिनों तक, जब हकीम को बुला कर नब्ज दिखवाया, तो कहा ये कोई रोग नहीं, ये मुहब्बत है या इश्क कोई। कुछ पल मिले थें उसके साथ साथ चलने की । साथ नहीं पर आस पास रहने की । सोचा इसी दरमियां कर लू इजहार अपनी मुहब्बत की । पर न आई लब पे यारो बात मुहब्बत की, वो उधर हो गई हम इधर हो गए, बस यही हालात रही अपनी इश्क या मुहब्बत की। हा थोड़ी गुफतगु होई तो थी, कुछ हमने कहा था कुछ उसने भी कही तो थी, चोट लगी थी उन्हें,तो दिल में बेचैनी हुई तो थी, थक हार कर जब बैठा था उसके पास, बेचैन कुछ वो भी लगी तो थी, हम दोनों के दरमियां बस यही रिश्ते है, अब किसे पता ये मुहब्बत है या फिर इश्क कोई। रचनाकार---- गुलाम नबी ©Md Ghulam मुहब्बत या इश्क कोई #IntimateLove
Md Ghulam
• दिल में तड़प है ,पर कोई दर्द नहीं । रातो को उठ-उठ कर रोता हूं,पर कोई गम नहीं । हा उसके सिवा कोई और दिखता नहीं, उसके सिवा और कुछ सोचता ही नहीं, मुझे मालूम ही नहीं अब तक, ये मुहब्बत है मेरा या इश्क कोई । । शाम को देखा था उसे, रात को निन्द नहीं आई । दिन इधर-उधर भटक के गुजार लिया, रात को फिर निन्द नहीं आई । बेचैन यूँ ही उनकी खयालो में बैठा रहा कई दिनों तक, जब हकीम को बुला कर नब्ज दिखवाया, तो कहा ये कोई रोग नहीं, ये मुहब्बत है या इश्क कोई। कुछ पल मिले थें उसके साथ साथ चलने की । साथ नहीं पर आस पास रहने की । सोचा इसी दरमियां कर लू इजहार अपनी मुहब्बत की । पर न आई लब पे यारो बात मुहब्बत की, वो उधर हो गई हम इधर हो गए, बस यही हालात रही अपनी इश्क या मुहब्बत की। हा थोड़ी गुफतगु होई तो थी, कुछ हमने कहा था कुछ उसने भी कही तो थी, चोट लगी थी उन्हें,तो दिल में बेचैनी हुई तो थी, थक हार कर जब बैठा था उसके पास, बेचैन कुछ वो भी लगी तो थी, हम दोनों के दरमियां बस यही रिश्ते है, अब किसे पता ये मुहब्बत है या फिर इश्क कोई। रचनाकार---- गुलाम नबी ©Md Ghulam मुहब्बत या इश्क कोई #IntimateLove
Shailendra Singh Yadav
इश्क का कोई हिसाब नहीं इश्क फीसदी से नहीं फरियाद से चलता है । इश्क दो दिलों की हसरत है इश्क में मुकाम हासिल हो तो मुलाकात से चलता है। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी इश्क कोई हिसाब नहीं।
Aur Kya Kahen
"Aaaah" आंख बेदर्द हो गई है.. कहीं ख़ाली कमरे में कोई टीस निकल जाए तो कहना.. तुमपे खतम सारी शिकायत हो गई हैं.. कहीं इश्क भरी आह निकल जाए तो कहना.... अब खुद से ही इबादत हो गई है.. तुम्हारी बात निकल जाए तो कहना.. खयालों से, जिंदगी से , तुम्हारी मोहब्बत से ..दूर रहने की आदत हो गई है.. तुम्हारा कोई लम्हा भी निकल जाए तो कहना.. ©Aur Kya Kahen "हिंदी इश्क" #"कोई"आह.." निकल जाए तो कहना" #शायरी #हिंदी इश्क