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ठंडा पानी..
झूठ के दुनिया में सच बोलने का जुर्म कहते हैं कहां के हो जनाब और आज कल कहां रहते हो मुंबई मरीन ड्राइव
Arun Prajapati
वो मरीन ड्राइव की शाम याद है तुम्हें? कितनी सुंदर हवायें चल रही थी सागर को छु कर, और स्याह आसमान में सितारे कितने खूबसूरत लग रहे थे उस दिन, मानो जैसे पूरा सज-धज कर वो भी तुम्हारे ही दीदार को आयें हो। ठण्ड हवायें थी, टिमटिमाते हुये तारे थे, लेकिन मुझे आसमान में चाँद के निकलने का इंतज़ार नहीं था, क्योंकि उस रात चाँद तो मेरे ही साथ था। उस दिन इअर फोन तो एक ही था, एक साइड का तुम, एक साइड का मैं कान में लगा कर दोनों एक ही गाने सुनने लगे, तुम कोई और ख़्वाब बुन रही थी शायद और हम पागल तुमको ही अपने ख़्वाबों में बुनने लगे। तभी तुमने गाने बंद किये और मुझसे कहने लगी कि, तुम्हें ऐसे ही मरीन पे बैठ कर गाने सुनते रहना बहुत ही अच्छा लगता है, और हम तो बस मुस्कुरा दिये और फिर ये कह नहीं पाये कि, चाहे मरीन हो या ना हो, जब भी तुम यूँ ही मेरे साथ में अच्छा महसूस करती हो न... तो कसम से, मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। वो मरीन ड्राइव की शाम याद है तुम्हें? कितनी सुंदर हवायें चल रही थी सागर को छु कर, और स्याह आसमान में सितारे कितने खूबसूरत लग रहे थे उस दिन,
ARUN KUMAR PRAJAPATI
वो मरीन ड्राइव की शाम याद है तुम्हें? कितनी सुंदर हवायें चल रही थी सागर को छु कर, और स्याह आसमान में सितारे कितने खूबसूरत लग रहे थे उस दिन, मानो जैसे पूरा सज-धज कर वो भी तुम्हारे ही दीदार को आयें हो। ठण्ड हवायें थी, टिमटिमाते हुये तारे थे, लेकिन मुझे आसमान में चाँद के निकलने का इंतज़ार नहीं था, क्योंकि उस रात चाँद तो मेरे ही साथ था। उस दिन इअर फोन तो एक ही था, एक साइड का तुम, एक साइड का मैं कान में लगा कर दोनों एक ही गाने सुनने लगे, तुम कोई और ख़्वाब बुन रही थी शायद और हम पागल तुमको ही अपने ख़्वाबों में बुनने लगे। तभी तुमने गाने बंद किये और मुझसे कहने लगी कि, तुम्हें ऐसे ही मरीन पे बैठ कर गाने सुनते रहना बहुत ही अच्छा लगता है, और हम तो बस मुस्कुरा दिये और फिर ये कह नहीं पाये कि, चाहे मरीन हो या ना हो, जब भी तुम यूँ ही मेरे साथ में अच्छा महसूस करती हो न... तो कसम से, मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। वो मरीन ड्राइव की शाम याद है तुम्हें? कितनी सुंदर हवायें चल रही थी सागर को छु कर, और स्याह आसमान में सितारे कितने खूबसूरत लग रहे थे उस दिन,
Prajwal Soni
हर गली हर चौराहा सुनसान दिख रहा है, देश का हर परिवार देश के योद्धाओं के साथ निस्वार्थ भाव से दिख रहा है। सुबह को राम और शाम को श्याम, मुझे तो अब हिंदुस्तान दिख रहा है । इस लड़ाई में लोगो का होड़ दिख रहा है, इसीलिए तो चंद मिनटो के अंदर राहत कोष में करोड़ दिख रहा है । सब पंत कर रहे है अपने जिम्मेदारियों का निर्वाहन, मुझे तो हर हिन्दू विवेकानंद और हर मुस्लिम कलाम दिख रहा है । सुबह में पक्षियों के चहचहाहट , और शाम को उनका विचरण दिख रहा है। मरीन पर डॉल्फिन का उछाल,तो शहर की सड़कों पर जानवरो का चाल दिख रहा है, लगता है, है खुश जहां के जीव, मुझे तो प्रकृति खुशहाल दिख रहा है। -प्रज्ज्वल सोनी हर गली हर चौराहा सुनसान दिख रहा है, देश का हर परिवार देश के योद्धाओं के साथ निस्वार्थ भाव से दिख रहा है। सुबह को राम और शाम को श्याम, मुझे त
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो कॉमरेड, पता नहीं क्यूँ पर जब भी बात मेरे भूले बिसरे दिनों की होती है न, तब तुम्हारा जिक्र जरूर हो जाता है। तुम न मेरे उस वक्त का एक हिस्सा थी। मुझे नहीं पता कि तुमसे जुडी हर चर्चा क्यूँ मेरे ह्रदय स्पंदनो को कंपन कराती है। लेकिन इतना जरूर है कि मेरी नजरों को तुम्हारी प्रतिछाया सदैव चंदन सी शीतलता प्रदान करती थी। मुझे नही पता जीवन के किस छोर हम फिर से मिलेंगे ,हो सकता है ना भी मिलें। लेकिन इतना जरूर है कि तुम्हारे मिलने से मुझे मोक्ष जरूर मिल जायेगा। कुछ ख्वाहिशो को मैंने ताउम्र पाला है। जैसे तुम्हारे साथ लेह लद्दाख की बाइक राईड, रामेश्वरम का सुर्यास्त,कलाम साहब के अवशेषों से मुलाकात, मुंबई की मरीन ड्राईव पर तुम्हारे हाथों में मेरा हाथ , ऋषिकेश होते हुए केदारनाथ और बनारस के घाट पर आखिरी सांस, यही तो थी। मेरी विश लिस्ट,अब जब तुम ही नही हो तो सोचता हूँ । तुम्हारी यादों में बाँहें डालकर पूरा कर लूँ इन्हे। शायद फिर तुम और तुम्हारे संग देखी ये ख्वाहिशे मुझे कम सताये। वैसे तुम्हे पता हो कि आखिरी ख्वाहिश और आखिरी सांस हमेशा अधूरी रहती है। पर फिर भी मैं हमारे लिए कोशिश जरूर करूँगा। ... तुम्हारा साइंटिफिक कैल्कुलेटर😊 .. #जलज राठौर #withyou सुनो कॉमरेड, पता नहीं क्यूँ पर जब भी बात मेरे भूले बिसरे दिनों की होती है न, तब तुम्हारा जिक्र जरूर हो जाता है। तुम न मेरे उस वक्त
एक इबादत
क्रमागत उन्नति यानी इवोल्यूशन की थ्योरी देने वाले मशहूर वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने जिस जगह इवोल्यूशन की स्टडी की थी, वहां पर मौजूद विश्व प्रसिद्ध डार्विन आर्क समुद्र में गिर गया. यह पत्थर का बना प्राकृतिक मेहराब था. जिसके आसपास व्हेल शार्क और हैमरहेड शार्क अक्सर देखी जाती हैं. इस जगह जाने वाले पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण का केंद्र था. इसी आर्क के आसपास डार्विन ने इवोल्यूश की थ्योरी देने के लिए अध्ययन किया था... हाल ही में इक्वाडोर के पर्यावरण और जल मंत्रालय ने स्पैनिश भाषा में ट्वीट करके यह जानकारी दी कि डार्विन आइलैंड के पथरीले और ढलान वाले तट से 1
RAJ SINGH ✔️
Hrishabh Trivedi
🏃🏃सफ़र मायानगरी का 🏃🏃 इसमें मेरे जीवन की एक बेहद अजीब और महत्वपूर्ण घटना लिखी है। और साथ ही ये मेरी पहली शॉर्ट स्टोरी भी है। पूरा पढ़े, तभी मज़ा आएगा। 😊😊अनुशीर्षक में पढ़े😊😊 घटना डेढ़ साल पुरानी है, लेकिन एक - एक पल दिमाग में छपा हुआ है। शुरुआत करते हैं अपने बारे में जरा बताते हुए, उस वक़्त मेरी उम्र लगभग 20 साल