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New पसंदीदा रंग Quotes, Status, Photo, Video

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Richa Sinha

#propose तुम अगर कभी प्रेम मे पड़ो तो, चुनो उसे अपने लिए, जो जानना चाहे, tumhara पसंदीदा रंग, तुम्हारी बातें अत्रंग,,, जिसे दिलचस्पी हो #कविता

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Ajay p.bhartiya

जब भी मैं तेरी यादों के सफ़र पर निकलता हूं तो याद आता है - तेरी लिपस्टिक का पसंदीदा रंग जो मुझे भी बहुत प्यारा था जो तूने कितने ही फूलों के #Shayari

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DR. SANJU TRIPATHI

इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में #YourQuoteAndMine #yqhindi #CollabChallenge #anandkumarmanish #sahityakaksh #sahityakakshgazal_01

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वो हसीन लम्हें, आज भी याद आ-आकर मुझको तेरे प्यार का दीवाना बनाते हैं।
रोज रात को चुपके से आँखों की पलकों में समां कर, मेरी बेकरारी बढ़ाते रहते हैं।

कभी तड़पाते हैं, कभी रुलाते हैं और कभी तन्हाइयों में महफिलें सजाते रहते हैं।
तुमसे नजरें मिलाना, मिला कर खुद को भूल जाना अब हसीन ख्वाब से लगते हैं।

इख्लास पर इख्तियार नहीं होता कोई, तनहाई में तुम्हारा ख्याल ही बुनते रहते हैं।
तेरी चाहत के सदके में सर झुकाया है हमने, हम आज भी तेरा ही इंतजार करते हैं।

तेरी मुस्कुराहट की दौलत से सारे जख्म दूर होकर, खुशियों के नूर से जगमगाते हैं।
तुम्हारी खुशबू से हर पल अपनी साँसो को महकाकर, बस तुममें ही खोये रहते हैं।

वह हसीन लम्हें, हमसाया बनकर "एक सोच" के साथ हरपल- हरकदम चलते हैं।
रज़ा-ए-ख़ुदा गर हो जाए तो, जीस्त में फिर उन्हीं लम्हों को जीने की चाह रखते हैं।
 इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत"

गजल प्रतियोगिता -01
साहित्य कक्ष 2.0 


आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में

Writer1

इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में #YourQuoteAndMine #yqhindi #CollabChallenge #anandkumarmanish #sahityakaksh #sahityakakshgazal_01

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दौलत पाकर मोहब्बत की जाने क्यों ,दिल उदास है दे कुछ दवा ।
इफ़्फ़ात-ए-रूह मेरी,हम मुकद्दस हुये पाकर तेरी  बुनियाद-ए-वफ़ा ।।

लम्हा - लम्हा  तन्हाई  मेरी ,  प्यार भरे  नग़्मे  फ़िर  गाने  लगी ।
फ़िज़ायें  भी  तेरी  मौजुदगी का,अहसास जतायें ऐ जान-ए-वफ़ा ।।

मुकम्मल  जहाँ  की आरज़ू नहीं, बस  परस्तिश करूँ मैं तेरी।
काबिज़ कर रहा है मेरी रूह को,तेरा ये चेहरा -ए - नूर-ए-ख़ुदा।।

तू ग़ज़ल मेरी मैं कातिब तेरा,मेरे हर्फ़ों में भी  ज़िक़्र सनम तेरा।
हक-ए-बंदगी हम अदा कर चले,अय  मेरी  हुस्न -ए -जाविदां।।

इज़्तिराब -ए-गिरदाब हुआ था , मौज - ए -रवानी  दे  मुझे ।
एहसास- ए -तस्कीन सजाया है ,उनसे  सेहर  -ए - वफ़ा ।। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत"

गजल प्रतियोगिता -01
साहित्य कक्ष 2.0 


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Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में #YourQuoteAndMine #yqhindi #CollabChallenge #anandkumarmanish #sahityakaksh #sahityakakshgazal_01

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आए हो  जहाँ में तो, बस अपना  कर्म करते  जाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।

क्यों  करते  हैं  लोग  यहाँ, जो  कर्म  नहीं  इंसानों का,
दिन भर  जपे  ईश्वर  का  नाम, काम  करे  हैवानों का,
आज नहीं तो  कल जाकर, बाबुल को मुँह दिखाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है।

तौबा  कर ले  तू गुनाह से, कुछ ना  साथ  तेरे जाएगा,
ये दौलतों  का  ताजमहल ही, कब्र  तेरा  बन  जाएगा,
चार दिनों की  ज़िन्दगी है, फिर पंछी बन उड़ जाना है,
क्या करोगे दौलत का, सब छोड़कर यहीं पर जाना है। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत"

गजल प्रतियोगिता -01
साहित्य कक्ष 2.0 


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Insprational Qoute

इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत" गजल प्रतियोगिता -01 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में #YourQuoteAndMine #yqhindi #CollabChallenge #anandkumarmanish #sahityakaksh #sahityakakshgazal_01

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मनोभाव से उत्पन दौलत की पौध रोप दो,
सर्वग्राही सदाचार की यह दौलत सौंप दो,

न रहे कोई अधूरा इस अमूल्य धरोहर से,
भावीपीढ़ी को यह अनमोल ज्ञान रोज़ दो,

न आने पाये कोई  भी आँच इस संसार पर,
ऐसा मनमुटाव का ख़ंजर भीत में घोंप दो,

सराहना करे सृष्टि की वह देवलोक भी,
हृदय उद्वेलित हो जाये ऐसी सु-सोच दो।

नवीनता से लबरेज़ नवाचारिता हो जाये,
जग में अद्वितीय अविष्कार की खोज दो। इस ग़ज़ल प्रतियोगिता का शीर्षक है "दौलत"

गजल प्रतियोगिता -01
साहित्य कक्ष 2.0 


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