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karna ram dhandhal s.k.talla
मुखिया ऐ मरुथल रा बेठा बेठा मूछो बटे,,।,, भोले भोले टाबरो ने पूछे आज माता धोवण कटे ,, शुभेच्छु:-करण धांधल ©karnaram dhandhal मारवाड़ी शुभा
संस्कृतसर्वत्र
होलिकापर्वण: शुभकामना:। शुभा होली ।शौभना होलिकामहोत्सव वर्णमयं वर्णोत्सव: रंगमयं भवतु। *अग्रिमशुभकाम* *शिवासारस्वत*
꧁प्यारा शायर ~SKR꧂
हर शुभा , शुरूआत होती है एक नई जिंदागिकी । हर दिन की शुरूआत होती है आपके हसी से । GOOD Morning🌅 हर शुभा , शुरूआत होती है एक नई जिंदागिकी । हर दिन की शुरूआत होती है आपके हसी से । GOOD Morning🌅
Sangeeta Patidar
लहू का रंग इक जैसा, चली तलवार जाने क्यूँ। वही मौला है वही कृष्णा, बँटे दरबार जाने क्यूँ। इक ज़मीं है उस पे कितनी खींच ली हैं रेखाएँ, एक-दूजे से जुड़कर, बिखरे परिवार जाने क्यूँ। मिल-जुलकर ही तो पाया आज़ादी का आलम, सबकी जीत में बीच आया अहंकार जाने क्यूँ। देने वाले दाता को ही दे रहे हो लाखों का दान, ग़रीबी-भुखमरी से भरा है अख़बार, जाने क्यूँ। रिश्ते-नातों से कहाँ गया वो पहले सा एहसास, अपना ही अपने का बना है ख़रीदार जाने क्यूँ। Rest Zone 'काव्य सृजन' "लहू का रंग इक जैसा, चली तलवार जाने क्यूँ। वही मौला है वही कृष्णा, बँटे दरबार जाने क्यूँ।" -शुभा शुक्ला मिश्रा 'अधर'
मुरखनादान
आज हमारे भाई जी., मास्टर जी., गुरू जी., और प्रिय दोस्त श्री पवन कुशवाहा जी., का जन्म दिन हैं... ..दो शब्द उनके लिए... हवा का रूप हो तुम.. और शुभा-शुभा की मीठी पवन की महक हो तुम.. बुलंदियाँ भी चूमें कदम तुम्हारे... बुलंदियों पर फतह करने वाली जीत हो तुम... हैप्पी बर्थडे गुरू जी 🍰🍰🍰 🍬🍭🍬🍭🎈🎈🥰 🍛🍗🍜🍛🍪😋🍕🍟🍔🍧.... तुम जीओ 10000000000000000000 0000000000000000.........✍ साल और साल के हर दिन.. और दिन के हर पल खुश रहो........From...R.J...! ©Rahul R.J..!♥️ आज हमारे भाई जी., मास्टर जी., गुरू जी., और प्रिय दोस्त श्री पवन कुशवाहा जी., का जन्म दिन हैं... ..दो शब्द उनके लिए...
Ajay Prakash
रोज की तरह आज भी शुभा ओर श्याम बेरंग रही है ओर आज भी घर वाले समझ गए वो सारी बाते जो अभी तक अन्नकही है सुनो मुशाफिर मेरा पेगाम लेते जाओ वो तो नही है पर उसकी यादे मुझमे बसर कर रही है ✍अजय पटीर✍ रोज की तरह आज भी शुभा ओर श्याम बेरंग रही है ओर आज भी घर वाले समझ गए वो सारी बाते जो अभी तक अन्नकही है सुनो मुशाफिर मेरा पेगाम लेते जाओ वो तो
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ 🔱🍀 ॐ नमः शिवाय 🍀🔱 'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।' सनातन संस्कृति, सौभाग्य, व्रत एवं आराधना के प्रतीक करवा चौथ के पवित्र पर्व की सभी सुहागिन नारी शक्ति को आत्मीय बधाई एवं शुभकामनाएं। करवा चौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं.....सभी बहनों को बधाई एवं मंगलकामनाएँ।🙏🏻 संस्कृति, परंपरा और अखंड सौभाग्य के महापर्व करवा चौथ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। ईश्वर से प्रार्थना हैं कि सभी सुहागन का सुहाग खुशहाल रहें व स्वस्थ रहें।🙏🌸🙏 भगवान शिव माता पार्वती का आशीर्वाद सदैव आप सभी पर बना रहे...। 🙏🌺🙏हर हर महादेव शिव शंभु🙏🌺🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ 🔱🍀 ॐ नमः शिवाय 🍀🔱 'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।' सनातन
Juhi Grover
ज़िन्दगी में अब बचा क्या है बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें छू नही
Vikas Sharma Shivaaya'
देवगुरू बृहस्पति :- गुरूवार को बृहस्पति जी की पूजा होती है है जिनको देवताओं के गुरु की पदवी प्रदान की गई है। चार हाथों वाले बृहस्पति जी स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुंदर माला धारण किये रहते हैं, और पीले वस्त्र पहने हुए कमल आसन पर आसीन रहते हैं। इनके चार हाथों में स्वर्ण निर्मित दण्ड, रुद्राक्ष माला, पात्र और वरदमुद्रा शोभा पाती है। प्राचीन ऋग्वेद में बताया गया है कि बृहस्पति बहुत सुंदर हैं। ये सोने से बने महल में निवास करते है। इनका वाहन स्वर्ण निर्मित रथ है, जो सूर्य के समान दीप्तिमान है एवं जिसमें सभी सुख सुविधाएं संपन्न हैं। उस रथ में वायु वेग वाले पीतवर्णी आठ घोड़े तत्पर रहते हैं! परिवार:-देवगुरु बृहस्पति की तीन पत्नियां हैं जिनमें से ज्येष्ठ पत्नी का नाम शुभा, कनिष्ठ का तारा या तारका तथा तीसरी का नाम ममता है। शुभा से इनके सात कन्याएं उत्पन्न हुईं हैं, जिनके नाम इस प्रकार से हैं, भानुमती, राका, अर्चिष्मती, महामती, महिष्मती, सिनीवाली और हविष्मती। इसके उपरांत तारका से सात पुत्र और एक कन्या उत्पन्न हुईं। उनकी तीसरी पत्नी से भारद्वाज और कच नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए। बृहस्पति के अधिदेवता इंद्र और प्रत्यधि देवता ब्रह्मा हैं। महाभारत के आदिपर्व में उल्लेख के अनुसार, बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र तथा देवताओं के पुरोहित हैं। ये अपने प्रकृष्ट ज्ञान से देवताओं को उनका यज्ञ भाग या हवि प्राप्त करा देते हैं। बृहस्पति रक्षोघ्र मंत्र:बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम। ए सजनी लीनो लला लह्यो नन्द के गेह ! चितयो मृदु मुसिकाई के हरि सबे सुधि गेह !! इस दोहे में रसखान जी वर्णन करते है कि हे प्रिय सजनी श्याम लला के दर्शन का विशेष लाभ है ! जब हम नन्द के घर जाते है तो वे हमें मंद मुस्कान से देखते है और हम सबकी सुधबुध लेते है ! अर्थार्त उनके घर जाने से हमारी सारी परेशानियों का हल निकल जाता है ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' देवगुरू बृहस्पति :- गुरूवार को बृहस्पति जी की पूजा होती है है जिनको देवताओं के गुरु की पदवी प्रदान की गई है। चार हाथों वाले बृहस्पति जी स