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rajnesh kumar
Think positive, be humble and start the day with some good work, nothing is impossible in this world. The biggest enemy of self-confidence is the fear of failure in doing any work and if you want to remove the fear, then do the work in which you are afraid. Speak the truth, be honest, don't smoke, connect with nature, do good deeds, help the needy. ©rajnesh kumar #Articles #article #news #magazine #writing #thesis #assignments #blog #instagram #writer
Dictator Akshat (Saahab)
अधिकार तो दर्ज है संविधान के पन्नो मे, फिर भी सिसकता लोकतंत्र हमारा है। नौकरशाही, अफसरशाही ,लाल-फिताशाही, कि लपेट मे हिन्दुस्तान हमारा है।। कहीं जात-पात की अड़चन है, कही रिजर्वेशन का बोलबाला है। डिग्रियां धरी की धरी पड़ी है, कॉन्ट्रेक्ट-बेस नौकरी पर हो रहा गुजारा है। इमारतें तो उंची कर ली साहब, भूख का ख्याल नहीं आपको सताता है ? पुलों के निचे ठिठुर जाए जिंदगी पर मंदिर वहीं बनेगा यही हमारा नारा है। ऐ भारत तुने दिया मुझे नाम देवी का, मेरा मंदिर भी खूब सजाया है। पर ये बात है समझ से बाहर मेरी मेरे ही भीतर जाने पर प्रतिबंध लगाया है। रोज मेरी इज्जत शर्मशार हो रही और सभी सरकार ने बेटी बचाओ का जुमला लगाया है आज नहीं कोई अधिकार मेरे हर तरफ सियासत की तानाशाही है किस मानवाधिकार ने एक भी बेटी को बचाया है।। #Human Rights
Ritu dhingra (@kavita- Kosh - lekhan)
Human rights are women's rights and women's rights are human rights. ©Ritu Dhingra Human rights are women's rights and women's rights are human rights. #Womens_Day
Vandana Yadav❤
कुछ लोग ऐसे भी है, जो ऐसे मामलो को धर्म के नजरिये से देखते हैं.. लेकिन ऐसे लोगों का तो कोई धर्म ही नहीं होता।। ऐसे लोग इंसानियत के दुश्मन होते हैं.. चाहे वो twinkle हो Asifa हो या Nirbhaya हो हमें इंसाफ चाहिए ये देश की बेटीयाँ 🙍 है.. Human#rights#
Dictator Akshat (Saahab)
हर मानव को मिले शिक्षा कोई बच्चा मांगे न भिक्षा । हर बालक की भूख मिटे शोषण से मुक्ति मिले । मिट जाये धरा पर सब भेदभाव समानता का न हो आभाव आओ सब में अलख जगाऐँ हमलोग ही राह दिखालाएं दुर्बल को सबल बनाएं तब दिवस मानवधिकार मनाएं!! #Human Rights
Dictator Akshat (Saahab)
मानवाधिकार,........!!! यह शब्द सुनकर यकायक ही हंसी आ जाती है। क्योंकि आज की तारीख में इस महान शब्द की प्रासंगिकता की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। एक मानव दूसरे मानव को मानव समझता ही कहाँ है। मन में बस द्वेष और जलस की भावनाओं के साथ जी रहे हैं सभी मानव। दरअसल जानवर से भी बदतर बने जा रहे हैं। क्योंकि खाना पीना, मल करना और भोगविलास तो जानवर भी कर ही लेते हैं मानवों की तरह। खैर, मानव दूसरे मानव को मानव समझेगा। तब जाकर एक दूसरे के अधिकारों के संरक्षण के बारे में विचार किया जा सकता है। तब हम मानवाधिकार की बात कर सकते हैं। और इसके लिए अतिआवश्यक है कि उन धूर्त नेताओं की बातों में ना आएं जो धर्म और वर्ग के आधार पर लड़वाकर अपने स्वार्थ सिद्ध करते हैं। पहले इनकी अनर्गल बातों का असर मात्र अनपढ़ गंवार लोगों पर ही होता था परंतु अब यह जहर दुर्भाग्य से पढ़े लिखे लोगों के दिमाग पर भी असर कर रहा है। मानवाधिकार चाहिए तो इन धूर्त नेताओं से प्रभावित न होकर गंभीरता से एक दूसरे के सम्मान का विचार रखें। सफलता अवश्य मिलेगी। जय हिन्द #Human Rights
Adhiti M.S
Rights to express , Rights to experience, Rights to explore, Its called rights to Humanity ©Adhiti M.S #human rights