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Anup kumar Gopal
खाइए चूड़ा दही तिलकुट खुश रहिए बिल्कुल 1 ©Anup kumar Gopal चूड़ा दही तिलकुट #makarsankranti
Shivam Gupta
Makar Sankranti Messages दही-चूड़े,तिलकुट से आज थाल सजी है हर घर मे एक गजब की शोर मची हुई है छत में पतंगों की झुंड उड़ रही है लगता है तिल संक्रांत की फिर से आगमन हुई है Happy Makar Sankranti Shivam Gupta दही-चूड़े,तिलकुट से आज थाल सजी है हर घर मे एक गजब की शोर मची हुई है छत में पतंगों की झुंड उड़ रही है लगता है तिल संक्रांत की
JALAJ KUMAR RATHOUR
यार कॉमरेड, आज जब सुबह उठा तो मकर संक्रान्ति का मेसेज पाया मोबाइल में।दिमाग वहीं घूम गया बचपन की उस पहली मुलाकात पर,सबको चार चार तिलकुट देता हुआ मैं,तुम्हे अचानक दो तिलकुट ज्यादा दे गया था।अक्सर होता है हम चाहे कितनी भी कोशिश कर ले प्रेम का पलड़ा हमेशा एक तरफ थोड़ा ज्यादा झुक ही जाता है।जैसे मां बाप चाहे कितना भी कहे कि उनके सभी बेटे समान है उनके लिए,लेकिन कहीं न कहीं कोई एक बेटा होता है जिसके लिए उनका प्रेम थोड़ा ज्यादा होता है औरों से।उस दिन मुझे भी तुमसे प्रेम हो गया था।पता नहीं क्यूं तुम उन सब आम सी लड़कियों में से मेरे लिए खास हो गई थीं।उस पूस मास के कोहरे से भरे दिन में मेरे शिथिल हाथो ने जब तुम्हारे हाथो का स्पर्श पाया था।उस वक़्त ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मकर राशि और सूर्य समीप आ गए हों।क्लास बेल बज गया थीं। सब अपने अपने क्लास में जाने लगे थे। मैं वहीं खड़ा देख रहा था।उस खास शख्स को जिसने मुझे जीवन का सबसे बड़ा लाभ और ह्रास दिया।...#जलज कुमार राठौर ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, आज जब सुबह उठा तो मकर संक्रान्ति का मेसेज पाया मोबाइल में।दिमाग वहीं घूम गया बचपन की उस पहली मुलाकात पर,सबको चार चार तिलकुट देता
JALAJ KUMAR RATHOUR
सरहद पर तैनात सिपाही की बचपन बाली लोहड़ी की याद.............. फिर से आज वही पिंड बिच महफ़िल साजानी है, दुल्ला भट्टी की कहानी सबको सुनानी है, सारे गाँव में गुड तिलकुट बटवानी है, ए पाजी मैनू बचपन वाली लोहडी फिर से मनानी है, लकड़ियो के बीच आग में सारी नफ़रत जलानी, एक दूजे के दिल में एहतराम की कलियाँ खिलानी , भूलगये है जो गोविंद साहब को, उनको फिर से उनकी वीरता की याद दिलानी है, ए पाजी मैनू बचपन वाली लोहडी फिर से मनानी है, चने दा साग और मक्के दी रोटी बेबे नू हाथो से खानी है, बापू से पैसे ले रेवडी गजक लानी है, कन्डे लकड़ियो का टाल लगा आग जलानी है, ए पाजी मैनू बचपन वाली लोहडी फिर से मनानी है, यारो अब कहाँ वो बीती यादें फिर से आनी है, सोचकर उनको अब सिर्फ आँखो बिच पानी है, कहाँ अब वो पिंड दी छोरी मेरी दीवानी है, ए पाजी मैनू बचपन वाली लोहडी फिर से, मेरे गाँव बिच मनानी है, ...... #जलज_कुमार #लोहडी #सैनिक लोहड़ी दी लख-लख बधाई सरहद पर तैनात सिपाही की बचपन बाली लोहड़ी की याद.............. फिर से आज वही पिंड बिच महफ़िल साजानी है, दुल्ला भट्टी की कहानी सबको सुनानी ह
Mali quotes
बैठना भाईयों के साथ चाहे बैर ही कयो न हो खाना खाना माँ पिता के साथ चाहे जहर ही कयो न हो बिलकुल सही
Nakul Singh
गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनाता है न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कोआ गरुड़ नही बनता बिलकुल सही