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Gaurav Saini Saini
हमारा बस चले तो हम उसे अपनी जूती के पास खड़ा कर दे,लेकिन क्या करूँ कमबख्त, हम जूती भी branded पहनते है... ©Gaurav Saini Saini हमारा बस चले तो हम उसे अपनी जूती के पास खड़ा कर दे,लेकिन क्या करूँ कमबख्त, हम जूती भी branded पहनते है...
Anuj Ray
"अपने माज़ी की धूल झाड़ दे" ज़िंदगी खुद ब खुद ढूंढ लेगी , रास्ते अपने चलने की ख़ातिर। ए दिल तू इतनी सी ज़हमत उठा अपने माज़ी की धूल झाड़ दे । आने दे थोड़ी सी निखरी हवा झरोखों से किरणों को भीतर । छोड़ दे रंज, लुट गईं महफिलें, गुज़रे कल कि तू दिशा मोड़ दे । मुस्कुरा फिरसे, एक बार तू, सुबह की सुनहरी किरण की तरह। छोड़ मझधार में दिल की नौका कुछ फैसला वक्त पर छोड़ दे। # अपने माज़ी की धूल झाड़ दे"
सुसि ग़ाफ़िल
____________ सैनिकों के बंदूक की गोलियां नेताओं की जूती के नीचे रखी होती है ! ____________ आपत्तिजनक पोस्ट ____________ सैनिकों के बंदूक की गोलियां नेताओं की जूती के नीचे
Anuj Ray
'' अपने माज़ीकी धूल झाड़ दे" ज़िंदगी खुद ब खुद ढूंढ लेगी रास्ते अपनी चलने की ख़ातिर । ए दिल तू इतनी सी ज़हमत उठा, अपने माज़ी की धूल झाड़ दे । आने दे थोड़ी सी निखरी हवा झरोखों से किरणों को भीतर । छोड़ दे रंज लुट गईं महफिलें, गुज़रे कल कि तू दिशा मोड़ दे। मुस्कुरा फिरसे, से एक बार तू सुनहरी सुबह की किरण की तरह छोड़ मझधार में दिल की नौका , कुछ फैसला वक़्त पर छोड़ दें । # अपने माज़ी की धूल झाड़ दे"
deewana .... mahadev7
की कामयाबी चूमेगी कदम मेरी मेरी मां हर सुबह यही कहती है और कैसे थक के बैठ जाऊं रास्ते में यारों मेरी मां मेरी कामयाबी के इंतजार में बैठी है ©deewana .... mahadev7 मेरी मां कामयाबी के इंतजार में बैठी है
Gondwana Sherni 750
अकेले बैठी बैठी मै सोचू...... अकेले बैठी बैठी मै सोचू होती मै समंदर तो लहरों सी उठती होती मै पंछी तो आसमान मे उड़ती होती मै फूल तो भंवरो की गीत सुन पाती मै भी पेड़ बन कर दूसरो को फल दे पाती तालाब की मछली होती तो यू ही उछल उछल कर पानी में नाचती घूम घूम कर मै सरमाती ओर मोरो की तरफ बारिश में पंख फैला कर नाचती palli 13/02/21 ©Preeti uikye अकेले बैठी बैठी मै सोचू #allalone
Vinay Pandey official
हवाओं का भी क्या केहना है। कभी इसकी हो जाती है तो कभी उसकी। बड़ी बेवफ़ा है ये किसी एक की नहीं होती। मगर कुछ तो बात है इसकी चंचलता की। जब ये लिपटती है तो एक अजीब सी गुदगुदी नुमा एहसास हो। वो गुन गुनाती वो मुस्कुराती, वो पतौ की सरसराहट पर पतंगों का लड़ना, तो मानो उसकी ठंडी ठंडी हवाओं के झोंके कानों में कुछ केहना चाहते हो। अजीब सी कशिश है इसकी चंचलता कि मध्म मध्म सी हवा मानो लोरिया सुनाती हो मानो बड़े प्यार से सुला रही हो वो ममता की छाया तेरी अदभुद है काया। हवाओं का भी क्या केहना इनकी वो बाते ही निराली है...✍️ विनय पांडे ©vinay pandey official🇮🇳 👑 #कवि #भाव #हवा #झाड़ #republicbharat #Doordarshan #LostTracks