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Jitendra Kumar Jha
Tum se ek shikayat hai प्यार में हूं लिखा इक गीत मैं तेरे प्यार में गा रहा हूं मै इसे तेरे याद में आज कल विरान सा लगता है पल होगा कुछ ऐसा ना ये सोचा था कल मन मेरा मुझसे है कुछ यू कह रहा दो पता उस यार का जो ना रहा आंखो ने कबसे है कुछ भी न दिखा कहता मुझसे है मुझे बस वो दिखा हूं लिखा इक गीत मैं तेरे प्यार में गा रहा हूं मै इसे तेरे याद में ||1|| ख्वाब सारे दाव पर है बिन तेरे है जगा ये जख्म बिन मरहम तेरे आंसुओ के सागरो का क्या करू तेरे बिन कैसे अकेला मै जियूं आसरा तेरे प्यार का मै खो दिया जख्म दिल के घुट घुट कर खुद पिया हूं लिखा इक गीत मैं तेरे प्यार में गा रहा हूं मै इसे तेरे याद में ||2|| जितेन्द्र कुमार झा #NojotoQuote श्रृंगार रस की कविता के माध्यम से स्नेह भरा पैगाम၊ #poem's_loverzz
Arsh
आते जाते इन गलियों में पूछू तेरा नाम कोई बता दे कहाँ रहती है मेरी राधा नाम सबको मैं बतलाकर पूछू तेरी बात तमाम कोई बता दे कहाँ मिलेगी मीठी सी मुस्कान सतरंगी हैं सपने जिसके सिंदूरी सी शाम कोई बता दे कहाँ चली है इंद्रधनुष से बाण गालों पर पड़ते हैं गड्ढे चंद्रप्रभा की खान कोई बता दे कहाँ छिपी जो शचि के रूप समान आते जाते इन गलियों में पूछू तेरा नाम कोई बता दे कहाँ रहती है मेरी राधा नाम श्रृंगार रस की #कविता:- "कोई बता दे" की कुछ पंक्तियाँ #kavita #poem #nojotohindi #mohabbat #love #emotion #hindi #nojoto #feelings #smile #
Savita Nimesh
कमल नयन, चंचल चितवन भवे काम के बाण समान बोले जब जैसे कोयलिया कूके हिरणी जैसी चाल नाचे मन मयूरा जैसा रेशम जैसे बाल मोहनी मूरत, सावली सूरत गर्दन सुराहीदार जो देखे वो होश गवा दे छलकाए मादक भाव इंद्रलोक से आई हो अप्सरा जैसे विश्वामित्र का तोड़ने ध्यान ©Savita Nimesh श्रृंगार रस.. #PrideMonth
Savita Nimesh
कामाक्षी कमल नयन लालित्य से परिपूर्ण यौवन तेरा हे गजगामनी मृदुल भासनी मृगनयनी समान है नैन कर्मठ योगी, योग गवा कर सब तुझ पर लूटा दे निर्मल पावन जल के जैसी बहती जाए प्रीत है ऐसी हे सुलोचना स्वरभास्करी चंचल चित आवेदन देता कर लो हमसे प्रीत ©Savita Nimesh श्रृंगार रस #droplets
तेरे बिन अधूरा सा हूं...!!❤️
उनके इश्क में हम हद से गुजर गए जो कभी ना कर सकते थे,वो भी हम कर गए। फिर भी वे कहते हैं क्या किया तुमने मेरे लिए दिल मेरा अंदर ही अंदर रो पड़ा और बोला,अभी तक मैं जिंदा था वो किसके लिए। दिल मेरा आज समझा क्या अहमियत है उनके दिल में मेरे लिए। जिनकी राह में रोज बिछाता था फूल चलने के लिए भर रखा है ना जाने कितना जहर अपने दिल में,उन्होंने मेरे लिए। रस - श्रृंगार रस #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन #restzone #rzरसग़ज़ल