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HINDI SAHITYA SAGAR




कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी,
कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी,
जो भी मिला किरदार ज़िंदगी में दिल से निभाते गए,
'रंगमंच' के किरदारों-सी ज़िंदगी यूँही कटती गयी।


https://youtube.com/@hindisahityasagar5401

©HINDI SAHITYA SAGAR
  https://youtube.com/@hindisahityasagar5401
कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी,
कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी,
जो भी मिला किरदार ज़िं

https://youtube.com/@hindisahityasagar5401 कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी, कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी, जो भी मिला किरदार ज़िं #Poetry

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HINDI SAHITYA SAGAR

कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी,
कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी,
जो भी मिला किरदार ज़िंदगी में दिल से निभाते गए,
'रंगमंच' के किरदारों-सी ज़िंदगी यूँही कटती गयी।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  #worldmusicday #गम 
कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी,
कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी,
जो भी मिला किरदार ज़िंदगी में दिल से निभाते ग

#worldmusicday #गम कभी ग़म तो कभी बे-तहाशा ख़ुशी मिलती गयी, कभी डगर समतल तो कभी असमतल मिलती गयी, जो भी मिला किरदार ज़िंदगी में दिल से निभाते ग #Hindi #poem #हिंदी #शायरी #hindi_poetry #hindi_shayari #hindisahityasagar #poetshailendra

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Manisha keshav

##समतल नहीं ##

#PoeticAntakshri

#समतल नहीं ## PoeticAntakshri

237 Views

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Anon Mate

#RIPPriyankaReddy किसी को कुछ फरक नहीं पड़ता 
किसी के असमत जाने से
लोग पढ़ कर भुल जाते हैं उन सभी को 
प्रियांका हो या निर्भया 
चाहे कल को कोई और जाए
वो तो एेसे इस्तेमाल करते हैं
जैसे वो उनके बाप कि जायदाद़ हो
माना की ना अब राम आएगे ना कृष्णा 
पर ना जाने कैसे मिटेगी इन पापियो की तृष्णा
आखिर कब तक लडे इन असमत के हैवानो से
खुदा़ करे अब कोई लड़की पैदा ही ना हो इस ज़माने में #justiceforpriyankareddy #nirbhaya #असमत #आवाज़ #अस्तिव़ #जमाना
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#Lifechanger

हमारे जिंदगी के उतार चढ़ाव
और सुख दुःख

उन सड़को के तरह है जहा
कही गड्ढे, तो कही समतल 
और कही तो रूकावटे 
मिलती हैं,फिर भी जिंदगी 
चलते ही जाती हैं ।

©#Lifechanger #सड़क #रास्ता #समतल #गड्ढा #जिंदगी #चलना #सफलता
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Anaya Agarwal

समतल सी ये ज़मीन,

गुमराह करती है मुझे

मुझे आदत पथरीले 

रास्तों पर चलने की जो है

जो खुद से मिला,

वो अच्छा है,कद्र है उसकी

जो ना मिला, 

जुनून उसको हासिल करने का भी है समतल-plain#lifequotes #lifegoals #yqhindi #yqdidi #imagesourcegoogle

समतल-plainlifequotes #lifegoals #yqhindi #yqdidi #imagesourcegoogle

0 Love

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Anuradha Vishwakarma

रिश्तो का कत्ल करने वाले अपने होते हैं, 

असमत  मेरी लूट कर, 
किस्मत मेरी पैरो तले रौंदकर, 
मेरे अपने होने का दावा करते हैं.... रिश्तो का कत्ल करने वाले अपने होते हैं, 
असमत  मेरी लूट कर, 
किस्मत मेरी पैरो तले रौंदकर, 
मेरे अपने होने का दावा करते हैं....

रिश्तो का कत्ल करने वाले अपने होते हैं, असमत मेरी लूट कर, किस्मत मेरी पैरो तले रौंदकर, मेरे अपने होने का दावा करते हैं.... #Quote

64 Love

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rupali yadav

मैं देखा करता था खुद को, उसके साथ समतल दर्पण में 
वो देखा करती थी औरों को अपने उत्तल दर्पण में।  Must be read the caption. 💫💫
.....
....
समतल दर्पण (plain mirror)
उत्तल दर्पण (covex mirror)
अपनी छवि देखने के लिये प्राय: समतल दर्पण का प्र

Must be read the caption. 💫💫 ..... .... समतल दर्पण (plain mirror) उत्तल दर्पण (covex mirror) अपनी छवि देखने के लिये प्राय: समतल दर्पण का प्र #lovequotes #yqdidi #yqquotes #sadquotes #shayariquotes #heratbroken #rupaliyadav

0 Love

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Shree

जंग करके जो ज़हान जीतते हैं....
      क्या जानते हैं कितने उनके ईमान खोखले हैं?

वतन की असमत की दुहाई देते हैं,
      क्या मानते हैं करम, या बस सल्तनती चोंचलें हैं? #peace

जंग करके जो ज़हान जीतते हैं....
      क्या जानते हैं कितने उनके ईमान खोखले हैं?

वतन की असमत की दुहाई देते हैं,
      क्या मानते हैं

#peace जंग करके जो ज़हान जीतते हैं.... क्या जानते हैं कितने उनके ईमान खोखले हैं? वतन की असमत की दुहाई देते हैं, क्या मानते हैं #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #cinemagraph #a_journey_of_thoughts #shreekibaat_AJOT

0 Love

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वन्दना

मैं कहानियों की तरह तुम कविताओं सी प्यारी मैं कल कल नदी की तरह, तुम झरने सी मधुर मैं लहरें सा हु, तुम किनारें सी हो मैं समतल हु , तुम गहराई

मैं कहानियों की तरह तुम कविताओं सी प्यारी मैं कल कल नदी की तरह, तुम झरने सी मधुर मैं लहरें सा हु, तुम किनारें सी हो मैं समतल हु , तुम गहराई

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Sushma

रिश्ते दिखने में खुबसूरत गुलाब कि तरह होते हैं, 
निभाने में कठिन है , जैसे पहाड़ों कि चढाई, 
इनमें मुश्किलें होती है बहुत , 
जैसे गुलाब के पेड़ों में काटें होते हैं... 
और अंदर से समुद्र सी गहराई हैं इनमें, 
ये रिश्ते कभी जमीन से समतल नहीं होते...

©Sushma
  #akela 
रिश्ते दिखने में खुबसूरत गुलाब कि तरह होते हैं, 
निभाने में कठिन है , जैसे पहाड़ों कि चढाई, 
इनमें मुश्किलें होती है बहुत , 
जैसे गु

#akela रिश्ते दिखने में खुबसूरत गुलाब कि तरह होते हैं, निभाने में कठिन है , जैसे पहाड़ों कि चढाई, इनमें मुश्किलें होती है बहुत , जैसे गु #ज़िन्दगी

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Sant Prasad Maurya

Impossible  मेरे आँसू बहक गए तो मैं भी बादल हो सकता हूँ
मुझको मत छेड़ो मैं तुमसे ज़्यादा पागल हो सकता हूँ

तुम जो गर अंबर की भाँति दुनिया भर में छा सकते हो
मैं भी इस मिट्टी की भाँति पूरा समतल हो सकता हूँ!

~~@santprasadm मेरे आँसू बहक गए तो मैं भी बादल हो सकता हूँ
मुझको मत छेड़ो मैं तुमसे ज़्यादा पागल हो सकता हूँ

तुम जो गर अंबर की भाँति दुनिया भर में छा सकते

मेरे आँसू बहक गए तो मैं भी बादल हो सकता हूँ मुझको मत छेड़ो मैं तुमसे ज़्यादा पागल हो सकता हूँ तुम जो गर अंबर की भाँति दुनिया भर में छा सकते

4 Love

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MANJEET SINGH THAKRAL

कह दो उनसे झुके अगर तो जग मे यश पाएंगे
अड़े रहे अगर तो ऐरावत पत्तों से बह जाऐंगे

समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोडेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे

समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध 
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध

#5Sep5Baje
#Youth4Swaraj कह दो उनसे झुके अगर तो जग मे यश पाएंगे
अड़े रहे अगर तो ऐरावत पत्तों से बह जाऐंगे

समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और

कह दो उनसे झुके अगर तो जग मे यश पाएंगे अड़े रहे अगर तो ऐरावत पत्तों से बह जाऐंगे समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो शिखरों को डूबने और #विचार #5Sep5Baje #Youth4Swaraj

10 Love

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Motivational writer

दिल की किताब..

आज खोली दिल की किताब तो,
कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने,

खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,
घुट-घुट कर दम तोड़ते देखे मैंने,

धुंधली-धुंधली सी हो गयी थी जो यादें,
जाकर उन लम्हों में, धुंध हटायी मैनें,

सिकुड़ से गये थे कुछ पन्ने जो जिंदगी के,
करके समतल उनको
 नयी जिंदगी की, नयी उम्मीद, जगाई मैंने..।।

शंकरदास

©Motivational writter #दिल #किताब 

दिल की किताब..

आज खोली दिल की किताब तो,
कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने,

खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,

#दिल #किताब दिल की किताब.. आज खोली दिल की किताब तो, कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने, खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब, #Books #Memories #Motivation #ज़िन्दगी #शंकरदास

8 Love

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Sonu Mishra

 क्या कहती हो ठहरो नारी! 

संकल्प-अश्रु जल से अपने, 
तुम दान कर चुकी पहले ही जीवन के सोने-से सपने. 

नारी! तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास-रजत-नग

क्या कहती हो ठहरो नारी! संकल्प-अश्रु जल से अपने, तुम दान कर चुकी पहले ही जीवन के सोने-से सपने. नारी! तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास-रजत-नग #Poetry

4 Love

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Shrikant Agrahari

अनुशंसा !.....अनुशंसा !........
हे ! प्रकृति अनुशंसा !!............
हे ! भद्रे मेरी अपरिवर्तित भूल...
कदाचित क्षमा का पात्र नही.......
स्नेहिल तृष्णा अभिभूत सा......
यद्यपि उद्देश्य संताप नही........
पुण्य पवित्र उर समतल सा......
किञ्चित मात्र भी संदेह नही......
अनुशंसा !.....अनुशंसा !.........
हे ! प्रकृति अनुशंसा !!............
अध्यात्म बिहीन मन शंका सा...
प्राण हीन प्राणी अंतः सा.....
निष्ठा पर क्यूँ कोप लगा........
क्या अनुशंसा का पात्र नही......
हृदय अंत क्यूँ, फफक पड़े......
क्या अनंत तरंग मर्याद नही......
अनुशंसा !......अनुशंसा !........
हे ! वसुन्धरे अनुशंसा !!..........                ©श्री...✍🏻 अनुशंसा !.....अनुशंसा !........
हे ! प्रकृति अनुशंसा !!............
हे ! भद्रे मेरी अपरिवर्तित भूल...
कदाचित क्षमा का पात्र नही.......
स्नेह

अनुशंसा !.....अनुशंसा !........ हे ! प्रकृति अनुशंसा !!............ हे ! भद्रे मेरी अपरिवर्तित भूल... कदाचित क्षमा का पात्र नही....... स्नेह #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes #hkkhindipoetry #हिन्दी_काव्य_कोश #श्रीsnsa

0 Love

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Anil Ray

अम्बेडकर सपना जब साकार हुआ
महान देश यह भारत गणतंत्र बना।
हर पल सींचा हैं शहीदो ने वतन को
जिससे यें प्यारा भारत स्वतंत्र बना।
पंथनिरपेक्षता, एकता व अखण्डता
भातृत्व एवं प्रेम ही राष्ट्र का आधार।
मानवता सर्वोच्च जातिधर्म बंधन से
प्राण से अधिक तिरंगे से हमें प्यार। 
कहीं उच्च पर्वत कहीं समतल मैदान
पग-पग रंग बिखराती भाषा अनेक।
गुलिस्तां-सा सजे यें हिंदुस्तान हमारा
आवाज़ दो साथ में हम सभी है एक।
 समतामूलक समाज की स्थापना हो!
स्त्रीत्व-पुरूषार्थ की निर्झर सद्भावना
हमारे सभी हमवतनों को राष्ट्रीय-पर्व
इस स्वतंत्रतादिवस की शुभकामना। 

🇮🇳 जय भारत - विजयी भारत 🇮🇳

©Anil Ray अम्बेडकर सपना जब साकार हुआ
महान देश यह भारत गणतंत्र बना।
हर पल सींचा हैं शहीदो ने वतन को
जिससे यें प्यारा भारत स्वतंत्र बना।

पंथनिरपेक्षता,

अम्बेडकर सपना जब साकार हुआ महान देश यह भारत गणतंत्र बना। हर पल सींचा हैं शहीदो ने वतन को जिससे यें प्यारा भारत स्वतंत्र बना। पंथनिरपेक्षता, #independenceDay🇮🇳

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Poonam Suyal

चलते जाना है बिना रुके,
पहुँचना है जहाँ ठिकाना है 

सब्र का दामन है थामे रखना,
बेसब्रों को समझे सब दीवाना हैं 

ये पल यूँ ना गुज़र जाएँ,
वक़्त का कहाँ मिलता कोई ठिकाना है 

सब रह जाएगा यहीं पर,
जीवन इक खूबसूरत फ़साना है 

लिखो अपनी कहानी तुम ख़ुद ही,
दूसरों ने कहाँ तुम्हारा दर्द जाना है

जी लो ज़िंदगी खुल कर,
हँसतों के संग ही ज़माना है।।


 🤝लेखन संगी🤝

//मुसाफ़िर//

"अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है,
आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, 

चार दिन की संयमता रखना तुम,

🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम, #Inspiration #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes #restzone #rzलेखकसमूह #rztask414

1 Love

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Sita Prasad

कभी थक कर थम जाते हैं कदम,
आँखों में यादो की बूंदे भर जाती हैं,
उम्र अभी सांझ ढलने की नहीं है,
पर देख पथिकों के दुख थम जाते हैं हम। 

यहाँ बन मुसाफिर आते हैं सब,
भूलकर यह बात भागते हैं सब,
देख यह भागादौड़ी बेहिसाब, 
सहम जाता है मन मेरा अब।

इस सफर में न जाने और मोड़ कितने,
हथेली में अपनों के साथ पल हैं कितने,
आंगन भीगी है बारिश के बूंदों से जितने,
कदम से कदम मिलाने सहयोगी हैं जितने।।  🤝लेखन संगी🤝

//मुसाफ़िर//

"अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है,
आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, 

चार दिन की संयमता रखना तुम,

🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम, #YourQuoteAndMine #yqhindi #restzone #rzलेखकसमूह #rztask414

2 Love

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Pnkj Dixit

आज की कविता
👇👇👇👇👇

"""मैंने देखा"""

२०/०६/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 मैंने देखा 🌷

"""""""मुझको पुकारती 
               एक अनोखी 
                    राह अलबेली ,,,,,,

नयनों के सम्मुख
चंचल हिरनी - सी

🌷 मैंने देखा 🌷 """""""मुझको पुकारती एक अनोखी राह अलबेली ,,,,,, नयनों के सम्मुख चंचल हिरनी - सी

5 Love

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अशेष_शून्य

"प्रेमिकाएं जानती थी
अंततः एक सरिता(नदी)
का सागर 
हो जाना ही प्रेम है ।"
~Anjali Rai— % & एक प्रेमी दृढ़ तो हुआ
किसी पर्वत सा 
पर प्रेम ने उसे कभी प्रस्तर 
नहीं होने दिया 

वो टूटता रहा छोटे छोटे
टुकड़ों में 
यात्रा उसकी भी रही

एक प्रेमी दृढ़ तो हुआ किसी पर्वत सा पर प्रेम ने उसे कभी प्रस्तर नहीं होने दिया वो टूटता रहा छोटे छोटे टुकड़ों में यात्रा उसकी भी रही #lovequotes #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य

0 Love

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Dipti Singh Diya

कोसी नदी 


कल-कल बहे प्रतिपल बहे,कोसी नदी अविरल बहे।
पर्वत बहे समतल बहे,कोसी नदी अविरल बहे ।।

पोषित करे यह सभ्यता, पुष्पित करे जीवंतता ।
संभावना आकार ले, सदभावना विस्तार ले ।
भूमी करे शीतल बहे,कोसी नदी अविरल बहे ।।

जल धार जीवन दायिनी, मिथिला मिले संजीवनी।
धन-धान्य जल की सम्पदा,माँ दान करती सर्वदा।
बनकर सदा संबल बहे,कोसी नदी अविरल बहे ।।

गहरी नदी की वेदना, क्यूँ लुप्त होती चेतना।
जागृत करें संवेदना, कोसी हितैषी भावना ।
पीड़ा सहे निश्छल बहे,कोसी नदी अविरल बहे।

आओ सभी मिल प्रण करें,जल धार में जीवनभरें।
जल शुद्धता का ध्यान हो,जल स्वच्छता अभियान हो।
नदियाँ सभी निर्मल बहे,कोसी नदी अविरल बहे।।

स्वरचित दीप्ति सिंह "दिया" कल-कल बहे प्रतिपल बहे,कोसी नदी अविरल बहे।
पर्वत बहे समतल बहे,कोसी नदी अविरल बहे ।।

पोषित करे यह सभ्यता, पुष्पित करे जीवंतता । संभावना आकार

कल-कल बहे प्रतिपल बहे,कोसी नदी अविरल बहे। पर्वत बहे समतल बहे,कोसी नदी अविरल बहे ।। पोषित करे यह सभ्यता, पुष्पित करे जीवंतता । संभावना आकार #peace #nojotohindi

40 Love

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CalmKazi

कागज़

कल एक कागज़ मिला
मेरे बचपन की तरह
मुड़ा-तुड़ा एक गठरी सा
कोई भूल गया था शायद उसे
या फिर गलती से पीछे छूट गया था

मैंने उसे खोला, समतल किया
अब वो लिखने लायक है
पर पुरानी यादें ताज़ा हैं
लकीरो की तरह

सोचता हूँ दबा कर रखूँगा
कुछ दिन और
तो शायद पढ़ने लायक
भी हो जाएगा #Repost

Reposting this musing which my mom read and said "Beautiful" instantly.Thanks to all my followers and fellow writers for being the

#repost Reposting this musing which my mom read and said "Beautiful" instantly.Thanks to all my followers and fellow writers for being the #Childhood #Hindi #बचपन #poem #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #कागज़ #yqpoetry #waqtkidosti #calmkaziwrites #ReverseTimelineChallenge

0 Love

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रजनीश "स्वच्छंद"

 कारवां।।

चला ये कारवां अपना, हमें है अब नहीं रुकना,
ज़मीं ये आसमां अपना, हमें है अब नहीं रुकना।

हों कंकड़ राह के पत्थर, ये कांटे आजमाएंगे,
ब

कारवां।। चला ये कारवां अपना, हमें है अब नहीं रुकना, ज़मीं ये आसमां अपना, हमें है अब नहीं रुकना। हों कंकड़ राह के पत्थर, ये कांटे आजमाएंगे, ब #Poetry #kavita #कविता #nojotophoto #पोएट्री

4 Love

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Ashay Choudhary

साथ साथ चलता था, साथ साथ ठहरता था
फूल पत्ती पहाड़ झरने, सारे रंग दिखाता था

(कृपया अनुशीर्षक पढ़ें)
(Please read caption) एक रास्ता ऐसा भी था...
साथ साथ चलता था, साथ साथ ठहरता था
फूल पत्ती पहाड़ झरने, सारे रंग दिखाता था
कभी कांटे चुभाता, कभी पैर जलाता
ठोकर मारता

एक रास्ता ऐसा भी था... साथ साथ चलता था, साथ साथ ठहरता था फूल पत्ती पहाड़ झरने, सारे रंग दिखाता था कभी कांटे चुभाता, कभी पैर जलाता ठोकर मारता #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #Ashay #एकरास्ता #wiredwords #bullshitblog

1 Love

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अनुराग चन्द्र मिश्रा

लम्हा लम्हा जीते हैं जी लेनें दो
ये वक्त गुज़र रहा है, गुज़ार लेने दो
न समझते हो हमें, तो रहने दो 
कोशिश भी ना करो समझने की
ना समझाओ हमें बस ख़ामोश रहने दो
लम्हा लम्हा जीते हैं जी लेने दो
क्या कुछ दफनाया है हमनें, क्या बोया है
जो दफनाया है उसे दफन हो तो जाने दो
जो बोया है कोंपले उग तो आने दो
मत करो गुड़ाई यहां, ज़मीं समतल हो जाने दो
लम्हा लम्हा जीते हैं जी लेने दो
बहुत वक्त लगता है 'करीने' से लगाने में
कुछ चीजें टूटी है, कुछ अभी तक संभली है
ना बिखराओ इन्हें बस समेट जानें दो
मदद करनी है तो बस इतनी सी करो
कुछ यादें कुछ ज़ख्म बस नज़र ना आने दो
वक्त को भी थोड़ी मरहम लगा जाने दो
लम्हा लम्हा जीते हैं ज़िन्दगी जी लेनें दो
ये वक्त गुज़र रहा है, गुज़ार लेने दो| लम्हा लम्हा जीते हैं जी लेनें दो
ये वक्त गुज़र रहा है, गुज़ार लेने दो
न समझते हो हमें, तो रहने दो 
कोशिश भी ना करो समझने की
ना समझाओ हमें बस

लम्हा लम्हा जीते हैं जी लेनें दो ये वक्त गुज़र रहा है, गुज़ार लेने दो न समझते हो हमें, तो रहने दो कोशिश भी ना करो समझने की ना समझाओ हमें बस #ज़िन्दगी #nojotohindi #hindinama #लम्हालम्हा

19 Love

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Vandana

चांदनी रात में समां भी फिकी लगती है,,
एहसासों की तपिश भी अधूरी सी लगती है,,

शब्दों का असर जब गहरा हो जाता है
तब सांसों के स्वर निकलते हैं,,,

जज्बातों की आंधी में जाने कितने दिल पिघलते है,,,
ख्वाबों की चादर ओढ़े जब दो जिस्म तन्हा मिलते हैं,,,

मखमली खयालों से दमकता है जब सिरहाने का तकिया,,
भीनी भीनी खुशबू लिए और भी नरम मुलायम लगता है,,,, चांदनी रात में समां भी फिकी लगती है,,
एहसासों की तपिश भी अधूरी सी लगती है,,

शब्दों का असर जब गहरा हो जाता है
तब सांसों के स्वर निकलते हैं,,

चांदनी रात में समां भी फिकी लगती है,, एहसासों की तपिश भी अधूरी सी लगती है,, शब्दों का असर जब गहरा हो जाता है तब सांसों के स्वर निकलते हैं,, #Night #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #picquote #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #ATlanternspecialbg

0 Love

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Pnkj Dixit

वह खूब हँसती है ।
वह मुस्कान नहीं है ।
दिन के तीसरे पहर के बाद 
निकल पड़ती है ; 
अपनी ही धुन में ।
वह सूखे पेड़ों को निहारती है । 
कभी रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियों में 
सुगंध को चुराकर खुश होती है ।
वह हवा के पंखों पर बैठ कर ;
समतल मैदानों से होते हुए
उबड़-खाबड़ पथरीली पगडंडियों
और गहरी घाटियों से होती हुई
नदी के तन पर अठखेलियाँ करती हुई
सागर की लहरों पर मचलती खिलखिलाती
सूरज के बढ़ते ताप और 
घटती उष्णता के अहसास को लिए 
समंदर की ठंडी-ठंडी रेत पर 
दिनभर की थकान मिटाने को बैठ जाती है ।
वह आवाज लगाती है ; 
सुदूर सागर की गोद में 
नन्हें बच्चे की तरह छुपते हुए सूरज को ।
मायूस होकर मुरझा जाती है । 
वह कोई फूल नहीं है ।
उसका मासूम उदास आंखें 
रजनी को पुकारती है।
डरी सहमी सी वह रजनी रुपी माँ के आँचल में 
दुबक जाती है ।
उसके हिस्से में खुशियों के पल नहीं है ।
फिर भी वह  जिंदगी को 
हंसकर बिताना चाहती है ।
हाँ ! वह "शाम" है ।
१२/१०/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' वह खूब हँसती है ।
वह मुस्कान नहीं है ।
दिन के तीसरे पहर के बाद 
निकल पड़ती है ; 
अपनी ही धुन में ।
वह सूखे पेड़ों को निहारती है । 
कभी रंग-ब

वह खूब हँसती है । वह मुस्कान नहीं है । दिन के तीसरे पहर के बाद निकल पड़ती है ; अपनी ही धुन में । वह सूखे पेड़ों को निहारती है । कभी रंग-ब

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