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SURAJ आफताबी

शादाब सा बदन
महताब सा रंग
कोई खुशबु फिरदौसी
तैरती साँसों में जैसे
ठहरे सागर में खामोशी !

जब बढ़ा प्रेम प्रसंग
नैनो में हुई मुकम्मल जंग
इक तबस्सुम बनी तोषी
जिसे रोज फज़र में
आदाब करता आफताबी !! तोषी- संतुष्टिदायक
#love #life #surajaaftabi #yqdidi #yqbhaijan #yqhindiurdu #lovequotes #mohabbat

तोषी- संतुष्टिदायक love life #surajaaftabi #yqdidi #yqbhaijan #yqhindiurdu #lovequotes #mohabbat

0 Love

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के_मीनू_तोष

Naseeruddin shah quotes बड़ी शिद्दत से विपक्ष एकजुट हो रहा है
तीन तलाक का बिल जो पेश हो रहा है #NojotoQuote बड़ी शिद्दत से विपक्ष एकजुट हो रहा है
तीन तलाक का बिल जो पेश हो रहा है
©के मीनू तोष (३१ दिसम्बर २०१८)

बड़ी शिद्दत से विपक्ष एकजुट हो रहा है तीन तलाक का बिल जो पेश हो रहा है ©के मीनू तोष (३१ दिसम्बर २०१८)

14 Love

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के_मीनू_तोष

  सोचा कह दें इश्क़ के बारे में क्या सोचते हैं हम ,
क्यूँ इश्क़ किया नहीं करते हैं हम ,

के रोग ये ऐसा है हर सूरत में वजूद इन्सान का मिटा ही देत

सोचा कह दें इश्क़ के बारे में क्या सोचते हैं हम , क्यूँ इश्क़ किया नहीं करते हैं हम , के रोग ये ऐसा है हर सूरत में वजूद इन्सान का मिटा ही देत #Poetry #Quotes #nojotohindi

9 Love

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Abhay Bhadouriya

आशुतोष का आशीष भी
 रहता है मुझ पर ! भगवान शिव का एक नाम आशुतोष भी है। इस शब्द का मतलब जानें तो 'आशु' का अर्थ है - जल्द और 'तोष' यानी प्रसन्नता। इस तरह आशुतोष का अर्थ होता है -

भगवान शिव का एक नाम आशुतोष भी है। इस शब्द का मतलब जानें तो 'आशु' का अर्थ है - जल्द और 'तोष' यानी प्रसन्नता। इस तरह आशुतोष का अर्थ होता है - #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqnature #yqanger

0 Love

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के_मीनू_तोष

यादें बचपन की

बचपन को सब याद करें
है पास मेरे कोई याद नहीं
डरे सहमे सब दिन थे वो
कोई सुनता था फरियाद नहीं
सबके घर थे खेल खिलौने
थी मेरी झोली आबाद नहीं
दादी नानी लाड लडावे
मेरी भाँति थे बरबाद नहीं
सबकी झोली खुशियाँ आईं
मिली मुझे कोई सौगात नहीं
खिल खिलकर तुम्हें सुनाऊँ
ऐसी पास मेरे कोई बात नहीं

©के मीनू तोष (३१ मई २००४) यादें बचपन की

बचपन को सब याद करें
है पास मेरे कोई याद नहीं
डरे सहमे सब दिन थे वो
कोई सुनता था फरियाद नहीं
सबके घर थे खेल खिलौने
थी मेरी झोल

यादें बचपन की बचपन को सब याद करें है पास मेरे कोई याद नहीं डरे सहमे सब दिन थे वो कोई सुनता था फरियाद नहीं सबके घर थे खेल खिलौने थी मेरी झोल #nojotohindi

15 Love

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के_मीनू_तोष

दमन करना है तो करो अपने अहं का 
क्यूँ करना दमन किसी की प्रतिभा का

हनन करना है तो करो अपने रोष का
क्यूँ करना हनन किसी के सम्मान का

नाश करना है तो करो अपने मोह का
क्यूँ करना नाश किसी के अनुराग का

भोगना है तो भोगो अपने ही प्रारब्ध का
क्यूँ भोगो किसी अन्य के अधिकार का

देना है तो दो ज्ञान स्नेह और त्याग का
क्यूँ देना ज्ञान किसी द्वेष और लोभ का

©के मीनू तोष (२ दिसम्बर २०१७) #hindi #nojoto #nojotohindi #kavita #kavishala #nojotokhabri #poetry 

दमन करना है तो करो अपने अहं का 
क्यूँ करना दमन किसी की प्रतिभा का

हन

#Hindi #Nojoto #nojotohindi #kavita #kavishala #nojotokhabri #Poetry दमन करना है तो करो अपने अहं का क्यूँ करना दमन किसी की प्रतिभा का हन

5 Love

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के_मीनू_तोष

उठ पार्थ !
(अनुशीर्षक में पढ़ें) #NojotoQuote उठ पार्थ !

तू ले प्रण
गाँडीव उठा
देख पार्थ !
रथ केशव
तेरा हाँक रहा

उठ पार्थ ! तू ले प्रण गाँडीव उठा देख पार्थ ! रथ केशव तेरा हाँक रहा #pulwama_attack

8 Love

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के_मीनू_तोष

कैसा न्याय ?

( कविता अनुशीर्षक में पढ़ें ) #poetry  #kavishala #hindi #nojoto #nojotohindi #nojotokhabri 


कैसा न्याय ?

मैं समझदार थोड़ी कम हूँ
बात जरा खुल के बतलाना
किसने किसको दी स

poetry kavishala hindi nojoto nojotohindi nojotokhabri कैसा न्याय ? मैं समझदार थोड़ी कम हूँ बात जरा खुल के बतलाना किसने किसको दी स

5 Love

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के_मीनू_तोष

👆
विरह
(अनुशीर्षक में पढ़ें) विरह

रेत की तरह 
रिश्ते फिसलते 
जा रहे हैं मेरे 
हाथों से 
बरसों पहले 
जो खोया था

विरह रेत की तरह रिश्ते फिसलते जा रहे हैं मेरे हाथों से बरसों पहले जो खोया था

10 Love

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के_मीनू_तोष

मरण

जब मरण को न कुछ शेष रहे
बाकी केवल अवशेष रहें
दाह स्वयं का यूँ कर देना
फ़िर तुझमें तू न शेष रहे

संसार का न कोई क्लेश रहे
हृदय में न कोई द्वेष रहे
भावों की अर्थी जला देना
बस ब्रह्मा विष्णु महेश रहें

कुंठाओं का न कोई लेश रहे
प्रेम ही केवल विशेष रहे
घृणा की अग्नि बुझा देना
करुणा का तुझमें प्रवेश रहे

द्वैत का न कोई परिवेश रहे
समता का भावावेश रहे
दुभाँति हृदय से मिटा देना
बस एकत्व का समावेश रहे

अस्तित्व पर न छद्मवेश रहे
आत्मज्ञानी सम वेश रहे
यूँ मरण को जीवन बना देना
धनवान सा तू दरवेश रहे

©के मीनू तोष (१७ फरवरी २०१९) #NojotoQuote मरण

जब मरण को न कुछ शेष रहे
बाकी केवल अवशेष रहें
दाह स्वयं का यूँ कर देना
फ़िर तुझमें तू न शेष रहे

संसार का न कोई क्लेश रहे

मरण जब मरण को न कुछ शेष रहे बाकी केवल अवशेष रहें दाह स्वयं का यूँ कर देना फ़िर तुझमें तू न शेष रहे संसार का न कोई क्लेश रहे

25 Love

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के_मीनू_तोष

मुश्किल है

उत्तम भाषा का ज्ञान मिल भी जाये
उत्तम भावों का वरदान मुश्किल है

मेल शब्दों का मिला तो ले कोई भी
चयन उचित विचारों का मुश्किल है

अलंकारों से कविता सजा तो सकते हो
पीड़ा की अभिव्यक्ति करना मुश्किल है

लेखक हो फिर भी ईर्ष्या करले कोई भी
स्नेह समकालीनों से रखना मुश्किल है

स्वयं को कहना महान आसान है
प्रशंसा दूजे की करना मुश्किल है

अपशब्दों की झड़ी लगा कोई भी दे
दे पाना सम्मान हृदय से मुश्किल है

चाह मिटाने की दूजे को रखते हैं
बनाना जगत में नाम मुश्किल है

छिड़क लवण तो सकता है कोई भी
घावों पर लगाना मरहम मुश्किल है
 
©के मीनू तोष (५ जुलाई २०१८) मुश्किल है Nojoto Nojoto Hindi Hindinama Ankush Srivastava Laughing_soul 

मुश्किल है

उत्तम भाषा का ज्ञान मिल भी जाये
उत्तम भावों का वरदान

मुश्किल है Nojoto Nojoto Hindi Hindinama Ankush Srivastava Laughing_soul मुश्किल है उत्तम भाषा का ज्ञान मिल भी जाये उत्तम भावों का वरदान

11 Love

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के_मीनू_तोष

मेरी हिन्दी बड़ी निराली है

(अनुशीर्षक में पढ़ें ) मेरी हिन्दी बड़ी निराली है

स्वर्ण सरीखे आखर जिसके
अजी ये भाषा बड़ी निराली है
शान ए हिन्द बढ़ाने वाली है

माँ की लोरी में अमृत घोले
मुन्नी क

मेरी हिन्दी बड़ी निराली है स्वर्ण सरीखे आखर जिसके अजी ये भाषा बड़ी निराली है शान ए हिन्द बढ़ाने वाली है माँ की लोरी में अमृत घोले मुन्नी क

9 Love

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के_मीनू_तोष

लेखनी क्यूँ विश्राम हुआ ?

अभी तो सब सुधरा नहीं
नहीं खत्म दुराचार हुआ
हाँ प्रगति पथ पर बढ़ रहें
पर कहाँ पूर्ण उद्धार हुआ

युवा बहकावे में आ रहे
हित अपना न समझ पा रहे
आगजनी चहुँ ओर हुई
राष्ट्र सम्पत्ति का नुकसान हुआ

यातना से नारी त्रस्त है
अपराध सर उठा रहा
नवजात भी कहाँ अछूती है
हर क्षण अत्याचार हुआ

सरहद पर हमले जारी है
शत्रु घात लगाए बैठा है
आतंकी की घुसपैठ से
कहाँ देश पूर्ण सुरक्षित हुआ

सूख रहें जलाशय सारे
तड़पें सब तृष्णा के मारे
जल संकट अति भारी है
प्रकृति का न कल्याण हुआ

हवा में विष घुल रहा
श्वासों को अवरुद्ध कर रहा
रुग्णता सबको घेर रही
कहाँ स्वच्छ वातावरण हुआ

फ़िर क्यूँ जाने खामोश हुई
क्यूँ तड़प नहीं तू दिखलाती
हृदय दर्द से भरा है फ़िर भी
लेखनी क्यूँ तेरा विश्राम हुआ

©के मीनू तोष (११ जून २०१९) लेखनी क्यूँ विश्राम हुआ ?

अभी तो सब सुधरा नहीं
नहीं खत्म दुराचार हुआ
हाँ प्रगति पथ पर बढ़ रहें
पर कहाँ पूर्ण उद्धार हुआ

युवा बहकावे में आ

लेखनी क्यूँ विश्राम हुआ ? अभी तो सब सुधरा नहीं नहीं खत्म दुराचार हुआ हाँ प्रगति पथ पर बढ़ रहें पर कहाँ पूर्ण उद्धार हुआ युवा बहकावे में आ #कविता

4 Love

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के_मीनू_तोष

 अहंकार-ए-कलम

हाँ जानती हूँ तुम कलाकार हो
एक बेहतर कलमकार हो
भावों का सागर अपार हो
तभी तो अपढ़ को करते दरकिनार हो

पर एक बात जो सत्य है

अहंकार-ए-कलम हाँ जानती हूँ तुम कलाकार हो एक बेहतर कलमकार हो भावों का सागर अपार हो तभी तो अपढ़ को करते दरकिनार हो पर एक बात जो सत्य है #Poetry #Quotes

8 Love

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के_मीनू_तोष

 #hindi #nojotokhabri #kavishala #poetry

अभद्र राजनीति

कहो ! तुम्हीं हो ना वो राजा जिसने देश बेचा है ?
कभी मुगलों कभी अफगानों कभी अंग्रेज़

#Hindi #nojotokhabri #kavishala #Poetry अभद्र राजनीति कहो ! तुम्हीं हो ना वो राजा जिसने देश बेचा है ? कभी मुगलों कभी अफगानों कभी अंग्रेज़

4 Love

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के_मीनू_तोष

प्रेम रोग

अनुशीर्षक में पढ़ें #NojotoQuote प्रेम रोग
किसी के प्रेम का क्यूँ मैं रोग लिए बैठी हूँ
अपने ही अंतर्मन का मृत्युशोक लिए बैठी हूँ

बैठी हूँ मैना की नाई दरख़्त की उसी शाख पर
जि

प्रेम रोग किसी के प्रेम का क्यूँ मैं रोग लिए बैठी हूँ अपने ही अंतर्मन का मृत्युशोक लिए बैठी हूँ बैठी हूँ मैना की नाई दरख़्त की उसी शाख पर जि

7 Love

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के_मीनू_तोष

कैसा ये प्यार ? तुम कहते हो मुझसे बहुत प्यार करते हो जमाने भर से ये इज़हार करते हो अच्छी बात है के

कैसा ये प्यार ? तुम कहते हो मुझसे बहुत प्यार करते हो जमाने भर से ये इज़हार करते हो अच्छी बात है के

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के_मीनू_तोष

क्या सोचा था ?

(अनुशीर्षक में पढ़ें) क्या सोचा था ?
क्या सोचा था तुमने
ना दोगे साथ अगर
लेखनी राग बदल लेगी ?
गाने लगेगी गीत विरह के
राग ए वतन भुला देगी ?

लगता होगा तुमको

क्या सोचा था ? क्या सोचा था तुमने ना दोगे साथ अगर लेखनी राग बदल लेगी ? गाने लगेगी गीत विरह के राग ए वतन भुला देगी ? लगता होगा तुमको #hindiwriters #nojotohindi #hindipoetry #hindibhasha

8 Love

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के_मीनू_तोष

अजन्मी कविताएँ

असंख्य कविताएँ मेरे भीतर कहीं गहराई में छिपी हैं
मानो ब्रह्मांड में छिपे असंख्य सूर्य
नहीं खोज पाए अब तक जिन्हें हम
कोटि कोटि प्रयत्न रोज़ विफल हुए हैं
रहे हैं वंचित इनके प्रकाश से
जाने कितनी दिव्यता लिए हुए हैं ये सभी
मिल जाएं गर तो क्या से क्या हो जाएं हम
कितनी ऊर्जा होगी उनमे या होगी सौम्यता
रखते होंगे सामर्थ्य सब भस्म कर देने का
या सब बिखरा हुआ सहेज लेने का
कितनी ही नव कोपलें खिल उठेंगी इनके उदय से
अथवा मुरझा जायेंगे खिले हुए पुष्प संझा में
करे कोई खोज तो मिले भी उस अतुलित ब्रह्मांड में
अथाह सागर की गहराई में सोई हुई हैं
मेरी ये समस्त नन्हीं पारियों सी कविताएँ
कोटि कोटि मोती छिपे हो सागर के गर्भ में जैसे
शीतल शांत हृदय को असीम ठंडक देने वाली
कंठहार बन सौन्दर्य का सृजन करती हुई सी
प्रेम गीत गाती किसी जलपरी जैसे
ममता का बिछौना बिछाए मीठी लोरिया गुनगुनाती सी
उतरे कोई सागर के तल तक गोता लगता तो मिले भी ये अनमोल मोती

                           ©के मीनू तोष (२४ अप्रैल २०१९) अजन्मी कविताएँ

असंख्य कविताएँ मेरे भीतर कहीं गहराई में छिपी हैं
मानो ब्रह्मांड में छिपे असंख्य सूर्य
नहीं खोज पाए अब तक जिन्हें हम
कोटि कोट

अजन्मी कविताएँ असंख्य कविताएँ मेरे भीतर कहीं गहराई में छिपी हैं मानो ब्रह्मांड में छिपे असंख्य सूर्य नहीं खोज पाए अब तक जिन्हें हम कोटि कोट #nojotohindi

8 Love

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Varsha Patil

सुखसंवाद ।। जय जय रघूवीर समर्थ ।। जनी वादविवाद सोडूनि द्यावा जनी सुखसंवाद सुखे करावा जनी तोच तो शोक संताप हारी ।। ह्या श्लोकातून आपल्याला स

सुखसंवाद ।। जय जय रघूवीर समर्थ ।। जनी वादविवाद सोडूनि द्यावा जनी सुखसंवाद सुखे करावा जनी तोच तो शोक संताप हारी ।। ह्या श्लोकातून आपल्याला स

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के_मीनू_तोष

 #Poetry #Quotes #kavishala #nojotohindi

मेरे देश में!

मेरे देश में संगठन बहुत हैं
ये और बात है कि संगठित कोई नहीं

मेरे देश में आवाजें बहु

#Poetry #Quotes #kavishala #nojotohindi मेरे देश में! मेरे देश में संगठन बहुत हैं ये और बात है कि संगठित कोई नहीं मेरे देश में आवाजें बहु

9 Love

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के_मीनू_तोष

 सबको पढूं 

सोचती हूँ कभी कभी
यहाँ हैं जितने उन सभी को पढूं
मैं करूँ टिप्पणी,
मैं करुँ समीक्षा,
और करूँ आलोचना

सबको पढूं सोचती हूँ कभी कभी यहाँ हैं जितने उन सभी को पढूं मैं करूँ टिप्पणी, मैं करुँ समीक्षा, और करूँ आलोचना

6 Love

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Vikas Sharma Shivaaya'

कार्य में, नौकरी या व्‍यवसाय में सफलता मंत्र मंगलवार के दिन- 'ऊं नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रूं रूं रूं रूं रूं रुद्रमूर्तये सकलजन वशकराय स्वाहा' -पर ध्यान रहे कर्म जरुरी है -कर्म प्रधान है ....


“ अबिगत गति कछु कहत न आवै-ज्यो गूंगों मीठे फल की रास अंतर्गत ही भावै।।

परम स्वादु सबहीं जु निरंतर अमित तोष उपजावै-मन बानी को अगम अगोचर सो जाने जो पावै।।

मून जाति जुगति बिनु निरालंब मन चक्रत धावै-सब बिधि अगम बिचारहि,तांतों सुर सगुन लीला पद गावै।। “


निराकार ब्रह्म की सोच आवश्यक है- यह समरूपता और भाषण की बात नहीं है- जिस तरह एक गूंगे को मिठाई खिलाई जाती है और उसे स्वाद के लिए कहा जाता है, वह मिठाई का स्वाद नहीं बता सकता है,केवल उसका मन ही मीठे रस का स्वाद जानता है। निराकार ब्रह्म का कोई रूप नहीं है और न ही कोई गुण है-इसलिए मैं यहां खड़ा नहीं हो सकता,वह हर तरह से अगम्य है-इसलिए सूरदास जी ने सगुण ब्रह्म श्री कृष्ण की लीला का गायन करना उचित समझा।


🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' कार्य में, नौकरी या व्‍यवसाय में सफलता मंत्र मंगलवार के दिन- 'ऊं नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रूं रूं रूं रूं रूं रुद्रमूर्तये स

कार्य में, नौकरी या व्‍यवसाय में सफलता मंत्र मंगलवार के दिन- 'ऊं नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय रूं रूं रूं रूं रूं रुद्रमूर्तये स #समाज

13 Love

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के_मीनू_तोष

ब्रह्म का भ्रम ? ?
ये सच मे ब्रह्म है या हुआ मुझे कोई भ्रम है
छिपा कहाँ था अब तक ये या अभी हुआ उद्गम है
आलौकिक है प्रकाश कोई या संसारी वस्तु का सम है
खोजती क्यूँ बाहर थी जब भीतर चलता श्रम है

दो चक्षु के मध्य मे सुप्त है ज्यों संगम मे शारदा लुप्त है
एकाग्रता से जगता है ये या जगानेवाला गुप्त है
निर्मल हृदय को मिलता ये या पा जाता जग समस्त है
पा जायें जो एक बार क्या होता सूर्य फिर उसका अस्त है

दिखता ये कैसा , कैसा इसका रंग है
भीतर था कब से मेरे , कब तक मेरे संग है
खोल दूँ ये नयन अपने , जो अब तक कर रखे मैने बँद हैं
खो देने के भय से इसे , होती समाधि नही मेरी भंग है

गदगद हृदय हुआ जाता है बहती अश्रु धार है
प्रफुल्लित मन यूँ लगा रहा हुंकार है
रोकता है मुझको ये सच मे सृजनहार है
रोम रोम मे मेरे नाच रहा दिव्य संसार है

नही कोई भ्रम है ये तो वास्तव मे ब्रह्म है
ना ही कोई रुप इसका ना कोई रंग है
समाये इसी मे तीनो ब्रह्मा, विष्णु सारंग हैं
नश्वर तो इक देह हमारी ये तो सदैव अभंग है ब्रह्म का भ्रम ? ? 

ये सच मे ब्रह्म है या हुआ मुझे कोई भ्रम है
छिपा कहाँ था अब तक ये या अभी हुआ उद्गम है
आलौकिक है प्रकाश कोई या संसारी वस्

ब्रह्म का भ्रम ? ? ये सच मे ब्रह्म है या हुआ मुझे कोई भ्रम है छिपा कहाँ था अब तक ये या अभी हुआ उद्गम है आलौकिक है प्रकाश कोई या संसारी वस् #Poetry

5 Love

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के_मीनू_तोष

 बुरी लत

सुँघोगे शराब तो पियोगे भी
पियोगे तो लत लगेगी ही
कह तो दिया तुमने कि
पीकर हम बहकते नहीं है
कभी कभी लगाते हैं जाम
रोज ये काम करते नही

बुरी लत सुँघोगे शराब तो पियोगे भी पियोगे तो लत लगेगी ही कह तो दिया तुमने कि पीकर हम बहकते नहीं है कभी कभी लगाते हैं जाम रोज ये काम करते नही

6 Love

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के_मीनू_तोष

जागो महादेव !

(अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote जागो महादेव !

समाधि अपनी भंग करना होगा
रूप प्रचंड अब धरना होगा
बहुत हुआ हाहाकार पर्वत पर
अब अंत शत्रु का करना होगा

त्राहि त्राहि हो रही है

जागो महादेव ! समाधि अपनी भंग करना होगा रूप प्रचंड अब धरना होगा बहुत हुआ हाहाकार पर्वत पर अब अंत शत्रु का करना होगा त्राहि त्राहि हो रही है #महाशिवरात्रि

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के_मीनू_तोष

#kavishala #Poetry #nojotokhabri कविता की महत्ता कहने को छोटी सी कहलाती चुपके से कितने काम कर जाती बन लोरी माँ के होंठों पर जब आती स्वप्न

#kavishala #Poetry #nojotokhabri कविता की महत्ता कहने को छोटी सी कहलाती चुपके से कितने काम कर जाती बन लोरी माँ के होंठों पर जब आती स्वप्न

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के_मीनू_तोष

#kavishala भगत सिंह - एक अस्तित्व जिस्म नही था जो मर जाता अस्तित्व हूँ तभी तो जिन्दा हूँ विपरीत दिशा मे उड़ने वाला मै उन्मुक्त परिंदा हूँ #Poetry

#kavishala भगत सिंह - एक अस्तित्व जिस्म नही था जो मर जाता अस्तित्व हूँ तभी तो जिन्दा हूँ विपरीत दिशा मे उड़ने वाला मै उन्मुक्त परिंदा हूँ #Poetry

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