डाकू नहीं, ठग नहीं, चोर या उचक्का नहीं
कवि हूँ मैं मुझे बख्श दीजिए दारोग़ा जी
काव्य-पाठ हेतु मुझे मंच पे पहुँचना है
मेरी मजबूरी पे पसीजिए दा #कविता
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Vandana
मौजूदा हालात ऐसे हैं कि मन कहीं उखड़ गया है,
बहुत कुछ बिखर गया है,
जड़ की तलाश में शाखाओं में आ खड़े हैं हम,
स्थिति यह है कि ना जमी है ना #lifelessons#yqdidi#lifeline#realityoflife
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Santosh Sagar
देश के मजदूरों को हक़-अधिकार चाहिए !
#OPS जो दे दे वो सरकार चाहिए.....2
चोर उचक्का हूँ, बेईमान हूँ मैं
कौन कहता है मुसलमान हूँ मैं
कहीं सुन्नी हूँ, कहीं शिया हूँ
कहीं बरेलवी तो कहीं देवबंदी
था ख़ुदा को जो महब #Poetry#kavishala#Shayari#dpf#Pagal#ejaz