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JALAJ KUMAR RATHOUR
आदमी भी अजीब होता है। "खुद की औरत को सम्मान की नजर से देखता है और परायी औरत को सामान की नजर से देखता है, ...#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR #Rose परायी औरत को सामान की नजर से देखता है,
MUKESH KUMAR
Krish Vj
जब तक मैं भुलू, ना मुझे भूलने मत देना यारा यादे तुम्हारी, कीमती बहुत है यात्रीगण.... अपने कीमती सामान की सुरक्षा स्वयं करें। #सलाहमतदो #इतनाक्यूँबोलते #societalpressure #seemsmad #drsimple #sadagise_mehek_dhan
Milan Sinha
शर्म हया अदब इज्ज़त और नजाकत कहीं खो सी गई है। जिस्म दिखा कर तवज्जो पाने की रिवायत सी हो गई है। ना जाने क्यों इस नये दौर से सिकायत सि हो गई है। ©Milan Sinha #शर्म #हया #इजज्त #नजाकत #नारी #भारतीयनारी #नयादौर #moderindiangirls #संस्कार #shortvideomakingapps खुद को किसी सामान की तरह पेश ना करें ।
Sunil itawadiya
मैं सोच रहा हूं "लॉकडाउन" हटने के बाद YourQuote परिवार में भंडारा करवा दूं आप सभी को भी कुछ ना कुछ सहयोग करना है "नमक" मेरी तरफ से रहेगा 🙏🏼💐 🤣😝🤣🤣🤣🙏🏼🙏🏼🙏🏼💐👍 सोच रहा हूं थोड़ा बहुत पुण्य में भी कमा लूं आप सभी लोग इनवाइट हैं याद रहे सबको सहयोग करना है नमक मेरे साइड से है बाकी सामान की व्यवस्था करना
kashish
कहानी: दफ्तर @kashi_thoughts read caption "दफ्तर से लौटते वक्त मेरे लिये ये सामान ले आना", कहते हुए गीता ने सामान की लिस्ट अपने पति राकेश के हाथों में थमा दी...लिस्ट आधा सा देखकर रा
kunwar Surendra
ख़्वाहिश और जरुरत जिंदगी के खुशनुमा होने के साजो सामान की जरूरत है उसे इस जमाने के हिसाब से, उसका इल्म उसे ले जाएगा उस जगह जहां ख़्वाहिश है उसकी कि खुर्शीद की तरह रोशन करे सारे जहान को दरकिनार कर सारे साजोसामान को कुँवर सुरेन्द्र जिंदगी के खुशनुमा होने के साजो सामान की जरूरत है उसे इस जमाने के हिसाब से, उसका इल्म उसे ले जाएगा उस जगह जहां ख़्वाहिश है उसकी कि खुर्शीद
Kumar Shashank
Krish Vj
यूँ तो कई पैमाने है, हुस्न की तारीफ़ का हर पैमाने पर खरा तू ,ख़ुदा हैं तू हुस्न का सादगी के लिबास में लिपटी मुरत प्यारी सुन्दरता तेरी "कंचन" सी जग से न्यारी मुख पर आभा सूर्य की कोहिनूर सा प्यारा लबों पर लाली सुर्ख आँखों में कजरा प्यारा ना ज़रूरत गहनों और साज सामान की हैं बिन काजल बिंदिया के तू तो सुन्दर लगे हैं तू हुस्न का समंदर कई नदियां निकलती हैं महका तेरे हुस्न से मेरा, ये दिल बहकता हैं क्या कहूँ देवी अप्सरा या कहु प्रकृति तुझे सब दीवाने हैं तेरे, कृष्ण तरसा दीदार को यूँ तो कई पैमाने है, हुस्न की तारीफ़ का हर पैमाने पर खरा तू ,ख़ुदा हैं तू हुस्न का सादगी के लिबास में लिपटी मुरत प्यारी सुन्दरता तेरी "कं