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Parasram Arora
ये मक्कारी ये बेईमानी औऱ ये अमानवीय संस्कारो की उपादेयता तुम्हे मालामाल तो कर सकती हैँ पर जिस दिन तुम उस लकड़ब्ग्घे यमदूत की चपेट मे आओगे वो तुम्हे छोड़ेगा नहीं उसके नृशंस पैने दांतो के बीच तड़पता हुआ खुद को पाओगे औऱ तुम्हारी करतूतो के काले विषधर तुम्हे डस कर रीतेपण के भयावह खंडहरों मे तड़पने के लिए छोड़ आएंगे काले विषधर...... वे यमदूत
SUPER FUNNY
Uday Chaudhary
GauRav
न मैं शायरी न किस्से न अल्फ़ाज लिखता हूँ।। मैं दर्द हूँ बस दर्द की गुहार लिखता हूँ।। न मैं मौत न जिंदगी न भगवान लिखता हूँ।। मैं यमदूत हूँ बस यमराज की किताब लिखता हूँ।। #गौरव न मैं शायरी न किस्से न अल्फ़ाज लिखता हूँ।। मैं दर्द हूँ बस दर्द की गुहार लिखता हूँ।। न मैं मौत न जिंदगी न भगवान लिखता हूँ।। मैं यमदूत हूँ बस
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के
राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म
Nadbrahm
रतिया के सुतल रहनी सपना सजाई के ले गइले पियवा के संदेशा सुनाई के पिंजरा के बहरे भी देखी संसार होला पिंजरा से तहरा पंछी मोह काहे होला उड़ी जाई चिड़िया त मान नाही होला पिंजरा जरावल जाला ओढा के पटोला इहे बा ई रीत जग के मान जा ए चिड़िया बंधन छोरा ले जानी होई सबे बढ़िया पियवा भी व्याकुल होइहें मिले तोहरा खातिर प्रेम में त तड़पत होइहें राम जी भी आखिर पिंजरा: देह, पिया: ब्रह्म, पंछी: जीवात्म ©BK Mishra यह एक भोजपुरी निर्गुण भजन है जिसका अर्थ है कि संसरिक मोह में मगन जीवात्मा को यमदूत प्रभु का संदेश सुना के ले जाते है । जीवात्मा के लिए परम आ
Divyanshu Pathak
असाध्य रोगों के दो ही कारण होते हैं। एक विषैला अन्न और विषैले विचार। वैसे तो विचार भी अन्न पर ही निर्भर है। जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन। अन्न को ब्रह्म कहा जाता है। विषहीन अन्न लुप्त प्राय: हो चुका है। #सुप्रभातम #पंछी , #पाठकपुराण , #येरंगचाहतोंके साथ सुबह की शुरुआत करते है काफ़ी दिनों से मैंने अपने मूल प्रकार की पोस्ट नही की अब हाज़िर है थ
सुसि ग़ाफ़िल
डमरू बजेगा डम डम डम डम, भगत बोलेंगे बम बम बम बम! महादेव फिर अवतार में होगा, किलकारी बजी शंखनाद होगा! त्रिशूलधारी तांडव करेगा, भगत भोले का नाम जपेगा! प्रिय भगत व्रत रखेंगे, महादेव सबको निकट रखेंगे! बेलपत्र चढ़ेगा दूध चढ़ेगा, हर शैतान का यमदूत निकलेगा! सारा जग ये नाच उठेगा, चारों दिशाओं में शोर मचेगा! पुरुष प्रकृति की रात होगी , शिव शंकर की बारात होगी ! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं ❤❤ डमरू बजेगा डम डम डम डम, भगत बोलेंगे बम बम बम बम! महादेव फिर अवतार में होगा, किलकारी बजी शंखनाद हो
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} {गरूड़ पुराण} जो मरने के पश्चात आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार की व्याख्या करता है उसके अनुसार जब आत्मा शरीर छोड़ती है तो उसे दो यमदूत लेने आते हैं. मानव अपने जीवन में जो कर्म करता है यमदूत उसे उसके अनुसार अपने साथ ले जाते हैं. अगर मरने वाला सज्जन है, पुण्यात्मा है तो उसके प्राण निकलने में कोई पीड़ा नहीं होती है लेकिन अगर वो दुराचारी या पापी हो तो उसे पीड़ा सहनी पड़ती है. गरूड़ पुराण में यह उल्लेख भी मिलता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को यमदूत केवल 24 घंटों के लिए ही ले जाते हैं और इन 24 घंटों के दौरान आत्मा दिखाया जाता है कि उसने कितने पाप और कितने पुण्य किए हैं. इसके बाद आत्मा को फिर उसी घर में छोड़ दिया जाता है जहां उसने शरीर का त्याग किया था. इसके बाद 13 दिन के उत्तर कार्यों तक वह वहीं रहता है. 13 दिन बाद वह फिर यमलोक की यात्रा करता है. पुराणों के अनुसार जब भी कोई मनुष्य मरता है और आत्मा शरीर को त्याग कर यात्रा प्रारंभ करती है तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्ग मिलते हैं. उस आत्मा को किस मार्ग पर चलाया जाएगा यह केवल उसके कर्मों पर निर्भर करता है. ये तीन मार्ग हैं अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग. अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए होता है, वहीं धूममार्ग पितृलोक की यात्रा पर ले जाता है और उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है. ©N S Yadav GoldMine #Dhanteras {Bolo Ji Radhey Radhey} {गरूड़ पुराण} जो मरने के पश्चात आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार की व्याख्या करता है उसके अनुसार जब आत्मा श