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Deepak Aggarwal

वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे जो लोग इश्क़ को काम समझते थे, या काम से आशिकी़ रखते थे, हम जीते जी मसरूफ़ रहे कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया, काम #nojotophoto

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 वो लोग बहुत खुशकिस्मत थे जो लोग  इश्क़ को  काम समझते  थे, या काम से आशिकी़ रखते थे, हम जीते जी मसरूफ़ रहे कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया, काम

ashish gupta

इस 26 जनवरी में मांग रहा हूं भीख अच्छे करने की हमें दे दे सीख दे जो हमें सीख बस साथ में इतना कर दे सच पर चलने की हमें हिम्मत भर दे हिम्मत #Poetry

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Kh_Nazim

आपकी रियायत। सांसों पे पहरा कैसा लगा है कानों से बंधा होठों को छुपा बस आंखें दिखा बाल कटा #Hope #khnazim

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आपकी रियायत।

सांसों पे पहरा कैसा लगा है
कानों से बंधा
होठों को छुपा
बस आंखें दिखा

बाल कटा 
नाई भगा 
साबुन लगा 
पानी बचा

क्रेडिट सरकार ले
बस तू दान कर
सवाल ना कर
वरना राज्य द्रोह खिताब ले


भूखी जनता
रेल, सड़क हादसों में,
मरती जनता
प्रवास अंचल मैं पिसती जनता

चुनावों में उंगली कटने पर
हमारे खरांजो की मिट्टी छानते
कटे पटरी पे दबे गाड़ी से
पैरों में छाले पड़े
वह अब निशब्द खड़े हैं
आरोप-प्रत्यारोप कौवा चील की तरह करने लगे।


जिनको गुमान था
उसको को मापने पर मजदूर आढ़े,
मदद हम से लेकर
अधूरी मदद
हमी को दी जा रही है।


आपकी रियायत
कुछ इतनी बड़ी है जैसे
कहने को देवदार का पेड़ है
संग उसके दीमक लगी है।


कैसे पाएं ऋण
ऑनलाइन के मोर से
बाज, चील, कौवा 
शायद बचे
तब हम चूहों को मिले। आपकी रियायत।

सांसों पे पहरा कैसा लगा है
कानों से बंधा
होठों को छुपा
बस आंखें दिखा

बाल कटा

Prem Nirala

जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़ #NationalSimplicityDay

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जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़्ज़ों को, सुबह की पौ फटने तक तू तब तक सुनती रहे, जब तक मैं कई गुनाह न कर दूँ, मैं रात ढलने ही न दूँ, मैं सुबह होने ही न दूँ, ठंढ से कटकटाते रहे तुम्हारे दाँत और सिहरता रहे तुम्हारा बदन, तू रह रह के लिपटती रहे मुझसे, मैं आग की लौ बन जाऊँ, सुबह की किरणें की पौ बन जाऊँ, रुक जाऊँ, सो जाऊँ, लिपट जाऊँ, सिमट जाऊँ, खो जाऊँ कुछ कर जाऊँ!
उकेरता रहूँ तुम्हारे बदन पे कलर वाली पेंसिल के नौब से वो परबत, पठार, नदी, झरनें, परिंदों के आढ़ी, टेढ़ी चित्र जो हम स्कूल में बनाया करते थे,
और जानबुझकर गलती करता रहूँ और तुझसे उसी तरह डाँट सुनता रहूँ, जिस तरह टीचर डाँटती थी की फिर से बना कर लाओ, और मैं मिटाता रहूँ, बनाता रहूँ, सर से लेकर पैरों तक सातों रंग भरता रहूँ!
अपनी छाती पे तेरा सर रखकर, चुमकर तेरे माथे को, तेरे नरम होठों से गरम सुगबुगाहट सुनता रहूँ, तुझसे जेठानियों की मीठी चुगलीयां सुनता रहूँ, तेरी सहेलियों के दुःखों को सुनता रहूँ, तेरी सुखों को सुनता रहूँ!
रोक दूँ, टोक दूँ, केह दूँ नौकरानीयों से, की अभी झाड़ू, पोछे उस कमरे में नहीं लगाने हैं, अभी तो वो ओंधी नींद में सोयी हुई हैं!

__प्रेम__निराला__

©Prem Nirala जी चाहता हैं कि तेरे सामने बैठकर तेरे आँखों के कई कसीदें पढूं, जुगनुओं के सारे रोशनी मुट्ठी भर निचोड़कर तेरे सामने रख दूँ, और एक शायर के लफ़

Dr Jayanti Pandey

कल किसानों के नाम पर दिल्ली ने जो भी देखा , सहा और जान की कीमत पर संयम रखा वो सब याद रखा जाना चाहिए। बिके हुए पत्रकारों, दो कौड़ी के नेताओ न #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqquotes #scribbles #wrscribblezone #yqwritosphere #jayakikalamse #wsrepublic2021

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सब याद रखा जाएगा
जो कुछ कहा,किया,गढ़ा देश के अपमान को
पैरों तले रौंदा गया तिरंगे की आन को
सब याद रखा जाएगा......


(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) कल किसानों के नाम पर दिल्ली ने जो भी देखा , सहा और जान की कीमत पर संयम रखा वो सब याद रखा जाना चाहिए। बिके हुए पत्रकारों, दो कौड़ी के नेताओ न

yamini gaur

*रोकने की कोशिश को बहुतों ने कि होगी... तुम वजह बन पाओ दो दिलों के मिलने की तो बात ही क्या है* दुनिया से छुपते - छुपाते, व्यस्त जिंदगी से थ #कहानी

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Lockdown wala pyaar... *रोकने की कोशिश को बहुतों ने कि होगी... तुम वजह बन पाओ दो दिलों के मिलने की तो बात ही क्या है*

दुनिया से छुपते - छुपाते, व्यस्त जिंदगी से थ

Nasamajh

एक और बेटियाँ (मनीषा) लड़की के साथ नाइंसाफी तब नहीं होती जब उसके साथ कोई गलत काम होता , बल्कि उसके साथ नाइंसाफ़ी तब शुरू होती है जब उसके #रेप_मुक्त_भारत #रेप_पीड़ित_का_दर्द #हिंदुस्तान_की_बेटियां #बेबसी_की_इससे_बड़ी_मिसाल_क्या_होगी

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एक और बेटियाँ (मनीषा)

खाकी में लिपटे ऐसी जिंदा लाशों से ये पूछना चाहेंगे की 
घर जाकर अपनी बेटी से कैसे नजर मिलाओंगे...???

जो जली है वो उसकी चिता नहीं 
हर उस लड़की की उम्मीद है 
जो मानती है की अगर गलत होगा तो 
इंसाफ़ मिलेगा...!!

मैं तो युहीं आवाज उठाऊंँगा
तुम चाहें मौन रहों
इन रूढ़ी वादियों के बीच में 
🙏🙏🙏💐💐🏵️🏵️🌺🙏🙏 एक और बेटियाँ (मनीषा)

लड़की के साथ नाइंसाफी तब नहीं होती 
जब उसके साथ कोई गलत काम होता , 
बल्कि उसके साथ नाइंसाफ़ी तब शुरू होती है 
जब उसके

Santosh Narwar Aligarh

#nationalpoetrymonth बढ़ बढ़ तू आगे बढ़ #शायरी

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Mr @lam

पढ़ ले पढ़ ले #Comedy

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pramod malakar

#पढ़ लो बच्चों पढ़ लो। #जानकारी

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पढ़ लो बच्चों पढ़ लो 
४४४४४४४४४४४४४
पढ़ लो  बच्चों  पढ़ लो , इस जीवन  में  तुम  पढ़  लो ।
जीवन    है    बड़ी    छोटी , पुस्तक  ‌ है   बड़ी ‌   मोटी ।
पढ़  लो  बच्चे  पढ़ लो , इस  जीवन  में तुम  पढ़  लो ।।
माता-पिता को पहचानो , इस जीवन को तुम बना लो ।
भारत     देश    है    मंदिर , महान   बच्चों    तेरा ,
जग  में  तुम नाम  करोगे  , हुई  है  अभी  सवेरा ।
ब्रह्माण्ड  के  सब  पंक्षी हैं , दिव्य  ज्ञान है संवारा ।
माता , पिता , गुरु  कि  पुजा , शक्ति   है   हमारा ।
इश्वर है सर्व शक्तिमान , है ज्ञान का भंडार हमारा ।
खेला  कूदा और  पढ़ा , यही है  इतिहास  पुराना ।
भारत भूमि है हमारी आत्मा , मातृभूमि है सांस हमारा ।
शिक्षा , संस्कृति , संस्कार को , जीवन में गढ़ लो बच्चों गढ़ लो ।
पढ़ लो  बच्चों  पढ़ लो , इस  जीवन में तुम  पढ़  लो ।।
४४४४४४४४४४४४४४४४४४४
प्रमोद मालाकार की कलम से

©pramod malakar #पढ़ लो बच्चों पढ़ लो।
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