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rahulpandey
गरीब लोग भी तिनके का ढ़ेर रहे... कभी मलबे में दबे कभी पानी मे बहे... rahulpandey गरीब लोग भी तिनके का ढ़ेर रहे... कभी मलबे में दबे कभी पानी मे बहे... #flood
Dil E Nadan
इस दौर में सबसे मुश्किल है, खबरों के मलबे में सत्य खोजना... ©Zindagi ji इस #दौर में सबसे #मुश्किल है, #खबरों के मलबे में #सत्य #खोजना... #quotes #girl #shayari #notojo Jugal Kisओर Prince gaTTubaba writter8626 Pu
Vipul dev chauhan
बातें कुछ बातें उन्होंने की कुछ हम भी कह गए ! वोह हमें देखते औऱ हम उन्हें देखते रह गए! लोगों ने हमें झूठा बोला हम यह भी सह गए ! हम उठ के मुड़े औऱ उन लोगों के आशियाने ढह गए! कौन बताये सच्चाई बातें करने वाले मलबे मे दबें रह गए! ©Vipul dev chauhan बातें कुछ बातें उन्होंने की कुछ हम भी कह गए ! वोह हमें देखते औऱ हम उन्हें देखते रह गए! लोगों ने हमें झूठा बोला हम यह भी सह गए ! हम उठ के म
mukesh6chaudhari12
सब की पगड़ी को हवाओं में उछाला जाए सोचता हूं कोई अखबार निकाला जाए पी के जो मस्त है उनसे तो कोई खौफ नहीं पी के जो होश में है उनको संभाला जाए आसमां ही नहीं, एक चांद भी रहता है यहां भूलकर भी कभी पत्थर ना उछाला जाए नए आवाम की तामीर जरूरी है मगर पहले हम लोगों को मलबे से निकाला जाए। ©mukesh chaudhari सब की पगड़ी को हवाओं में उछाला जाए सोचता हूं कोई अखबार निकाला जाए पी के जो मस्त है उनसे तो कोई खौफ नहीं पी के जो होश में है उनको संभाला
Abhishek 'रैबारि' Gairola
{¶पारसमणी¶}
तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं कैसे मिलता कहीं पे था ही नहीं घर के मलबे से घर बना ही नहीं ज़लज़ले का असर गया ही नहीं मुझ पे हो कर गुज़र गई दुनिया मैं तेरी राह से हटा ही नहीं कल से मसरूफ़-ए-ख़ैरियत मैं हूं शेर ताज़ा कोई हुआ ही नहीं ++ रात भी हम ने ही सदारत की बज़्म में और कोई था ही नहीं यार तुम को कहां कहां ढूंढ़ा जाओ तुम से मैं बोलता ही नहीं याद है जो उसी को याद करो हिज्र की दूसरी दवा ही नहीं...❤️ शायर शुभ;/¡! तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं कैसे मिलता कहीं पे था ही नहीं घर के मलबे से घर बना ही नहीं ज़लज़ले का असर गया ही नहीं मुझ पे हो कर गुज़र गई दुन
Prerna Singh
हमें समाधान पसंद था उसे समस्या उसे युद्ध पसंद था मुझे संगीत मैं पारदर्शी वो डार्क बस इसी फर्क ने मुझे मिटा दिया उसे बचा दिया मिटना और मिटा देना दोनों अलग क्रियाएं हैं परिणाम दोनों के अलग आएंगे उस दिन कहां जाएगा शायद पिछले जन्म का कोई बुरा कर्म हैं अगला पिछला कुछ होता नहीं जो होता हैं इसी जन्म का होता है तुम्हारा बोया हुआ अगला कटेगा अच्छा या बुरा तुम्हारे वजह से पाएगा जैसे मैंने काटे थे बेटी के रुप में जन्म लेकर मुझे दबाया गया अनचाहा समझकर जैसे अब दबाया जा रहा हैं मलबे में पुरानी वस्तु समझकर मैं वस्तु नहीं विदित उसे भी पर उस के प्रयास में सामिल कई कौरव लालची बन कर ©Prerna Singh हमें समाधान पसंद था उसे समस्या उसे युद्ध पसंद था मुझे संगीत मैं पारदर्शी वो डार्क बस इसी फर्क ने मुझे मिटा दिया उसे बचा दिया मिटना और मिटा द
Ravendra