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Tarakeshwar Dubey

जोगिनीया #CloudyNight #कविता

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जोगिनीया नाचे बीच बाजार
....................................

मचा हुआ है तांडव अपरंपार, हुआ अब जन जीवन दुष्वार,
प्रलय मडराये बन हाहाकार, जोगिनीया नाचे बीच बाजार।

खंजर चले कहीं बीच सड़क, कहीं चलती तलवार की धार,
लथपथ सना शीश पड़ा कहीं, कहीं नर शवों का लगा अंबार।
दन दना दन बंदूक की गुंजन, बारूदों की कहीं होवे बौछार,
मानवता कांपे भय से थर थर, असूरों की होवे जय जयकार।
अवरुद्ध करके बापू की सांसे, तन पर जालिम करे चित्कार,
वतन में पसरा काला बाजार, जोगिनीया नाचे बीच बाजार।

सभाओं में अब गुण्डे विराजे, राजनियम बना हैं खिलवाड़,
चौराहे पर जबर रोक पुलिस, करती धन उगाही का कारोबार।
कहीं अपहरण कहीं फिरौती, कहीं बिटिया का बलात्कार,
जनता रो रही खून के आंसू, होकर व्याकुल व्यथित लाचार।
इलाज कराने जायें कहां अब, चल रहा जिस्मों का व्यापार,
गगन से बरसे खून की धार, जोगिनीया नाचे बीच बाजार।

फाइलों में सब बंद पड़ी है, काली करतूतों की पड़ताल,
रिश्वतखोरों की सह पर चले, अपराधीकरण की सरकार।
बलात्कारी नेता मंत्री बने हैं, पेड़ों से लटक रही हैं लाश,
गणतंत्र राष्ट्र में भी हावी हैं, बूथ कैप्चरिंग का रिवाज़।
गांजा दारु चरस फूले फले, यूवा बैठे होकर बेरोज़गार,
तस्कर चलाए अब सरकार, जोगिनीया नाचे बीच बाजार।

©Tarakeshwar Dubey जोगिनीया

#CloudyNight

Pnkj Dixit

🌷प्रेम जोगिनी 🌷 आज केश संवारूँ, सुगंध धूप से रंक बनेंगे आज सब भूप से । चंचल चितवन , मनमोहिनी काया देव भक्ति में मन आत्मिक रूप

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#OpenPoetry 🌷प्रेम जोगिनी 🌷

आज  केश  संवारूँ, सुगंध धूप से 
रंक   बनेंगे  आज   सब   भूप   से ।
चंचल चितवन , मनमोहिनी काया 
देव भक्ति में मन आत्मिक रूप से ।।
 
कमल और  कुमुद  समान  रूप  प्रभात में
सूर्य और चंद्र विरोधी नीलवर्णी आकाश में ।
अलीयों का समूह गुंजा - रव बहाने छेड़ रहे 
कंवल और कौमुदी  को श्वेत चांदनी धूप में ।।

पूर्व  दिशारुपिणी नायिका बन नाचती  फिरुँ 
हिम कणों को नासिका कर्ण में टाँकती फिरुँ ।
मन  चंचल  अविनाशी  मेरे  श्याम  साँवरिया 
मैं  बनी  जोगनिया  तेरी  भक्ति  प्रेम  रुप  में ।।

३१/०७/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क'
स्थान - मुजफ्फरनगर 
 उत्तर प्रदेश २५१३०९ 🌷प्रेम जोगिनी 🌷

आज  केश  संवारूँ, सुगंध धूप से 
रंक   बनेंगे  आज   सब   भूप   से ।
चंचल चितवन , मनमोहिनी काया 
देव भक्ति में मन आत्मिक रूप

Divyanshu Pathak

🙏☕🍁🍂🍂🌞🌹🌺🌸🏵️🌼 इस देश के इतिहासकारों ने हमें अधिकतर उसी लडाई लडाई या युद्ध को बताया जिसमे हम कमजोर रहे ! बप्पा रावल और राणा सांगा जैसे योद्धाओ #मेवाड़ #पंछी #राजस्थान #पाठक #हरे

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इतिहास युवाओं से जबतक भारत का छुपाया जाएगा
राष्ट्र चेतना का तब कैसे , बिगुल बजाया जाएगा !

भ्रमित भ्रांति का लाभ उठाकर फ़िर से गौरी आएगा
धोखे और गद्दारी का तब जाल बिछाया जाएगा !

विजय पताका फहराकर  तब हम रण में मुस्काएंगे
क्षमा दया का भाव हमें फ़िर साबित कायर कर जाएगा !

एक हार अपनी होते ही जमकर ढोल बजाएंगे
कर महिमा मंडन गद्दारी का इतिहास बनाया जाएगा  !

जयचंदों की कायरता को, ले मौज़ पढ़ाया जाएगा
राष्ट्र चेतना का तब कैसे बिगुल बजाया जाएगा !

 🙏☕🍁🍂🍂🌞🌹🌺🌸🏵️🌼
इस देश के इतिहासकारों ने हमें
अधिकतर उसी लडाई लडाई या युद्ध को बताया जिसमे हम कमजोर रहे !
बप्पा रावल और राणा सांगा जैसे योद्धाओ

Sachin Ratnaparkhe

इन्द्र जिमि जंभ पर , वाडव सुअंभ पर । रावन सदंभ पर , रघुकुल राज है ॥१॥ पौन बरिबाह पर , संभु रतिनाह पर । ज्यों सहसबाह पर , राम व्दि‍जराज है ॥२

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छत्रपति शिवाजी के जन्म दिवस के अवसर पर उनकी महिमा का रितिकाल के कवि भूषण द्वारा ब्रज भाषा में विभिन्न अलंकारों एवम् वीर रस से युक्त अत्यंत मनमोहक सुंदर चित्रण पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ। यह पढ़ने के दौरान ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसा साक्षात् महाराज छत्रपति शिवाजी का दर्शन हो रहा हो। यह पौराणिक काव्य शैली आधुनिक हिप होप संगीत शैली (रेप सॉन्ग्स) से काफी मिलती जुलती है और ये बेहद ही खूबसूरत अनुभूति है। और भुषण के इन छंदो को महाराष्ट्र में ठोल ताशे बजाकर बड़ी मस्ती में और बहुत ऊर्जा के साथ गाया जाता है।

(Caption me puri Kavita padhe) इन्द्र जिमि जंभ पर , वाडव सुअंभ पर ।
रावन सदंभ पर , रघुकुल राज है ॥१॥
पौन बरिबाह पर , संभु रतिनाह पर ।
ज्यों सहसबाह पर , राम व्दि‍जराज है ॥२

Vasu Bapu

योगिनी एकादशी

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 योगिनी एकादशी

Parasram Arora

अभिसारिका बनाम मृत्यु योगिनी......

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हमारी  भाषा
हमारी देह की भी भाषा  है
हमारी  चाल
हाथी की  चाल जैसी भी.
हो सकती है
हमें  आदमकद
कठपुतलीयों  की संज्ञा
भी दी जा सकती है  याफिर
मन की  धरती पर. हमें
मृत्यु योगिनियाँ   कह क़र  हमारी
हौसला  अफ़झाई  भी  की जा सकती है

©Parasram Arora अभिसारिका बनाम मृत्यु योगिनी......

VeRbAl ThInKeR

मन जोगिया मेरा जोगिया #Poetry

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RAGHAV YADAV

जोगिया #बात

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कलुआ,मलुआ,चोर का,होता है सब काम।
राम नाम की लूट से,ठग डारे सब गाम।
जोगिया सररररर 
होली की आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं
आपका-राघव किशोर 
कम्पिल फर्रुखाबाद
9452733147 जोगिया

rested.soul

ऐ सूरज कहीं से आ कर तो रोशन कर जा ना ये जिंदगी मेरी,
थक-सी गई हूँ अब यूँ इन चिरागो को रोज जलाते-जलाते ।



            




                     - Shivani Shukla #रोशिनी

نمیش

आसमाँ सर करने को चले थे
ज़मीं को भी न अपना बना सके
सितारे नोचने की ख़्वाहिश में हम
कहीं एक दिया भी न जला सके

©نمیش #रोशिनी
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