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Kunal Salve
चहा आठवता मैत्रीचा कट्टा चार मित्र टू बाय टू चहाचाच रट्टा गप्पा मध्ये चहा पण रंगून जायचा चौघांमध्ये तो पाचवा होऊन जायचा कधी पिल्यावर याला प्यावच लागायचं डुलल्यावर आम्ही त्यानं कोरा चहा बनायचं झालेली सगळी मग कशी यू उतरायची लव्ह यु चहा तुला पिल्याने फटकी वाचायची चहासाठी कधी एक ठिकाण नाही कधी कधी चहा आणि मी त्या तिघांची वाट पाही तुला ओठांशी घेता आठवण येते मित्रांची कारण पहिल्या घोटाला शिवी असायची त्यांची रोज किती वेळा आता त्यांना भेटतो चहाच्या गोडव्यात त्यांनाच आठवतो चहा म्हणजे प्रेम आपुलकीचं नातं दुरावलेल्या पण ते जवळ करू पाहतं चहा मी अक्षय शुभम आणि अनिकेत बस भावांनो भेटू परत कट्ट्याच्या कवितेत ;) #चहा #मैत्री #कट्टा #happy #internationalteaday
दिनेश कुशभुवनपुरी
गीतिका: कोर्ट कचहरी कोर्ट कचहरी कट्टा। नित्य लगाते सट्टा॥ साथ चले कठिनाई। बनकर के तिलचट्टा॥ चार दिनों का जीवन। स्वीट कभी तो खट्टा॥ भीड़ भरी हैं राहें। दौड़ वहां सरपट्टा॥ चापलूसियां जारी। बांध गले में पट्टा॥ नैतिकता को भूले। संस्कृतियों में बट्टा॥ हुई जिंदगी दूभर। मॅऺहगाई का फट्टा॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी ##गीतिका #कोर्ट #कचहरी #कट्टा #तिलचट्टा
Mohd Tasleem
आग के पास कभी मोम को लाकर देखू हो इजाजत तो तुझे हाथ लगा कर देखू दिल का मन्दिर बडा बिरान नजर आता है सोचता हूँ तेरी तस्वीर सजा कर देखू दिल वर दिल वर
संजय श्रीवास्तव
**************************************** वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे दुर्गुण से दूर हमें पावन कर दे शैल पुत्री मां तु पहाड़ो वाली चंडी बन असुरों का वध कर दे वर दे !मां भक्ति से मन भर दे मां शारदे तुम दुर्गा विंध्यवासिनी हम भक्तों के सब दुख को हर.दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे अद्भुत छटा लाल चुनर वाली जीवन में खुशियोँ के रंग भर दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे जगजननी जगदंबा शेरा वाली वाणी में बसो मेरे ऐसा स्वर दे वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे संजय श्रीवास्तव बुरहानपुर (म•प्र•) #साहित्य_सागर वर दे
Parasram Arora
आसमान बेचैन था और निरंतर कुछ सोच रहा था बादलो ने पूछा भी था कि क्यो वह इतना चुप था आसमान ज़मीन क़ो देख करचिंतित था.... क्योंकि वह जवानी की दहलीज़ लांघ चुकी थी ... क्योंकि ज़मीन क़ो वो अपनी बेटी मानता था... और इसिलए वो चिंतित भी था बादलो ने उसकी चिंतित दशा देख कर उसे सुझाव दीया कि कोई योग्य वर ढूंड कर इस कुंवारी ज़मीन के हाथ पीले कर दे.... आसमान भी इस सुझाव से सहमत हो गया था इसलिए उसने सूरज और चाँद के पास ज़मीन के व विवाह हेतु प्रस्ताव भेज दिया लेकिन सूरज ने यह कह कर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि ये ज़मीन खून से रंग चुकी है और प्रदुषन्न से विषाक्त भी हो चुकी है चाँद ने भी इस प्रस्ताव क़ो ठुकराने के कारण बता दीये कि ये धरती अपना शिल्प खो चुकी है. कि ये धरती अपने संस्कार भूल कर दिशा विहींन हो चुकी है... कि विभ्र्म और द्वन्द ग्रस्तता के कारण ये ज़मीन पथभृष्ट हो चुकी है. इसलिए वो इस ज़मीन के लिए योग्य वर नहीं है ©Parasram Arora योग्य वर
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
सौंपकर अपना चाँद किसी आसमान को... हम जैसॆ दीदा-वर अब भी है ज़मीं पर..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 दीदा-वर