Find the Latest Status about हज़रात युसूफ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हज़रात युसूफ.
yusuf khan
मांझी तेरी कस्ती के तलबगार बहोत है इस पार कुछ उस पार बहोत है जिस शहर मे खोली है तूने शीशे की दुकान उस शहर मे पत्थर के खरीददार बहोत है युसुफ खान
Yusuf parwaz Yusuf parwaz
creatorbabu110
MohammedYunus Sahib
मुर्शीद अली कफील अली पेशवा अली (अ.स) मकसद अली मुराद अली मुद्दूआ अली (अ.स) मीर तकी मीर ©Saheb Ahmedabadi हज़रत अली अ.स #creativeminds
Gourav
दुनियॉ को पराया कर जब हर रात तेरा होने आता हूं , तुझे क्यों लगता है , दुनियॉ के बाद तेरे पास आता हूँ ? #हर.रात
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
भेड़िए को काम देना था तो अदालत बनवाई... गधे को कोट,टाई पहना के शराफ़त बनवाई..। एक नस्ल तो पढ़ लिखकर सिर्फ़ ताली बजा रहीं है... चंद अनपढ़ों की अक्ल से यहाँ बगावत बनवाई ..। यूँ कब तलक हम बैठॆ-बैठे सिर्फ़ बाल संवारते... इस तेज़ हवा के चलते हमने हज़ामत बनवाई ..। जब कोई मोहब्बत मॆं मरने को राज़ी न हुआ... तो हमने सरहदें खींची और शहादत बनवाई..। लंबी उम्र के चेहरे पे जब गहरी शिकन देखी... फ़ौरन एक बच्चे के हाथ से शरारत बनवाई ..। तमाम दुनियां के लोग बेखौफ़ होकर जीने लगे... इसलिए मुल्लाह को ज़र देकर क़यामत बनवाई ..। उसकी याद जब चाहे आकर हमको सताने लगी... सोच कर दिल,ज़ेहन के सामनॆ इज़ाज़त बनवाई ..। मैं तो बेगुनाह हूँ ये तब साबित हुआ ‘ ख़ब्तुल ’... जब दरोग़ा ने रिश्वत ली और ज़मानत बनवाई ..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 हज़ामत
Vivek Kumar
किसी के जज़्बातों को वही समझ पाया है, जिसने खुद ऐसा वक्त बिताया है|| दुसरे के दर्द को सहा है उसी ने , जिसे किसी की पलकों पे ठहरा हुआ आंसू नज़र आया है || गर आपका मन परेशान सा है , सोचो ये वक्त भी मेहमान सा है || रोज़ बा रोज़ ये भी गुज़र जाएगा , जो बिखरा हुआ है सब कुछ संवर जाएगा|| ज़िंदगी तो गुज़र जानी है सफर करते करते , अपनी सारी खुशियां अपनों की नज़र करते करते|| इस बात में भी एक अजीब सी ख़ुशी है , गर अपने हैं तभी अपनी भी ज़िंदगी है || ज़िंदगी के खेल भी अजब निराले होते हैं , कहीं अँधेरे तो कहीं उजाले होते हैं || नया सवेरा मिलता है इन अंधेरों से निकल के, सोना कुंदन बनता है आग में ही जल के || मौत तो आखिरी पड़ाव है ज़िंदगी के सफर का, तो आओ मज़ा लें इस सफर की हर डगर का|| "विवेक" #जज़बात