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Shraddha Yadav

सारा गाव झटला,पण रुबाब नाही हटला😎

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काळ्या मातीची माझी खाण
आणि शेतीच आमची शानं।

-श्रद्धा यादव सारा गाव झटला,पण रुबाब नाही हटला😎

vaishali

$  खटला  $

रस्त्यावरून ती , एकटीच जात आहे  !
अंधार पाहून जरा , मनात भीत आहे  !!

नसे कोणी दूरदूर , वाटेवरी त्या आज  !
काळीज आता तिचे , जरा काचरत आहे  !!

अचानक आला , वाटेत आडवा कोणी  !
अडकली नौका , जणू वादळात आहे  !!

टाकला हात त्याने , तिच्या अब्रूवरती   !
वाचवा वाचवा असा , ती टाहो फोडत आहे  !!

करुनि अब्रूची होळी , तो गेला निघून कोठे  !
रक्ताच्या थारोळ्यात ती , पडली निपचित आहे  !!

आजाद फिरतो नराधम , सावजाच्या शोधात  !
वर्षोनुवर्षे खटला , न्यायालयात सडत आहे  !!
_______________________ खटला #मराठीलेखणी #मराठीकविता

Aurangzeb Khan

#सर्वोच्च न्यायालय #Society

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Kavita jayesh Panot

न्याय की कतार 

अन्यायों की बस्तियों में,
देखो न्याय के लिए कतार लगी है।
छोटी नही है कोई आवाजे ,
दिल की गहराइयों से गुहार लगी है।
सुनने वाला जैसे बेहरा हो,
आँखों से दृष्ट राज ।
राज सभा में द्रोपतियो की भीड़ लगी है।
सरेआम छल ली जाती है ,
इज्जत बाजारों में किसी बेकसूर की।
जैसे किसी हैवान की वासना मुख में सजी हो।
किसी के घर पकवानों की थालियां सजती है,
तो कोई भूख से तड़प कर मौत की नींद सो जाता है।
कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा,
कोई लुटा देता है अपनी बुढ़ापे की जमा पूँजी भी,
एक न्याय की आस में।
फिर भी वर्षो से कागजातों में बंद उम्मीदे पड़ी है।
कोई अपने हक की कमाई के लिए ,
गिड़गिड़ाता है,
लाठी के सहारे भी पेंशन आफिस के चक्कर लगाता है।
न जाने ये न्याय का कैसा रास्ता है?
अधिकारों और न्याय की सुनवाई तो,
मन्दिरों के द्वार पर भी धागों में बंधी है।
अन्याय की इस बस्ती में ,
न्याय की कतारें लगी है।
न्याय की गद्दी पर बैठा अंधा है,
अन्यायों की महफ़िल हर जगह जमी है।
कोई मखमली लिबाज पहनें तो,
किसी को कफ़न भी न नसीब है।
ईश्वर ने बनाया इंसान ,
ये इतनी सारी अलग -अलग पहचान कैसे ,क्यों बनी है?
चलो अब इंसानियत को अपना मूल धर्म बना,
भेदों को  जहाँ से मिटा दे।
हर इंन्सा को उसके मूलभूत अधिकार दिला,
ख़ुशनुमा औरो के जीवन भी बना दे।
चलो आज समाज को सामाजिक न्याय और,
कर्तव्यों के सही मायने सीखा ,
अन्याय की बस्ती में आग लगा दे।।
कविता जयेश पनोत

©Kavita jayesh Panot #न्यायालय #न्याय#इंसानियत

Akshay Gupta

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Anushka Tripathi

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