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Ek villain
बीते दिनों में इसकी को सहित रूस के कई शहरों में मेट्रो स्टेशनों से लेकर एटीएम जैसे सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारों की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही थी एक बड़ा कारण था कि कि अपन गूगल वीजा मास्टरमाइंड कार अमेरिका एक्शन है पाल जैसी कंपनियों ने उसमें अपना परिचय बंद कर दिया था यूक्रेन पर रूसी हमले के विरोध में लगाई गई पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण इन कंपनियों ने यह कदम उठाया था तमाम अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं के भुगतान के लिए बड़ी नगदी की जरूरत से एटीएम के बारे में लोक दार बदर दिखे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भुगतान नेटवर्क से जुड़ी आशीष कंपनियों को अपनी सेवाओं को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है वेद लेनदेन पर आघात किया इस प्रदेश में एक नई बहस छेड़ दी गई कि बशिंग संस्थाओं में परिपूर्ण निर्भरता और शुक्र अदा संप्रदाय कितनी घातक है यदि भारत के समक्ष इस प्रकार की स्थितियां हुई तब भी क्या होगा सिर्फ भारत के संदर्भ में जिसका जवाब है ऐसा नहीं होगा जैसे कि रूस में देखने को मिला इससे भारत सरकार के दूरदर्शी नेताओं को जाता है जिस समय से रुपए कार्ड यूटीआई जैसे भुगतान प्रणालियों के ना केवल अपनाया बल्कि उनसे जरूरी प्रस्थान भी प्रदान किया मुक्ता नियम यानी एनपीसीआई के यहां दौर पेशकश ऐसी किसी भी संकट में भारत के लिए वरदान सिद्ध होगा वास्तव में पेमेंट इन्फेक्शन यानी वित्तीय भुगतान में ज्यादा डालना किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होती ©Ek villain $///वित्तीय आदमी निर्भरता का प्रेरित उदाहरण #Moon
NiKhiL KhUIE .....🖋️
Vipatti Se Badhkar….. Anubhav Sikhane Wala Koi Vidyalaya Aaj Tak Nahi Khula….!! – #message विपत्ती..
somnath gawade
दुसऱ्यांना 'कमी' लेखणाऱ्यांचा 'मोठेपणा' हा कधी चांगल्या शब्दात नोंदवला जात नाही. #वृत्ती
Vikas Yevale
प्रवास आणि प्रवासी हे सुत्रच निराळं असत. सोबतीला कोणी नसून आपणच आपले मित्र असतो. #as_u_wish💕 #hearts #प्रवास #सोबती #प्रवासी #शब्द
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
मूक हुई यहां पर सत्ता, बेड़ियों में बंधकर रह गए प्रशासन के हाथ। दर दर भटक रही यहां गरीब जनता, नही देने वाला है कोई इनका साथ।। सड़को पर है अपना मासूम पड़ा, मासूमियत लगाती है आवाज़ यहां। प्रशासनों में तो है अपनी अश्रव्यता, चाहे जितना भी चीखें अपना संत्रस्त जहां।। कहीं कहीं पर है निवाला फेंका जाता, कही पेट दबाकर है कोई सोता। आम जनता चाहे जितना भी लगाएं गुहार, सुनने वाला नही कोई होता।। हैवानियत भी सर चढ़कर बोल रही, पर नही यहां पर कोई जिम्मेदारी लेता। भ्रष्टाचार में संलिप्त हुई प्रशासन, औरों के भी हिस्से का सब कुछ लेता।। पैसों की है बस यहां लूट मची, नही होती है अब भावनाओं की कद्र यहां। बेड़ियों में बंध गया प्रशासन, दया, भाव, प्रेम, त्याग, समर्पण, सब मिट गया यहां।। #प्रशासन #बेड़ियों में प्रशासन #बेड़ियों
नेहा उदय भान गुप्ता
मूक हुई यहां पर सत्ता, बेड़ियों में बंधकर रह गए प्रशासन के हाथ। दर दर भटक रही यहां गरीब जनता, नही देने वाला है कोई इनका साथ।। सड़को पर है अपना मासूम पड़ा, मासूमियत लगाती है आवाज़ यहां। प्रशासनों में तो है अपनी अश्रव्यता, चाहे जितना भी चीखें अपना संत्रस्त जहां।। कहीं कहीं पर है निवाला फेंका जाता, कही पेट दबाकर है कोई सोता। आम जनता चाहे जितना भी लगाएं गुहार, सुनने वाला नही कोई होता।। हैवानियत भी सर चढ़कर बोल रही, पर नही यहां पर कोई जिम्मेदारी लेता। भ्रष्टाचार में संलिप्त हुई प्रशासन, औरों के भी हिस्से का सब कुछ लेता।। पैसों की है बस यहां लूट मची, नही होती है अब भावनाओं की कद्र यहां। बेड़ियों में बंध गया प्रशासन, दया, भाव, प्रेम, त्याग, समर्पण, सब मिट गया यहां।। #प्रशासन #बेड़ियों में प्रशासन #बेड़ियों
somnath gawade
कामात 'धर-सोड' वृत्ती असणाऱ्यांना 'धरून' कुठेतरी वाळवंटात 'सोडून' यावं 😂🤣 #धर-सोड वृत्ती
GUNENDRA SINGH PORTE
हम तो बैठे हैं अपने आसन पे, पर आप तो बैठे हैं सिंहासन पे। पटवारी आरआई बिक जाते हैं, अरे धिक्कार है ऐसे प्रशासन पे।। रचनाकार-गुणेन्द्र सिंह पोर्ते "अविराम" फिंगेश्वर राजिम गरियाबंद छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ ©GUNENDRA SINGH PORTE प्रशासन पे
Property Ki Baat
वित्तीय संपनता और भावनात्मक सुरक्षा दोनों । #happycustomers #propertybecho #propertykharido #logicense #propertyguru #bhopalrealestate #bho
Shankar Kamble
कुणांस ठाऊक प्रवासात या मुक्कामाचे गाव कोणते? दोन घडीची सोबत संगत अळवावरचे पाणी सरते.. कठीण परीक्षा आयुष्याची सहज ,सोपे नसते काही पान वेगळे, धडा वेगळा वेळ नी उत्तर समान नाही.. वेदनेचे गीत बनवूनी कुणी मुसाफिर आळवत जातो रडतो ,कुढतो, उगाच चिडतो वाट फिरूनी तीच चालतो.. खपली उडता भकास भिंती एक औकळा घरास देई चुकता गणती सुखदुःखाची हाती शिल्लक उरते काही..? एक पायरी चढण्यासाठी उन्हास त्या सावली केले हात पोळले तरीही माझे फितूर काजवे मलाच झाले.. उगाच चिंता, चिकार गुंता किती उगाळू तोच कित्ता मावळत्या सूर्याच्या साक्षी बहर येईल पुन्हा आता.. ©Shankar Kamble #celebration #जीवन #जीवनगाणे #जीवनअनुभव #जग #प्रवास #प्रवासी #जगणे #माणूस