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MOHAMMAD TAIMOOR EMPEROR
उसकी हँसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर, वो तो यूँही हँस हँस के खुद को सजा देता है। दर्द से राहत मिलती नहीं
Dr Shefali Sharma
Dil Shayari कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम ©Dr Shefali Sharma तबीब-डॉक्टर मर्ज़ ए इत्मिनान-दर्द से राहत शिफ़ा-ईलाज कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत लिए बैठे हैं हम.....#शायरी #notojolove
Vishal Singh Rajput
अगर रहूं मसरूफ़ तो दर्द से राहत है बीते कुछ दिनों से हम फुर्सत से डरते हैं vishalrajput_ अगर रहूं मसरूफ़ तो दर्द से राहत है, बीते कुछ दिनों से हम फुर्सत से डरते हैं...!! dali rajput Harshita Rajput Nikita Rajput दीपक शर्मा (दीप
Naveen
अब दम मेरा, मेरी सांसों में उलझने लगा है ! की हर सवेरे, घना अंधेरा सा होने लगा है !! लोग कहते की, मैं अब तुमसा लगने लगा हूं ! अब मैं अक्सर, खामोश रहने लगा हूं !! रह गई है, तो बस चादर की सिलवटें ! जिनसे आज भी जिक्र, सिर्फ तुम्हारा होता है !! क्यों रूखी है ये सांसें, इनका हिसाब कब होगा ! मैं भी हवा हो जाऊंगा , जब भी पास तुम होगी !! हर दुनिया फिर नई होगी, हर दर्द से राहत होगी ! यही सोचके दिन ढल रहे है, की कल फिर सुबह होगी !! रात का चांद भी चमक छोड़, तेरे दीदार को तरसे है ! अब रात भी सोने लगी है, तो सिर्फ तेरे ही ख्याल बरसे है !! ©Naveen Diariess अब दम मेरा, मेरी सांसों में उलझने लगा है ! की हर सवेरे, घना अंधेरा सा होने लगा है !! लोग कहते की, मैं अब तुमसा लगने लगा हूं ! अब मैं अक्सर,
atrisheartfeelings
दिल के जख्म आंसुओं से मैंने धो लिए जब भी तेरी याद आयी हम तो रो लिए आंसू ! एक दर्द की आवाज परिभाषा ना कोई इसकी बस दिल में सिसकारियां लेती , एक जंग से लड़ती आस .....!!!! शब्दों का रुदन , मन में घर बनाता हुआ
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अब दम मेरा, मेरी सांसों में उलझने लगा है ! की हर सवेरे, घना अंधेरा सा होने लगा है !! लोग कहते की, मैं अब तुमसा लगने लगा हूं ! अब मैं अक्सर, खामोश रहने लगा हूं !! रह गई है, तो बस चादर की सिलवटें ! जिनसे आज भी जिक्र, सिर्फ तुम्हारा होता है !! क्यों रूखी है ये सांसें, इनका हिसाब कब होगा ! मैं भी हवा हो जाऊंगा , जब भी पास तुम होगी !! हर दुनिया फिर नई होगी, हर दर्द से राहत होगी ! यही सोचके दिन ढल रहे है, की कल सुबह होगी !! रात का चांद भी चमक छोड़, तेरे दीदार को तरसे है ! अब रात भी सोने लगी है, तो सिर्फ तेरे ही ख्याल बरसे है !! ©Chauhan Naveen अब दम मेरा, मेरी सांसों में उलझने लगा है ! की हर सवेरे, घना अंधेरा सा होने लगा है !! लोग कहते की, मैं अब तुमसा लगने लगा हूं ! अब मैं अक्सर,
Mahendra Sharma
महेंद्र शर्मा सुजोक थेरेपीस्ट कैसे भी दर्द से संबंधित राहत के लिए आज ही संपर्क कीजिए 9099852662