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New तपस्विनी एक्सप्रेस रनिंग स्टेटस Quotes, Status, Photo, Video

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Mr kalsyan

सुबह-सुबह रनिंग #Sports

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Rajkumar kushwaha

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Rajkumar kushwaha

रनिंग 2sports #स्पोर्ट्स

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GOVIND SINGH

बेस्ट इमोशनल रनिंग #स्पोर्ट्स

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Artist Raj Saini

लाइफ एक्सप्रेस #Life_experience

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दिल...ए हालात कोई पूछता नही,
सब यही कहते हैं?
 कि तेरी सूरत बदल गई ।
राज सैनी लाइफ एक्सप्रेस

Sachin

गाव के लड़केकी रनिंग कहानि. #मराठीप्रेरक

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SK Poetic

तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा #प्रेरक

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writing quotes in hindi पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया ।वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के लिए आने वालों को स्वदेशी व स्वधर्म प्रेम के लिए प्रेरित करते थे। सुनंदा उनकी शिष्या बन गईं।

साध्वी सुनंदा ने साधु-संतों से संपर्क कर उन्हें स्वदेशी व स्वधर्म के लिए जन-जागरण करने के लिए तैयार किया। नैमिषारण्य में लोग ‘साध्वी तपस्विनी’ के नाम से उन्हें पुकारने लगे।

वे साधुओं की टोली के साथ गाँवों में पहुँचतीं और ग्रामीणों को विदेशी सत्ता के विरुद्ध विद्रोह की प्रेरणा देतीं। अंग्रेजों को जब साधु-संतों के इस अभियान का पता चला, तो सीतापुर के आस-पास के अनेक साधुओं को गोलियों से उड़ा दिया गया ।

तपस्विनी सुनंदा चुपचाप नेपाल जा पहुँचीं। वहाँ से गुप्त रूप से पुणे पहुँचकर उन्होंने लोकमान्य तिलक से आशीर्वाद लिया। वे स्वामी विवेकानंदजी से भी बहुत प्रभावित थीं। उन्होंने कलकत्ता में महाकाली कन्या विद्यालय की स्थापना की ।सुनंदा ने बंग-भंग के विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया। 16 अगस्त, 1906 को कोलकाता में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में हुंकार भरते हुए उन्होंने कहा, ‘यदि हम रक्षाबंधन के पवित्र दिन विदेशी वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार का संकल्प ले लें, तो अंग्रेजी सत्ता की जड़ें हिल जाएँगी।’
अगले ही वर्ष 1907 में राष्ट्रभक्त तपस्विनी ने कोलकाता में स्वदेशी का प्रचार करते हुए अंतिम सांस ली ।

©S Talks with Shubham Kumar तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा

Sokhar

लाइव एक्सप्रेस #Life

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Anand Kumar ' Shaad '.

जुमला एक्सप्रेस

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बहुत हुई महंगाई की मार,
अबकी बार मोदी सरकार,
बहुत हुआ बलात्कार,
अबकी बार मोदी सरकार,
कुछ याद भी है,
यह जुमला किसका था यार ? जुमला एक्सप्रेस

Dr. Bhagwan Sahay Meena

मनोरंजन एक्सप्रेस #मीम

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